Move to Jagran APP

चुनावी किस्सा: मंच नहीं था, स्कूल की छत पर चढ़ गए थे चौधरी चरण सिंह, अपने भाषण से जनता को बना दिया था मुरीद

Lok Sabha Election 2024 बिहार के मधेपुरा में पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह एक चुनावी जन सभा को संबोधित करने पहुंचे थे। रैली का आयोजन केशव कन्या उच्च विद्यालय में किया गया था। भीड़ खूब थी। मंच नहीं बन पाया था। इसके बाद चौधरी चरण सिंह स्कूल की छत पर चढ़ गए थे। वहां से उन्होंने जोरदार भाषण दिया था।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Published: Tue, 30 Apr 2024 04:15 PM (IST)Updated: Tue, 30 Apr 2024 04:15 PM (IST)
लोकसभा चुनाव 2024: पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह। (फाइल फोटो)

धर्मेंद्र भारद्वाज, मधेपुरा। वर्ष 1970 में लोकदल के प्रत्याशी राधाकांत यादव के पक्ष में प्रचार करने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह बिहार के मधेपुरा पहुंचे थे। उन्होंने शहर स्थित केशव कन्या उच्च विद्यालय के मैदान पर भाषण दिया था।

loksabha election banner

उन्हें सुनने बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे। भीड़ के कारण भाषण में परेशानी हो रही थी। मंच भी नहीं बन पाया था। स्थिति को देखते हुए वे स्कूल की छत पर चढ़ गए थे और वहीं से भाषण दिया।

भाषण में खूब बजी थी ताली

चौधरी चरण सिंह ने कहा था कि देश में विकास का रास्ता गांव व खलिहान से होकर गुजरता है। गांवों के विकास के बिना देश की तरक्की की बात करना बेमानी है। उनके भाषण के दौरान खूब ताली बजी थी। इस चुनाव में राधाकांत यादव ने जीत दर्ज की थी।

यह भी पढ़ें: 2019 में सीतामढ़ी में हुआ था खेला, 14 प्रत्याशियों को नोटा से मिली थी शिकस्त; जमानत भी हुई थी जब्त

उस समय प्रत्याशी के करीबी रहे बीएन मंडल विश्वविद्यालय के पूर्व परीक्षा नियंत्रक सह साहित्यकार डॉ. भूपेंद्र मधेपुरी कहते हैं कि भाषण के बाद पूर्व प्रधानमंत्री ने दूध पीने की ईच्छा जताई थी। दूध का इंतजाम नहीं हो पा रहा था तो उन्होंने (डॉ. भूपेंद्र) अपने घर से दूध मंगाकर दिया था।

दूर-दूर से सभा में पहुंचे थे लोग

चौधरी चरण सिंह उस समय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। उनकी पार्टी से ही मधेपुरा में राधाकांत यादव चुनाव लड़ रहे थे। पूर्व परीक्षा नियंत्रक बताते हैं कि उनका भाषण सुनने लोग दूर-दूर से आए थे। उस समय परिवहन की व्यवस्था भी सुदृढ़ नहीं थी।

लोग पैदल ही 20-20 किलोमीटर चलकर पहुंचे थे। पूरा मैदान लोगों से भर गया था। उस समय नेताओं का भाषण लोग बड़े चाव से सुनते थे। उनकी बातों को मानते थे। भाषण के बाद भी चुनाव का रुख बदल जाता था। आज की स्थिति वैसी नहीं है।

यह भी पढ़ें:  यहां नक्षत्रों के भरोसे प्रत्याशियों का नामांकन, सभी ने पंडितों से शुभ मुहूर्त निकलवाया


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.