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Bomb Threat : 90 मिनट तेज रही दिल की धड़कन, लाडले को कलेजे से चिपका ले आए घर

सेक्टर 21 में रहने वाले फराज शेर ने बताया कि उनके तीन बच्चे डीपीएस 30 में पढ़ते हैं। जिम में होने के दौरान सुबह पत्नी का भावुक होते हुए आठ बजकर 48 मिनट पर फोन आया कि मोबाइल स्कूल का मैसेज देखो। उनकी पत्नी कार से और फराज स्कूल के पास ही जिम होने के कारण तत्काल स्कूल पहुंच गए।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek Tiwari Published: Thu, 02 May 2024 09:12 AM (IST)Updated: Thu, 02 May 2024 09:12 AM (IST)
Bomb Threat : 90 मिनट तेज रही दिल की धड़कन, लाडले को कलेजे से चिपका ले आए घर

मुनीश शर्मा, नोएडा। आपका बच्चे डीपीएस में पढ़ते तो उनको अभी ले आओ, दिल्ली के स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी भरा मेल जैसी जानकारी मिलना और पत्नी का फोन आने पर 122 में रहने वाले आदित्य त्यागी बुधवार सुबह पौने नौ बजे आफिस के रास्ते से ही घर वापस लौट आए।

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घर से पत्नी को कार में बैठाकर सीधे सेक्टर 122 स्थित डीपीएस स्कूल पहुंचे। इसी तरह सेक्टर 122 व 30 डीपीएस के हजारों अभिभावक अपने बच्चों के घर पहुंचने तक चिंतित रहे।

ऑफिस के रास्ते से वापस लौटे अभिभावक

आदित्य ने बताया कि बेटा 122 डीपीएस में कक्षा एक में पढ़ता है। सुबह 8 बजकर 40 मिनट पर सोसायटी ग्रुप, न्यूज और फिर पत्नी के फोन आने पर स्कूल में बम होने की जानकारी मिली। अफवाह मानते हुए पत्नी के कहने पर ऑफिस के रास्ते से गाड़ी वापस लौटा ली।

पत्नी संग बेटे के स्कूल पहुंचे तो स्कूल के बाहर भीड़ जमा थी। ज्यादा भीड़ होने पर 200 मीटर दूर गाड़ी छोड़ दी। सुरक्षा गार्ड द्वारा अभिभावकों को स्कूल गेट से अंदर नहीं जाने देने पर नोकझोंक हो रही थी और सहयोग करने की अपील की जा रही थी।

कहा जा रहा था कि बच्चे का नाम बुलाने पर ही गेट के पास आएं। आदित्य और उनकी पत्नी गेट से थोड़ी दूर खड़े हो गए। माइक पर बेटे का नाम बोलने पर गेट पर गए और बेटे को लिया और कलेजे से लगया। 10 बजकर 10 मिनट पर बेटे को लेकर घर आए।

मैसेज देखो..क्या करना है?

सेक्टर 21 में रहने वाले फराज शेर ने बताया कि उनके तीन बच्चे डीपीएस 30 में पढ़ते हैं। जिम में होने के दौरान सुबह पत्नी का भावुक होते हुए आठ बजकर 48 मिनट पर फोन आया कि मोबाइल स्कूल का मैसेज देखो। उनकी पत्नी कार से और फराज स्कूल के पास ही जिम होने के कारण तत्काल स्कूल पहुंच गए।

उस समय स्कूल के बाहर भीड़ नहीं थी। सुरक्षा गार्ड को भी कोई दिशा निर्देश उस समय तक नहीं दिए गए थे। हालांकि बच्चों को बस से आने जाने के कारण उनके साथ नहीं भेजा गया। वहीं फराज ने घर से अकेले कैब व सार्वजनिक परिवहन से आने वाले बच्चों की मदद की। गेट पर खड़े सीनियर विंग के कई बच्चों की उनके अभिभावकों से अपने मोबाइल से बात भी कराई। कई बच्चों को कैब व रिक्शा पकड़वाने में सहायता की।

स्कूल में कुछ हुआ है, बच्चों को लेने चलो

सेक्टर 122 निवासी इति जैन ने बताया कि सुबह कार्डिनेटर मैम की ओर से बच्चों को वापस ले जाने की जानकारी दी गई तो वह अपने पति संग डीपीएस 122 पहुंची।

स्कूल पहुंचने पर बम की धमकी होने की जानकारी मिली तो वह और उनके पति चिंतित हो गए। कक्षा दो व सात में पढ़ने वाले दोनों बच्चों को अपने संग ले आए। सीनियर विंग के बच्चों को गेट नंबर दो व जूनियर विंग को गेट नंबर एक से दिया गया। 


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