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Akshaya Tritiya 2024: 10 मई को मनाया जाएगा अक्षय तृतीया का पर्व, विष्णु संग मां लक्ष्मी की बरसेगी कृपा

सनातन धर्म में वैशाख मास को पुण्य मास माना गया है। मास में श्री हरि के साथ माता लक्ष्मी की असीम कृपा बरसती है। ज्योतिष शास्त्र में अक्षय तृतीया को सर्वश्रेष्ठ सिद्ध मुहूर्त माना जाता है। वैशाख शुक्ल तृतीया तिथि 10 मई शुक्रवार को रोहिणी नक्षत्र व रवियोग में अक्षय तृतीया का पर्व मनेगा। इस दिन गंगा स्नान करने के साथ दान-पुण्य व सोने-चांदी की खरीदारी करना शुभ होता है।

By prabhat ranjan Edited By: Shoyeb Ahmed Published: Tue, 07 May 2024 12:20 AM (IST)Updated: Tue, 07 May 2024 12:28 AM (IST)
10 मई को मनाया जाएगा अक्षय तृतीया का पर्व (फाइल फोटो)

जागरण संवाददाता, पटना। Akshaya Tritiya 2024: सनातन धर्म में वैशाख मास को पुण्य मास माना गया है। मास में श्री हरि के साथ माता लक्ष्मी की असीम कृपा बरसती है। ज्योतिष शास्त्र में अक्षय तृतीया को सर्वश्रेष्ठ सिद्ध मुहूर्त माना जाता है।

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वैशाख शुक्ल तृतीया तिथि 10 मई शुक्रवार को रोहिणी नक्षत्र व रवियोग में अक्षय तृतीया का पर्व मनेगा। इस दिन गंगा स्नान करने के साथ दान-पुण्य व सोने-चांदी की खरीदारी करना शुभ माना जाता है। इस दिन शुभ कार्य करने से गोदान फल की प्राप्ति होती है।

घरों में पूजा अर्चना का है विशेष महत्व

ज्योतिष आचार्य पंडित राकेश झा ने बताया कि 10 मई को अक्षय तृतीया पर सौ वर्षों बाद गजकेसरी राजयोग का पुण्यकारी संयोग बना रहेगा। इस दिन घरों से लेकर मंदिरों में भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी, गौरी की विधि-विधान के साथ पूजा अर्चना करने का विशेष महत्व है।

भगवान विष्णु व मां लक्ष्मी को कमल के पुष्प, श्वेत फूल, कमलगट्टा, इत्र आदि चढ़ाने के साथ कनकधारा स्त्रोत का पाठ करना शुभ माना जाता है। इस दिन सोने, चांदी की खरीदारी करने से अक्षय लाभ व मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।

अक्षय तृतीया के दिन भगवान परशुराम का मनाया जाता है प्राकट्योत्सव

अक्षय तृतीया के दिन भगवान परशुराम का प्राकट्योत्सव मनाया जाता है। वहीं, इस दिन सतयुग व त्रेता युग का आरंभ माना गया है। अक्षय तृतीया के दिन पूजा अर्चना के बाद बद्रीनाथ व केदारनाथ का कपाट भक्तों के लिए खोला जाता है।

अक्षय तृतीया पर मिट्टी का पात्र दीपक, घड़ा, कलश की खरीदारी स्वर्ण की खरीदारी के बराबर शुभ फल देने वाला होता है। अक्षय तृतीया पर पूरे दिन पूजन व खरीदारी करने का शुभ मुहूर्त है।

खरीदारी व पूजन का शुभ मुहूर्त

तृतीया तिथि: प्रातः 05:40 बजे से पूरे दिन

रोहिणी नक्षत्र: दोपहर 12:32 बजे तक

चर-लाभ-अमृत योग: प्रातः 05:40 बजे से 10:07 बजे तक

अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:20 बजे से 12:13 बजे तक

शुभ योग मुहूर्त: दोपहर 11:46 बजे से 01:26 बजे तक

चर योग मुहूर्त: शाम 04:45 बजे से 06:24 बजे तक

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