Crash Test में 5 स्टार पाने वाली कारें भी सेफ्टी में हो जाएंगी फेल, अगर करेंगे ये पांच लापरवाही
भारत में सड़क हादसों को कम करने के लिए कारों में सेफ्टी फीचर्स दिए जा रहे हैं जिससे उन्हें क्रैश टेस्ट में अच्छी रेटिंग मिलती है। लेकिन ओवरस्पीडिंग सीट बेल्ट न लगाने गलत तरीके से बैठने ओवरलोडिंग और गाड़ी पलटने जैसी स्थितियों में फाइव स्टार रेटिंग वाली कारें भी सुरक्षा देने में विफल हो जाती हैं। इन स्थितियों में लापरवाही के कारण गंभीर चोट लगने का खतरा बढ़ जाता है।

ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। भारत में हर रोज बड़ी संख्या में सड़क हादसे होते हैं। इन हादसों में कई लोगों की मौत हो जाती है और कई लोग घायल हो जाते हैं। सड़कों पर ऐसे हादसों को कम करने के लिए वाहन निर्माताओं की ओर से कई तरह के सेफ्टी फीचर्स को कारों में दिया जा रहा है। जिसके बाद उनको क्रैश टेस्ट में फाइव स्टार जैसी सेफ्टी रेटिंग भी मिलती है। लेकिन किन स्थितियों में फाइव स्टार रेटिंग वाली कारें भी जान बचाने में विफल हो जाती हैं। हम आपको इस खबर में बता रहे हैं।
क्रैश टेस्ट के बाद मिलती है रेटिंग
कई सालों से कारों को लगातार सुरक्षित बनाने का काम किया जा रहा है। भारत में भी कुछ समय पहले BNCAP को शुरू किया गया है। जिसमें क्रैश टेस्ट के बाद कारों को 0 से 5 के बीच सेफ्टी रेटिंग दी जाती है। इसका फायदा आम आदमी को होता है और उनकी जान बचाने में यह कारें सफल भी होती हैं। लेकिन कुछ ऐसी स्थितियां भी होती हैं जब यह कारें जान बचाने में विफल भी हो जाती हैं।
ओवरस्पीडिंग में नहीं मिलती सुरक्षा
जब भी किसी कार का क्रैश टेस्ट किया जाता है तो उसे एक निश्चित स्पीड पर चलाते हुए क्रैश किया जाता है। जिसके बाद उसे रेटिंग दी जाती है। लेकिन असल में सड़कों पर जब उसी कार को चलाया जाता है तो कई बार अच्छी रेटिंग वाली कार में भी ज्यादा नुकसान होता है। इसका सबसे बड़ा कारण ओवरस्पीडिंग होती है। ओवरस्पीड के कारण कार को रेटिंग के मुताबिक सुरक्षा नहीं मिल पाती और हादसा ज्यादा गंभीर होने का खतरा बढ़ जाता है।
सीट बेल्ट न लगाना
सरकार की ओर से हादसों में कमी लाने और लोगों को सुरक्षित रखने के लिए सीट बेल्ट लगाना अनिवार्य किया जा चुका है। लेकिन अभी भी कई लोग ऐसे हैं जो कार में सफर के दौरान सीट बेल्ट नहीं लगाते। सीट बेल्ट न लगी हो और हादसा हो जाए तो कार सवार अच्छी रेटिंग वाली कार में ही क्यों न बैठा हो उसे गंभीर चोट लगने का खतरा होता है।
एयरबैग से भी होता है नुकसान
नई कारों में स्टैंडर्ड तौर पर छह एयरबैग दिए जा रहे हैं, लेकिन कुछ खास स्थितियों में छह एयरबैग जैसी सुरक्षा भी आपके लिए बेकार हो सकती है। ऐसा तब होता है जब लोग लापरवाही करते हुए कार में गलत तरीके से बैठते हैं और हादसे में गंभीर चोट लग जाती है।
ओवरलोडिंग से भी नुकसान
कार को क्रैश टेस्ट में भले ही अच्छी रेटिंग मिली हो लेकिन लापरवाही करते हुए उसमें क्षमता से ज्यादा लोग या सामान रखकर सफर किया जाए तो भी हादसा होने पर गंभीर नुकसान हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि कार को बनाते हुए और क्रैश टेस्ट के समय क्षमता के मुताबिक ही वजन रखा जाता है। लेकिन ओवरलोडिंग के समय क्षमता से ज्यादा वजन के कारण कार में उतनी सुरक्षा नहीं मिल पाती।
गाड़ी पलटने पर भी नहीं मिलती सुरक्षा
कई हादसे इतने भयंकर होते हैं जिनमें गाड़ी कई बार पलट भी जाती है। ऐसी स्थिति में भी अच्छी सेफ्टी रेटिंग वाली कार में भी ज्यादा चोट लगने का खतरा बढ़ जाता है।
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