कंपनी, डीलर या सरकार, एक गाड़ी बिकने पर किसके जेब में जाता है ज्यादा पैसा?
आजकल गाड़ियां महंगी हो गई हैं। शोरूम में बिकने वाली गाड़ियों में डीलर का कट होता है और सरकार को भी भारी टैक्स मिलता है। डीलर 3% से 8% तक मार्जिन कमाते हैं जबकि कंपनियों को 3% से 9% तक मुनाफा होता है। लेकिन सबसे ज्यादा कमाई सरकार की होती है जो टैक्स के जरिए 50% तक कमाती है। इसमें जीएसटी रोड टैक्स और सेस शामिल हैं।

ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। हाल के समय में आने वाली गाड़ियां काफी ज्यादा महंगी हो गई है। हालात ऐसे है कि लोगों को अब सबसे कम बजट वाली कार या बाइक को खरीदने में पसीने छूट जा रहे हैं। आपको जो ये गाड़ियां शोरूम या डीलरशिप के जरिए बेची जाती है, उसमें अनका कट शामिल होता है। इसी तरह से नई गाड़ी खरीदने पर सरकार के जेब में भी भारी अमाउंट जाता है। इसे आप ऐसे भी समझ सकते हैं कि आपको बेचे जाने वाले हर वाहन पर कंपने से लेकर सरकार तक की जेब में मोटा पैसा जाता है। जिसे देखते हुए हम यहां पर आपको बता रहे हैं कि एक गाड़ी खरीदने पर कंपनी, डीलर या सरकार में से किसके पास सबसे ज्यादा पैसा जाता है?
डीलर को कितना होता है फायदा?
कार और बाइक के डीलर को फायादा गाड़ी के प्रकार, ब्रांड और लोकेशन के आधार पर अलग-अलग होता है। एक डीलर किसी कार या बाइक की बिक्री पर 3% से 8% तक का मार्जिन कमाते हैं। कुछ मामलों में यह मार्जिन 10% से 15% तक भी हो सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इलेक्ट्रिक वाहनों पर डीलर को ज्यादा मार्जिन मिलता है। इसके साथ ही वह एक्सेसरीज, इंश्योरेंस और फाइनेंस के जरिए भी अपनी कमाई करते हैं।
वाहन निर्माता कंपनी को कितना फायदा?
सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम- SIAM) के एक रिपोर्ट के मुताबिक, शोरूम में बिकने वाले वाहनों पर कंपनियों को 3 से 9 फीसदी तक का मुनाफा होता है। मैन्युफैक्चरर्स को सबसे ज्यादा फायदा दो-पहिया वाहनों की बिक्री पर होता है। इनकी बिक्री पर कंपनियों को 9 फीसदी तक मुनाफा होता है। वहीं, पैसेंजर वाहनों की बिक्री पर 5 से 6 फीसदी तक का मुनाफा होता है। मैन्युफैक्चर को सबसे कम मुनाफा कमर्शियल वाहनों की बिक्री पर होता है, इससे केवल उन्हें 3 से 4 फीसदी तक का ही फायदा मिलता है।
सरकार के जेब में जाता है सबसे ज्यादा पैसा
ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स और डीलर एक गाड़ी बेचकर जितनी कमाई करती हैं, उससे कई गुना ज्यादा सरकार कमाती है। सरकार वाहनों पर टैक्स के जरिए कमाई करती है। इसमें जीएसटी (28%), रोड टैक्स (10-15%), और सेस जैसे कई चार्ज शामिल होते हैं। वाहनों पर सेस 1 से 22 फीसदी तक होता है। इस तरह से कुल मिलाकर सरकार एक वाहन पर 50 फीसदी तक की कमाई करती है।
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