संवादसूत्र, बछरावां। लोकतंत्र के महापर्व को लेकर मतदाता उत्साहित हैं। गली-मुहल्ले, चाय, पान की दुकानें हों या ट्रेन का सफर। चार लोगों के एकत्रित होते ही चुनाव की चर्चाएं शुरू हो जाती हैं। रविवार को रायबरेली से लखनऊ जा रही प्रयागराज इंटरसिटी एक्सप्रेस की पहली बोगी में बछरावां व उसके आसपास के कई लोग सफर के लिए चढ़े। सीट पकड़ते ही लोगों में चुनावी चर्चा शुरू हो गई।
कई लोगों ने सरकार के काम को सराहा तो समस्याओं पर भी सवाल उठाए। लोकसभा चुनावी चर्चा पर रिपोर्ट।
बोगी में बैठे कस्बा निवासी ऋषिदेव ने कहा कि चुनावी माहौल गर्म है। इस बार का चुनाव किसी के लिए हलवा नहीं है। कुछ भी हो सकता है। विकास का रथ बताने वालों की सरकार को ब्रेक भी लग सकती है, क्योंकि महंगाई और बेरोजगारी चरम पर है।
सभी के अलग-अलग विचार
इसी बीच बिशनपुर के सुरेश बोल पड़े कि भाजपा ने देश रक्षा की दिशा में बहुत काम किया है। आज देश विदेशी ताकतों के प्रति चौकन्ना है। अब तो विदेशियों की काली करतूतों पर भी सर्जिकल स्ट्राइक कर दी जाती है। हां, यह जरूर है कि बेरोजगारी तो बढ़ रही है। तभी सरौरा के चंद्रप्रकाश चौधरी ने कहा कि किसानों के लिए खेती किसानी करना मुश्किल हो गया है।
दिनभर जी तोड़ मेहनत करने के बाद फसल बचाने के लिए किसानों को खेतों में रतजगा करना पड़ रहा है। जो फसल पैदा होती है, उसका बाजार में उचित मूल्य नहीं मिल पाता है। हालाकि भाजपा ने कई क्षेत्रों में अच्छा काम किया है। आयुष्मान कार्ड, उज्ज्वला योजना, हर घर जल, सम्मान निधि, प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी कई योजनाओं से लोगों को लाभ मिला है।
तभी अर्पित वर्मा बोल पड़े कि अरे सब कुछ तो ठीक है, लेकिन इन बिचौलियों का क्या। पिछली फसल में धान खरीद केंद्रों पर बिचौलियों की धाक थी। किसानों को तो सिर्फ मायूसी मिली, इसीलिए किसानों के लिए बाजार केंद्र से अच्छा है, जहां कम से कम इंतजार तो नहीं करना पड़ता है। फसल आसानी से बिक जाती है। पैसा भी जेब में आ जाता है।
तभी संतोष ने कहा कि हम घर न बनवा पाते, अगर आवास न मिलता। हम तो सरकार से खुश हैं। हां राशन वितरण में कोटेदार थोड़ा बहुत गड़बड़ी कर देते है। इसी दौरान बिशुनपुर के विपिन बोल पड़े कि हां सब कुछ तो आवास ही है। जो लड़के बेरोजगार घूम रहे हैं, उनका क्या होगा। बड़ी मुश्किल से बिटिया को बीटेक करवाया था, लेकिन अभी तक उसे कहीं नौकरी नहीं मिली। अब लग रहा है कि उसकी शादी करके जिम्मेदारी से छुट्टी पाए।