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KK Pathak ने हटाई विश्वविद्यालयों के बैंक खातों पर लगी रोक, मगर अब तक नहीं हुआ सैलरी-पेंशन का भुगतान

मगध विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. समीर शर्मा ने बताया कि खातों में राज्य सरकार से पैसे उपलब्ध नहीं कराये जाने से अब तक वित्तीय कामकाज सुचारू नहीं हो पाया है। शिक्षा विभाग द्वारा पूर्व का बकाया 517 करोड़ की राशि नहीं मिली है। विश्वविद्यालय को अपने आंतरिक स्त्रोत से राशि जुटानी पड़ रही है और उसके माध्यम से वेतन-पेंशन भुगतान करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

By Dina Nath Sahani Edited By: Rajat Mourya Published: Mon, 06 May 2024 07:16 PM (IST)Updated: Mon, 06 May 2024 07:16 PM (IST)
KK Pathak ने हटाई विश्वविद्यालयों के बैंक खातों पर लगी रोक, मगर अब तक नहीं हुआ सैलरी-पेंशन का भुगतान

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के विश्वविद्यालयों के खातों के संचालन से लगी रोक तो हट गई है, लेकिन शिक्षकों एवं कर्मचारियों को जनवरी से लंबित वेतन-पेंशन का भुगतान शुरू नहीं हो पाया है। इसकी बड़ी वजह विश्वविद्यालयों के खातों में सरकार से फंड रिलीज नहीं होना है।

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पटना उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में शिक्षा विभाग के साथ सोमवार को आयोजित बैठक में कुलपतियों ने अपनी समस्याओं को बताते हुए इसकी जानकारी दी। हालांकि शिक्षा विभाग की ओर से इसका जल्द समाधान होने का भरोसा दिलाया गया।

वित्तीय कामकाज नहीं हो पाया सुचारू

बैठक में शामिल मगध विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. समीर शर्मा ने बताया कि खातों में राज्य सरकार से पैसे उपलब्ध नहीं कराये जाने से अब तक वित्तीय कामकाज सुचारू नहीं हो पाया है। शिक्षा विभाग द्वारा पूर्व का बकाया 517 करोड़ की राशि नहीं मिली है। इसके कारण विश्वविद्यालय को अपने आंतरिक स्त्रोत से राशि जुटानी पड़ रही है और उसके माध्यम से वेतन-पेंशन भुगतान करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

वहीं, बैठक में जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा के कुलपति डॉ. प्रमेंद्र कुमार बाजपेयी ने विश्वविद्यालयों एवं अंगीभूत महाविद्यालयों के नैक मूल्यांकन के लिए राज्य सरकार से राशि आवंटित करने की मांग रखी। कुलपतियों ने अतिथि शिक्षकों के लिए राशि उपलब्ध नहीं होने से उनके भुगतान लंबित रहने का मसला भी उठाया।

कुलपतियों ने कहा कि अतिथि शिक्षकों के सेवा छोड़ चले जाने से शिक्षण कार्य पर असर पड़ रहा है। ऐसे में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के अधिकार कुलपति को दिए जाएं। साथ ही अतिथि शिक्षकों के समय से वेतन भुगतान की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

बैठक में नहीं पहुंचे केके पाठक

बैठक में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक नहीं पहुंचे। इसे लेकर कुलपतियों ने बैठक में कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश से यह बैठक आयोजित की गई है, लेकिन इसमें अपर मुख्य सचिव नहीं आए।

हालांकि, शिक्षा विभाग के सचिव बैद्यनाथ यादव ने बैठक में शामिल कुलपतियों, प्रतिकुलपतियों, वित्तीय परामर्शियों, कुलसचिवों, परीक्षा नियंत्रकों एवं वित्त पदाधिकारियों को जानकारी दी कि अपर मुख्य सचिव केके पाठक स्वास्थ्य कारणों से बैठक में नहीं आए। वे बैठक में बैठ पाने की स्थिति में नहीं हैं।

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