रोबोट की दक्षता में सुधार के लिए आईआईटी बॉम्बे ने विकसित की तकनीक
आईआईटी बॉम्बे ने रोबोट की दक्षता में सुधार के लिए तकनीक विकसित की है। टीम ने नए अध्ययन में तीन नए एल्गोरिदम कां सुझाव दिया।तीनों एल्गोरिदम मिलकर संतुलित वर्कफ्लो सुनिश्चित करेंगे। ऑनलाइन टास्क एलोकेटर नाम का तीसरा एल्गोरिदम अन्य दो एल्गोरिदम की जानकारी का उपयोग यह निर्धारित करने के लिए करता है कि कितने रोबोट की आवश्यकता है और किस रोबोट को कौन सा कार्य करना चाहिए।
एएनआई, मुंबई। आईआईटी बॉम्बे ने रोबोट की दक्षता में सुधार के लिए तकनीक विकसित की है। आईआईटी बाम्बे की टीम ने नए अध्ययन में तीन नए एल्गोरिदम का सुझाव दिया है, जो रोबोटों की कार्य क्षमता निर्धारित करने में मदद करता है।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बाम्बे (आइआइटी बॉम्बे) के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. अनिर्बान गुहा ने कहा कि पारंपरिक रूप से उपयोग किए जाने वाले एल्गोरिदम की तुलना में हमारे एल्गोरिदम बेहतर हैं।
कैसे काम करता है एल्गोरिदम
पहला एल्गोरिदम, जिसे टास्क कैपेबिलिटी कहा जाता है, समूह में विभिन्न मापदंडों को निर्धारित कर प्रत्येक रोबोट का आकलन करता है।
दूसरा एल्गोरिदम, जिसे ऑनलाइन टास्क कैपेबिलिटी कहा जाता है, अन्य रोबोटों के साथ मापदंडों की तुलना करता है ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि कौन से रोबोट खराब प्रदर्शन कर रहे हैं। ऑनलाइन टास्क एलोकेटर नाम का तीसरा एल्गोरिदम अन्य दो एल्गोरिदम की जानकारी का उपयोग यह निर्धारित करने के लिए करता है कि कितने रोबोट की आवश्यकता है और किस रोबोट को कौन सा कार्य करना चाहिए।
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तीनों एल्गोरिदम मिलकर संतुलित वर्कफ्लो सुनिश्चित करते हैं। टीम ने दो प्रसिद्ध रोबोटों UR5 और फ्रैंकएमिका पांडा पर अपनी नई पद्धति का परीक्षण किया। नए एल्गोरिदम यदि लागू किए जाते हैं, तो कार्य में तेजी लाकर और अकुशल और अनावश्यक रोबोटों को हटाकर रोबोटों के प्रदर्शन को बढ़ावा दे सकते हैं।
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