Automatic vs Manual Car: ऑटोमैटिक या गियर वाली कार, कौन-सी गाड़ी ज्यादा देती है माइलेज
Automatic vs Manual Car Mileage बहुत से लोगों को यह कंफ्यूजन रहता है कि आखिरकार उन्हें ज्यादा माइलेज ऑटोमेटिक में मिलेगी या फिर मैनुअल कार में। हम यहां पर आपको इस सवाल का जवाब दे रहे हैं। इसके साथ ही बता रहे हैं कि कार का माइलेज किस पर पर निर्भर करता है। आइए जानते हैं कि दोनों में से कम पेट्रोल कौन खर्च करती है।

ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। जब भी हम कोई कार खरीदने के लिए जाते हैं, तो हम उसमें कई फैक्टर देखते हैं। इसमें कार में मिलने वाले सेफ्टी फीचर्स से लेकर माइलेज तक शामिल होता है। अक्सर बहुत से लोग हमसे यह सवाल करते हैं कि ऑटोमेटिक कार और मैनुअल गियर वाली कार में से कौन-सी गाड़ी ज्यादा माइलेज देती है। इस सवाल का जवाब कई तकनीकी पहलुओं पर निर्भर करता है, जिसमें इंजन, गियरबॉक्स, और ड्राइविंग स्टाइल तक शामिल होता है। आइए जानते हैं कि ऑटोमैटिक और मैनुअल कार में से कौन-सी गाड़ी ज्यादा माइलेज देती है।
1. मैनुअल कार (Manual Transmission)
- मैनअल यानी गियर वाली कार में ड्राइवर को गियर शिफ्ट करने की जिम्मेदारी होती है। इसमें कुछ तकनीकी पहलू होते हैं, तो मैनुअल कार का माइलेज (Manual car fuel efficiency) के मामले में थोड़ी ज्यादा फायदेमंद बन सकती है।
- मैनुअल गियरबॉक्स वाली गाड़ियों में ड्राइवर को इंजन की स्पीड और गियर शिफ्टिंग पर कंट्रोल होता है। ड्राइवर अपनी स्पीड को अपने हिसाब से कंट्रोल कर सकता है, जिससे इंजन ज्यादा से ज्यादा फ्यूल एफिशिएंसी मिल सकें।
- मैनुअल गियरबॉक्स में कम तकनीकी उपकरण का इस्तेमाल किया जाता है, जिसकी वजह से इसका रखरखाव कम महंगा होता है। यह कार की लंबी उम्र और अच्छी माइलेज के कारण बनता है।
2. ऑटोमेटिक कार (Automatic Transmission)
- ऑटोमेटिक गियर शिफ्टिंग की जिम्मेदारी गियरबॉक्स के पास होती है। इसकी वजह से ड्राइवर को गियर बदलने की चिंता नहीं होती है। यह गाड़ियों में मिलने वाली तकनीक माइलेज (Automatic car mileage) पर प्रभाव डाल सकते हैं।
- इसमें स्पीड के आधार पर खुद-ब-खुद गियर बदलात है, जिससे कार को हमेशा सही गियर में चलाया जा सकता है। इससे गियर बदलने में होने वाली गलती और ड्राइवर की लापरवाही कम होती है, जिसकी वजह से इंजन ज्यादा पेट्रोल खर्च नहीं करता है।
- हाल में आने वाली सभी गाड़ियों को ऑटोमैटिक गियरबॉक्स, जैसे CVT (Continuously Variable Transmission) के साथ पेश किया जाता है, जो बेहतर फ्यूल एफिशिएंसी देता है। यह इंजन की स्पीड और लोड को समक्षते हुए उसे सबसे प्रभावी गियर में खुद ही बदल देते हैं, जिससे माइलेज बेहतर मिलता है। इसमें ड्राइविंग अधिक स्मूद होती है, जिससे फ्यूल की खपत कम होती है।
कौन सी कार ज्यादा देती है माइलेज?
- मैन्युअल कार: मैनुअल ट्रांसमिशन के साथ आने वाली गाड़ियां अच्छा माइलेज देती है। यह पूरी तरह से ड्राइवर के ऊपर निर्भर करता है कि वह कार को किस तरह से चला रहा है। वहीं, इन गाड़ियों के लिए कम पावर की जरूरत होती है, जिससे माइलेज बेहतर मिलता है।
- ऑटोमैटिक कार: यह गाड़ियां मॉर्डन तकनीकों से लैस होती है, जो बेहतर फ्यूल एफिशिएंसी देने में मददगार होते है। इसकी वजह से यह गाड़ियां मैनुअल गियरबॉक्स के साथ आने वाली गाड़ियों के मुकाबले ज्यादा माइलेज देती है। वहीं, इन ट्रांसमिशन के साथ पेश करने वाले ऑटोमेकर भी ज्यादा माइलेज देने का दावा करते हैं।
जागरण एक्सपर्ट एडवाइस
कार चाहे मैनुअल गियरबॉक्स वाली हो या फिर ऑटोमैटिक गियर वाली (Gear vs automatic car comparison), यह कितना माइलेज देती है वह पूरी तरह से ड्राइवर के ऊपर निर्भर होता है। वह कार को किस तरह से चलाता है। वहीं, कंपनी की तरफ से जो माइलेज का दावा किया जाता है उसमें भी कई तरह के नियम और शर्ते होती है, जिसके मुताबिक कार को चलाने पर ही उतना माइलेज देती है। सबी ऑटोमेकर मैन्युअल और ऑटोमैटिक कार के लिए अलग-अलग माइलेज देने का दावा करते हैं।
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