Delhi Landfill Site: दिल्ली से कूड़े के पहाड़ हटाने में होगी और देरी, अब ये वजह आई सामने
राजधानी से कूड़े के पहाड़ कब हटेंगे इसकी कोई समय-सीमा अभी तय नहीं की जा सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि स्थायी समिति के बिना कूड़े के पहाड़ों को हटाने की निविदा निरस्त कर दी गई है। ऐसे में अब निगम को इन कूड़े के पहाड़ों को खत्म करने नए सिरे से निविदा आमंत्रित करनी होगी। अभी भलस्वा लैंडफिल साइट पर 54 लाख मीट्रिक कूड़ा पड़ा हुआ है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली में कूड़े के पहाड़ कब हटेंगे इसकी कोई समय-सीमा अभी तय नहीं की जा सकती है, क्योंकि निगम की परेशानी इन कूड़े के पहाड़ों को हटाने को लेकर कम नहीं हो रही है। इन कूड़े के पहाड़ों को हटाने की निगम की कार्ययोजना सिरे नहीं चढ़ पा रही है।
लैंडफिल साइटों से 30-30 लाख टन कूड़ा हटाने की थी योजना
गाजीपुर और ओखला लैंडफिल साइट से 30-30 लाख मीट्रिक टन कूड़े को हटाने की योजना थी। इसके लिए निगम ने सितंबर 2023 में इससे संबंधित निविदा प्रक्रिया को पूरा भी कर लिया था, लेकिन स्थायी समिति का गठन न होने की वजह से निविदा आवंटित नहीं हुई।
अब नई निविदा तैयार करेगा निगम
निविदा खोले हुए छह माह होने पर अब यह निविदाएं निरस्त हो गई है। ऐसे में अब निगम को इन कूड़े के पहाड़ों को खत्म करने नए सिरे से निविदा आमंत्रित करनी होगी।
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दिल्ली नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमारी योजना 2025 के अंतिम तक पहले कूड़े के पहाड़ों को खत्म करने की थी। इसके तहत अभी-अलग-अलग कंपनियों की मशीनों को हमने कूड़े के पहाड़ों को खत्म करने के लिए काम दे रखा है।
हमारी योजना थी कि एक ही कंपनी को 30-30 लाख टन पुराने कचरे को निस्तारित करने का कार्य दे दिया जाए। ताकि प्रशासनिक शक्ति भी कम लगे और काम भी जल्दी हो जाए। इसलिए हमने 30-30 टन की निविदाएं आमंत्रित की थी। पर, छह माह पूरा होने के बाद निगम निविदा आमंत्रित की थी कि वैद्यता खत्म हो गई है।
उल्लेखनीय है कि निविदा आमंत्रित करने के बाद पांच करोड़ से अधिक राशि की परियोजनाओं के लिए एजेंसी चयन का अधिकार निगम की स्थायी समिति के पास है, लेकिन स्थायी समिति का गठन आप सरकार ने इसलिए नहीं किया है क्योंकि वह एलजी द्वारा निगम में मनोनीत किए गए दस सदस्यों की नियुक्ति के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई हुई है।
नए सिरे निविदा आमंत्रित करेगा निगम
निगम पुरानी निविदा की वैद्यता खत्म होने के बाद अब नए सिरे निविदा प्रक्रिया शुरू करेगा। ताकि अगर, स्थायी समिति का गठन हो तो कम से कम इसको जल्द से जल्द मंजूरी ले जा सके।
निगम के अधिकारी ने बताया कि हम 45-45 लाख टन कचरे के निस्तारण की निविदा तैयार कर रहे हैं। इसके लिए जल्द ही निविदा को आमंत्रित करने के टेंडर निकाले जाएंगे।
मालूम हो कि भलस्वा लैंडफिल साइट पर 54 लाख मीट्रिक कूड़ा पड़ा हुआ है, जबकि गाजीपुर लैंडफिल पर 84.05 लाख मीट्रिक टन और ओखला लैंडफिल पर 34 लाख मीट्रिक टन कचरा निस्तारित होने के लिए पड़ा हुआ है।