Ghaziabad News: साया गोल्ड एवेन्यू में 2 साल से खराब थे 600 से ज्यादा RO के सेडिमेंट, लोगों के बीमार होने पर जागा बिल्डर
गाजियाबाद की साया गोल्ड एवेन्यू सोसायटी के फ्लैटों में लगे 600 से ज्यादा आरओ में लगे सेडिमेंट लगभग दो वर्ष से खराब थे। जिस वजह से लोगों को पानी में धूल मिट्टी और गंदगी मिल रही थी। सोसायटी के लोगों ने कहा कि बिल्डर ने उन्हें आरओ लगवाकर दिए थे। आरओ के सेडिमेंट अधिकतम एक वर्ष में जरूर बदलना चाहिए।
जागरण संवाददाता, साहिबाबाद। साया गोल्ड एवेन्यू सोसायटी के फ्लैटों में लगे 600 से ज्यादा आरओ में लगे सेडिमेंट दो वर्ष से खराब थे। जिस वजह से लोगों को पानी में धूल, मिट्टी और गंदगी मिल रही थी। ये आरओ बिल्डर ने लगवाए थे। लोगों के बीमार होने पर बिल्डर आरओ के सेडिमेंट बदलवाए हैं, लेकिन कुछ फ्लैटों में अभी भी सेडिमेंट नहीं बदले गए हैं।
सोसायटी के लोगों ने कहा कि बिल्डर ने उन्हें आरओ लगवाकर दिए थे। आरओ के सेडिमेंट अधिकतम एक वर्ष में जरूर बदलना चाहिए। एक वर्ष बाद काम करना कम बंद कर देता है। सेडिमेंट का काम पानी से गंदगी, और धूल व मिट्टी को अगल करना होता है। जब सेडिमेंट बदले गए तो वह बहुत खराब निकले।
वहीं कुछ आरओ के खराब हो चुके कार्बन फिल्टर भी बदले गए हैं। सोसायटी की पल्लवी ने बताया कि सेडिमेंट को बहुत पहले बदलवाना चाहिए था। बिल्डर ने पानी को लेकर प्रत्येक स्तर से लापरवाही की। सोसायटी में वाटर सप्लाई फिल्टर भी खराब था। उसे भी ठीक नहीं कराया गया। वहीं अभी तक वाटर साफ्नर प्लांट भी चालू नहीं हुआ है।
बंद मिला एक सबमर्सिबल
सोसायटी के लोगाें का आरोप है कि बेसमेंट की पानी की टंकी को भरने में भी लापरवाही की जा रही थी। बेसमेंट में दो सबमर्सिबल हैं। एक सबमर्सिबल खराब मिला। एक सबमर्सिबल से टंकी भरने में काफी समय लग जाता था। जिस वजह से टंकी खाली करके सफाई करने में लापरवाही की जाती थी। सबमर्सिबल को ठीक कराने काम शुरू कर दिया गया है।
फाल्ट का पुख्ता जानकारी नहीं
पेयजल टंकी में सीवर का पानी मिला कहां से अभी तक इस प्रश्न का जवाब किसी के पास नहीं है। ऐसे में बिल्डर और जीडीए के अधिकारी हवा में तीर चला रहे हैं।
बेसमेंट में पानी की टंकी और ओवर हैड टैंकों की सफाई कर खानापूरी कर दी गई है। मेंटेनेंस के स्टाफ को फाल्ट की पुख्ता जानकारी नहीं होने पर है लोगों में संशय की स्थिति हैं। सोसायटी के निमिश ने बताया कि जब तक फाल्ट का पता नहीं चलती तक लोग इसका पानी नहीं पियेंगे।