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हिमाचल उपचुनाव 2024: लाहौल-स्पीति विधानसभा उपचुनाव की तस्‍वीर हुई साफ, गुरु शिष्‍य में होगा मुकाबला

Himachal Assembly By-Election 2024 हिमाचल प्रदेश में लाहौल-स्‍पीति विधानसभा उपचुनाव की तस्‍वीर साफ हो गई है। यहां गुरु रवि ठाकुर और शिष्य अनुराधा राणा के बीच रोचक मुकाबला होगा। अब कौन किस पर भारी पड़ेगा। चार जून को चुनाव परिणाम यह बात पता चल जाएगी। करीब ढाई वर्ष पहले रवि ठाकुर ही अनुराधा राणा को राजनीति में लेकर आए थे।

By Himani Sharma Edited By: Himani Sharma Published: Mon, 06 May 2024 01:15 PM (IST)Updated: Mon, 06 May 2024 01:15 PM (IST)
लाहौल-स्पीति विधानसभा उपचुनाव में गुरु-शिष्‍य के बीच होगा मुकाबला (सोशल मीडिया)

हंसराज सैनी, मंडी। कांग्रेस पार्टी की ओर से अपना प्रत्याशी घोषित करने से लाहौल स्पीति विधानसभा उपचुनाव की तस्वीर काफी हद तक साफ हो गई है। अगर भाजपा के विद्रोही डॉ. रामलाल मार्कंडेय निर्दलीय मैदान में नहीं उतरे तो यहां गुरु रवि ठाकुर और शिष्य अनुराधा राणा के बीच रोचक मुकाबला होगा। अब कौन किस पर भारी पड़ेगा इस बात का पता तो चार जून को लग पाएगा।

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उपायुक्त कार्यालय में अनुबंध पर कार्यरत थी डाटा ऑपरेटर

करीब ढाई वर्ष पहले रवि ठाकुर ही अनुराधा राणा को राजनीति में लेकर आए थे। वह उपायुक्त कार्यालय में अनुबंध आधार पर डाटा ऑपरेटर के पद पर कार्यरत थी। नौकरी से इस्तीफा दिला सिस्सू वार्ड से जिला परिषद का चुनाव लड़वाया था। भाजपा के दो कार्यकर्ताओं ने यहां चुनाव लड़ा था।

भाजपा की अंतर्कलह में बाजी अनुराधा राणा के हाथ में लगी थी। अनुराधा राणा को जिला परिषद अध्यक्ष की कुर्सी दिलाने में रवि ठाकुर की अहम भूमिका रही थी। 2022 के विधानसभा चुनाव में अनुराधा राणा ने अपने गुरु रवि ठाकुर का साथ देकर उनकी जीत सुनिश्चित की थी।

राज्यसभा चुनाव के भाजपा में गए रवि ठाकुर

दोनों पहले एक ही दल कांग्रेस में थे। मार्च में हुए राज्यसभा चुनाव में रवि ठाकुर ने पार्टी लाइन से हट भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन के पक्ष में वोट किया था। बजट को लेकर जारी व्हिप का उल्लंघन करने पर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया था। इसके बाद रवि ठाकुर भाजपा में शामिल हो गए थे। लाहौल स्पीति विधानसभा उपचुनाव में टिकट भी थमा दिया था।

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अब गुरु शिष्य प्रतिद्वंद्वी बन एक दूसरे के आमने-सामने

गुरु शिष्य अब प्रतिद्वंद्वी बन एक दूसरे के आमने सामने खड़े हो गए हैं। लाहौल स्पीति में करीब 25474 मतदाता हैं। इसमें 67 प्रतिशत लाहौल और 33 प्रतिशत स्पीति वैली में हैं।

कांग्रेस ने 52 वर्ष बाद महिला को मैदान में उतारा

कांग्रेस ने 52 वर्ष बाद यहां महिला को चुनाव मैदान में उतारा है। 1972 में रवि ठाकुर की माता लता ठाकुर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वाली पहली महिला प्रत्याशी थी। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश की महिलाओं को हर माह 1500 रुपये देने की घोषणा की थी। इसकी शुरुआत सबसे पहले लाहौल स्पीति से हुई है। कांग्रेस यहां मातृशक्ति के दम पर अपनी जीत की संभावना दिख रही है।

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दुविधा में डॉ. मार्कंडेय, जनता पर छोड़ा अपना भविष्य

अनुराधा राणा को कांग्रेस का टिकट मिलने से भाजपा के विद्रोही डॉ. रामलाल मार्कंडेय अब दुविधा में पड़ गए हैं। वह कांग्रेस का टिकट मिलने की पूरी उम्मीद लगाए बैठे थे। पर्यवेक्षक बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी,मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर, मनाली के विधायक भुवनेश्वर गौड़ और जिला कांग्रेस कमेटी की रिपोर्ट तथा प्रस्ताव डॉ. मार्कंडेय की राह में रोड़ा बन गया। पर्यवेक्षकों और जिला कांग्रेस कमेटी ने पार्टी कैडर से टिकट देने की वकालत की थी। अनुराधा राणा को इसका लाभ मिला।

निर्दलीय चुनाव लडूंगा या नहीं। मैंने यह सब लाहौल स्पीति की जनता पर छोड़ दिया है। जनता जैसा निर्णय लेगी। वह मुझे मान्य होगा। 

डॉ. रामलाल मार्कंडेय,पूर्व मंत्री


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