नई दिल्ली ,ऑटो डेस्क। भारतीय बाजार में इन दिनों शानदार फीचर्स के साथ कारें लॉन्च हो रही हैं। लोग भी आजकल काफी जागरूक हो चुके हैं, इसलिए वो अपने लिए भी एडवांस कारों को ही सलेक्ट करते हैं। इंडियन मार्केट में जब भी कोई कार लॉन्च होती है तो उसे मैन्युअल गियरबॉक्स या फिर ऑटोमेटिक गियरबॉक्स के साथ बाजार में उतारा जाता है। लेकिन आज के समय में लोग ऑटोमेटिक गियरबॉक्स वाली कारों को अधिक पसंद कर रहे हैं, इसके कारण इसका चलन भी काफी तेजी से बढ़ता जा रहा है। आज हम आपको इस गियरबॉक्स के फायदे और नुकसान के बारे में बताएंगे।
ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन वाली कारों के फायदे
मैन्युअल ट्रांसमिशन की तुलना में ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन वाली कार में गियर बदलने की जरुरत नहीं होती है। अगर आप अपनी कार से लॉन्ग ड्राइव पर जा रहे हैं तो ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन आपके ड्राइविंग के एक्सपीरियंस को और भी बेहतरीन बनाता है। वहीं ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन इंजन के जरूरत के मुताबिक खुद ही गियर चेंज कर लेते हैं।
अगर आप उबड़-खाबड़ सड़कों पर आम कार के मुकाबले ऑटोमैटिक कार से जा रहे हैं तो आपको इसे हैंडल करना आसान हो जाता है। सबसे खास बात ये है कि अगर आप पहली बार कार चलाना सीख रहे हैं तो आपके लिए सीखना और चलाना दोनों आसान हो जाएगा। इसमें आपको गियर बदलने से छुटकारा भी मिल जाएगा।
ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन वाली कारों के नुकसान
ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन और AMT के मुकाबले गियर चेंज में समय लगता है और गियर शिफ्टिंग का पता भी साफ चलता है, कई बार तो आपको थोड़ा सा झटका भी महसूस होता है। ये मेंटेनेंस के मामले में मैन्युअल गियरबॉक्स से काफी महंगी होती हैं। लेकिन दोनों गियरबॉक्स की माइलेज काफी सामान्य होती है। जो कार पूरी तरह ऑटोमेटिक होती है उसमें फ्यूल की खपत अधिक होती है और इसका साफ असर माइलेज पर पड़ता है।
आप ऑटोमेटिक गियरबॉक्स को खुद के मर्जी से कम या फिर ज्यादा नहीं कर सकते हैं, इससे अचानक कार को ओवरटेक करने में दिक्कत होती है। जबकि मैनुअल गियरबॉक्स में अपनी कार के गियर को आप अपनी मर्जी के हिसाब से बदल सकते हैं।
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