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Bihar Politics: नीतीश कुमार ने तैयार की नई रणनीति, JDU नेताओं को दिया ये टास्क; सियासी पारा हाई

जदयू का तीसरे चरण के मतदान पर खूब जोर है। इस चरण में पांट सीटों पर मतदान होना है जिनमें तीन सीटों पर जदयू के सांसद हैं। जदयू अपने वोट बैंक के लिहाज इन तीनों सीट क्रमश झंझारपुर सुपौल और मधेपुरा में अपनी सक्रियता दिखाता रहा है। तीसरे चरण का महत्व इस मायने में भी कुछ अधिक है कि जाति आधारित गणना की रिपोर्ट कसौटी पर रहेगी इस चरण में।

By BHUWANESHWAR VATSYAYAN Edited By: Rajat Mourya Published: Tue, 30 Apr 2024 02:21 PM (IST)Updated: Tue, 30 Apr 2024 02:21 PM (IST)
मुंगेर की रैली में प्रधानमंत्री मोदी के साथ नीतीश कुमार। (फोटो- एएनआई)

भुवनेश्वर वात्स्यायन, पटना। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष की हैसियत से नीतीश कुमार ने अपने दल के स्थानीय नेताओं को यह टास्क दिया है कि वे जीत के अंतर यानी मार्जिन बढ़ाने को केंद्र में रख काम करे। तीसरे चरण के लिए चुनाव प्रचार पर निकलने के पूर्व जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने इस टास्क को अपनी इंटरनल वर्चुअल बैठक में इसे आगे किया था। इन लोकसभा क्षेत्रों में नीतीश कुमार की चुनावी सभाएं भी आरंभ हो चुकी हैं।

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तीसरे चरण पर खूब है जोर

जदयू का तीसरे चरण के मतदान पर खूब जोर है। इस चरण में पांट सीटों पर मतदान होना है जिनमें तीन सीटों पर जदयू के सांसद हैं। जदयू अपने वोट बैंक के लिहाज इन तीनों सीट क्रमश: झंझारपुर, सुपौल और मधेपुरा में अपनी सक्रियता दिखाता रहा है।

जाति आधारित गणना की रिपोर्ट कसौटी पर

तीसरे चरण का महत्व इस मायने में भी कुछ अधिक है कि जाति आधारित गणना की रिपोर्ट कसौटी पर रहेगी इस चरण में। जाति आधारित गणना की अभी जिला व प्रखंडवार कोई रिपोर्ट नहीं आयी है। पर राज्य स्तर पर जो रिपोर्ट आयी है उसमें अति पिछड़ा वर्ग के लोगों की संख्या बढ़ी है।

यह तय है कि अतिपिछड़ा वर्ग की जो आबादी बढ़ी है उसमें तीन लोकसभा क्षेत्र क्रमश: झंझारपुर, सुपौल व मधेपुरा की भी बड़ी हिस्सेदारी होगी। अतिपछड़ा व पिछड़ा वर्ग के लोगों के लिए जाति आधारित गणना की रिपोर्ट आने के बाद राज्य सरकार ने उनके आरक्षण के दायरे को बढ़ा दिया है।

मार्जिन की बात कुछ इस तरह होती है

मार्जिन बढ़ाने के टास्क पर जदयू नेताओं का कहना है कि यह 2019 के आम चुनाव में जदयू को हासिल मतों के आधार पर है। वर्ष 2019 के आम चुनाव में झंझारपुर से जदयू प्रत्याशी रामप्रीत मंडल को 6, 02,381 वोट आए थे जबकि उनके मुकाबले में रहे राजद प्रत्याशी गुलाब यादव को 2,79, 440 वोट आए थे।

प्रतिशत के आधार पर बात करें तो जदयू प्रत्याशी को 56.80 प्रतिशत तथा राजद को 26.35 प्रतिशत वोट आए थे। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष का कहना है कि हार-जीत का जो यह मार्जिन है उसे और बड़ा किया जाए।

इसी तरह मधेपुरा में जदयू प्रत्याशी दिनेशचंद्र यादव ने राजद के दिग्गज शरद यादव को पराजित किया था। दिनेशचंद्र यादव को 54.42 प्रतिशत वोट आए थे जबकि राजद प्रत्याशी शरद यादव को 28.14 प्रतिशत वोट ही मिले थे।

सुपौल में जदयू प्रत्याशी दिलेश्वर कामत को 2019 के आम चुनाव में 53.78 प्रतिशत वोट मिले थे। उनके मुकाबले में रहीं रंजीत रंजन को 29.76 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे। जदयू ने तीसरे चरण की सीट पर पिछले आम चुनाव में जीतकर आए अपने प्रत्याशियों में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया है।

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