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Hocky India: हॉकी इंडिया में छह साल बाद गोरखपुर की बेटी प्रीति ने की वापसी, कड़ी मेहनत का मिला फल

मूल रूप से खजनी क्षेत्र के भेउसा गांव निवासी प्रीति दूबे ने कक्षा छह से नौवीं तक की पढ़ाई वीर बहादुर सिंह स्पोर्ट्स कालेज से की। महज 17 वर्ष की उम्र में रियो डी जेनेरियो ओलिंपिक 2016 में हाकी स्टिक से बेहतर खेल का प्रदर्शन करने वाली फारवर्ड खिलाड़ी प्रीति पिछले कई वर्षों से टीम में वापसी के लिए कड़ी मेहनत कर रहीं थीं।

By Prabhat Pathak Edited By: Vivek Shukla Published: Mon, 06 May 2024 11:39 AM (IST)Updated: Mon, 06 May 2024 11:40 AM (IST)
प्रीति दुबे ने छह साल बाद हाकी इंडिया में वापसी कर ली है।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। भारतीय हाकी टीम से अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने वाली गोरखपुर की बेटी प्रीति दुबे ने छह साल बाद हॉकी इंडिया में वापसी कर ली है। उनका चयन दो मई को आगामी 20 मई से बेल्जियम और इंग्लैंड में होने वाली आइएचएफ हाकी प्रो लीग के लिए 24 सदस्यीय भारतीय टीम के लिए हुआ है। प्रीति के चयन से यहां के हाकी खिलाड़ी काफी उत्साहित हैं।

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मूल रूप से खजनी क्षेत्र के भेउसा गांव निवासी प्रीति दूबे ने कक्षा छह से नौवीं तक की पढ़ाई वीर बहादुर सिंह स्पोर्ट्स कालेज से की। उसके बाद ग्वालियर एकेडमी चली गईं। उनके पिता एके दूबे एनई रेलवे में ही तैनात हैं। मांग मिथिलेश दूबे गृहिणी हैं।

महज 17 वर्ष की उम्र में रियो डी जेनेरियो ओलिंपिक 2016 में हाकी स्टिक से बेहतर खेल का प्रदर्शन करने वाली फारवर्ड खिलाड़ी प्रीति पिछले कई वर्षों से टीम में वापसी के लिए कड़ी मेहनत कर रहीं थीं। जिसका फल उन्हें अंतत: टीम में चयन के रूप में मिला है।

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इससे पूर्व 19 वर्ष की उम्र में उन्होंने अंडर-23 सिक्स नेशन टूर्नामेंट बेल्जियम में बतौर कप्तान अपना अंतिम मैच खेला था। उसके बाद से ही वे किसी भी आयु वर्ग की टीम का हिस्सा नहीं रहीं। भारतीय सीनियर महिला टीम के लिए वर्ष 2017 में हाकी वर्ल्ड लीग के सेमीफाइनल में प्रीति अपना अंतिम मैच खेली थीं। वर्ष 2016 में रियो ओलंपिक के बाद उन्हें दुनिया की सबसे उभरती खिलाड़ी के रूप में सम्मानित किया गया था।

वर्ष 2022 में रांची में आयोजित रेलवे महिला हाकी प्रतियोगिता में कुल 10 गोल दागकर सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी बनी थीं। पिछले वर्ष आंध्र प्रदेश में आयोजित नेशनल गेम्स में भी 18 गोल दागकर मैन आफ द सीरीज बनी थीं। पुणे में आयोजित नेशनल गेम्स में भी शानदार प्रदर्शन किया था।

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इस बार भारतीय हाकी टीम 2024 ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई नहीं कर सकी है। प्रीति का अब अगला लक्ष्य अब 2028 ओलिंपिक में देश के लिए खेलना है। इसको लेकर काफी मेहनत कर रहीं हैं।

जूनियर टीम से प्रीति ने की थी शुरुआत

वर्ष 2014 में 15 वर्ष की उम्र में प्रीति का भारतीय जूनियर हाकी टीम के लिए चयन हुआ था। अगले पांच साल तक वे जूनियर से लेकर सीनियर टीमों तक में अहम सदस्य के रूप में शामिल रहीं। अब एक बार फिर वह भारतीय टीम का हिस्सा बनकर बेहतर प्रदर्शन करने को तैयार हैं।


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