किडनी रैकेट का मकड़जाल: सवाई मान सिंह मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल और अधीक्षक ने दिया इस्तीफा, एक माह बाद गिरी गाज
फर्जी एनओसी के आधार मानव अंग प्रत्यारोपण (आर्गन ट्रांसप्लांट) मामले में सोमवार को सवाई मान सिंह मेडिकल कॉलेज (एसएमएस मेडिकल कॉलेज) के प्रिंसिपल डॉ. राजीव बगरहट्टा एवं अधीक्षक डॉ. अंचल शर्मा ने इस्तीफा दे दिया। दोनों का इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया गया। मामले की सच्चाई सामने आने के बाद दोनों से राजस्थान सरकार ने इस्तीफा देने को कहा था।
आदित्य राज, गुरुग्राम। फर्जी एनओसी के आधार मानव अंग प्रत्यारोपण (आर्गन ट्रांसप्लांट) मामले में सोमवार को सवाई मान सिंह मेडिकल कॉलेज (एसएमएस मेडिकल कॉलेज) के प्रिंसिपल डॉ. राजीव बगरहट्टा एवं अधीक्षक डॉ. अंचल शर्मा ने इस्तीफा दे दिया। दोनों का इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया गया।
मामले की सच्चाई सामने आने के बाद दोनों से राजस्थान सरकार ने इस्तीफा देने को कहा था। स्टेट आर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (सोटो) के चेयरमैन डॉ. सुधीर भंडारी से भी इस्तीफा देने को कहा गया है। समाचार लिखे जाने तक उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया था।
इसी साल मार्च के दौरान एंटी करप्शन ब्यूरो राजस्थान की टीम ने फर्जी एनओसी के आधार पर मानव अंग प्रत्यारोपण का मामला उजागर किया था। पकड़े जाने से घबराकर गिरोह के सरगना मुर्तजा अंसारी ने पांच किडनी डोनर व रिसीवर को गुरुग्राम में संचालित एक गेस्ट हाउस में शिफ्ट कर दिया था। पांचों को सीएम फ्लाइंग स्क्वाड की गुरुग्राम टीम एवं स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम ने छापेमारी कर पकड़ लिया था।
उधर, छानबीन के बाद राजस्थान एसीबी ने सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह, फोर्टिस अस्पताल के समन्वयक विनोद सिंह एवं गिरीराज शर्मा को गिरफ्तार कर पूछताछ की। बाद में जयपुर पुलिस ने भी तीनों से पूछताछ की।
बताया जाता है कि पूछताछ में एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल, अधीक्षक एवं सोटो के चेयरमैन डॉ. सुधीर भंडारी का नाम सामने आने पर उनसे राजस्थान सरकार ने इस्तीफा देने को कहा था। प्रिंसिपल एवं अधीक्षक ने इस्तीफा दे दिया। जयपुर पुलिस के प्रवक्ता ने इस्तीफे की पुष्टि की है। प्रवक्ता का कहना है कि एक महीने की जांच के बाद यह कार्रवाई हुई है।
सोटो के चेयरमैन डॉ. सुधीर भंडारी को पद से हटा दिया गया है। डॉ. भंडारी आरयूएचएस के वीसी के पद भी कार्यरत हैं। उस पद पर से भी हटाने की सिफारिश राजभवन से प्रदेश सरकार करेगी। बताया जाता है कि अभी मामले में कई अन्य अधिकारियों के ऊपर भी गाज गिरेगी।
मास्टरमाइंड की तलाश तेज
मास्टरमाइंड मुर्तजा अंसारी की तलाश में जयपुर पुलिस के साथ ही गुरुग्राम पुलिस द्वारा गठित एसआईटी ने पूरी ताकत झोंक कर रखी है। अंसारी ही बांग्लादेश में डोनर एवं रिसीवर से सेटिंग कराता था। सेटिंग करने के बाद दोनों को भारत बुलाता था। फिर किडनी ट्रांसप्लांट कराता था। वह मूल रूप से रांची का रहने वाला है। वहां भी पुलिस छापेमारी कर चुकी है। गिरोह में अंसारी के अलावा तीन और लोग मुख्य हैं। सभी फरार चल रहे हैं। तीन अन्य सरगनाओं में सुलेमान मूल रूप से बांग्लादेश का, मोहन नेपाली नेपाल का एवं सू-सू कंबोडिया का रहने वाला है। चारों की गिरफ्तारी से नेटवर्क पूरी तरह ध्वस्त हो सकेगा। जांच में यह भी सामने आ चुका है कि फोर्टिस अस्पताल ने मैड सफर प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी के साथ अंग प्रत्यारोपण के लिए एमओयू कर रखा था। जयपुर पुलिस कंपनी के निदेशक एवं एक कर्मचारी को गिरफ्तार कर चुकी है।