निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम को लेकर बड़ा खुलासा, CM की अनुमति के बावजूद उनके खिलाफ नहीं हुई FIR
टेंडर कमीशन घोटाले में निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के खिलाफ मुख्यमंत्री की अनुमति के बावजूद भ्रष्टाचार की प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई थी। छह जुलाई 2023 को जल संसाधन विभाग ने मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग के प्रधान सचिव से इस विषय पर पत्राचार किया था। ईडी की अनुशंसा पर मुख्यमंत्री की सहमति लेकर विभाग ने मंत्रिमंडल निगरानी से प्राथमिकी दर्ज करने की अनुशंसा की थी।
राज्य ब्यूरो, रांची। मुख्यमंत्री की अनुमति के बावजूद झारखंड एसीबी में सवा सौ करोड़ की अवैध संपत्ति अर्जित करने के आरोपित ग्रामीण कार्य विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई थी।
सीएम की अनुमति मिलने के बाद भी नहीं दर्ज हुई प्राथमिकी
वीरेंद्र राम के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने की अनुशंसा जल संसाधन विभाग ने छह जुलाई 2023 को की थी। मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग के प्रधान सचिव को भेजे गए पत्र में स्पष्ट लिखा गया था कि ईडी की जांच रिपोर्ट के आधार पर विधिक परामर्श, मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद लिए गए निर्णय के आधार पर प्राथमिकी दर्ज करने की अनुशंसा की जा रही है।
इसकी प्रतिलिपि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को भेजी गई थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से उक्त फाइल पर सहमति ली गई थी। अनुमति के बाद जल संसाधन विभाग ने छह जुलाई 2023 को वीरेंद्र राम पर प्राथमिकी दर्ज करने के लिए मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग के प्रधान सचिव से पत्राचार किया था। इसके बावजूद एसीबी में प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई।
जमशेदपुर में दर्ज केस से अलग एसीबी रांची में दर्ज होना था नया केस
एसीबी व मंत्रिमंडल निगरानी के बीच घूमती रही फाइल
ये भी पढ़ें: