उत्तरकाशी में भारत-चीन सीमा पर सोनम नदी में बनी झील
भारत-चीन सीमा पर सोनम नदी में पहाड़ी का एक बड़ा हिस्सा गिरने से वहां झील बन गई है। इससे उत्तरकाशी जिले के भटवाड़ी ब्लाक की बड़ी आबादी को खतरा पैदा गया है।
उत्तरकाशी, [जेएनएन]: भारत-चीन सीमा पर सोनम नदी में पहाड़ी का एक बड़ा हिस्सा गिरने से वहां झील बन गई है। इससे उत्तरकाशी जिले के भटवाड़ी ब्लाक की बड़ी आबादी को खतरा पैदा गया है। जिलाधिकारी दीपेंद्र कुमार चौधरी ने देर रात झील बनने की पुष्टि की। बताया कि सोमवार को प्रशासन, एसडीआरएफ व बीआरओ का दल मौके पर पहुंचकर वस्तुस्थिति का जायजा लेगा।
जिलाधिकारी ने बताया कि गत 27 अगस्त को भारत-चीन सीमा पर उत्तरकाशी से 138 किलोमीटर दूर आइटीबीपी की चौकी से चार किलोमीटर आगे अंगारखाला के पास पहाड़ी का एक हिस्सा टूटकर नदी में समा गया था। इससे वहां पर छोटी झील बन गई थी। कुछ पर्यटकों और आइटीबीपी के जवानों ने इसकी सूचना दी। इसके बाद प्रशासन ने जानकारी जुटाई।
पढ़ें:-यहां हर बरसात में झील में समा जाता है पुल, अलग-थलग पड़ जाते हैं 40 गांव
इस बीच लगातार भूस्खलन से काफी मात्रा में मलबा नदी में जमा हो गया, जिसने रविवार को बड़ी झील का रूप ले लिया। डीएम के अनुसार झील की लंबाई लगभग 80 मीटर और चौड़ाई 70 मीटर बताई जा रही है। इसकी गहराई तीन मीटर तक होने का अनुमान लगाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिस स्थान पर झील बनी है, वह इलाका आबादी के नजदीक है।
पढ़ें:-इस गुमनाम झील के बारे में मिली रोचक जानकारी, जानकर हो जाएंगे हैरान
ऐसे में झील का आकार बढऩे पर आबादी को खतरे की आशंका जताई जा रही है। बताया कि फिलहाल विभिन्न स्रोतों से सूचना जुटाई जा रही है। वस्तुस्थिति का पता लगाने के लिए सोमवार को संयुक्त दल मौके पर जाएगा। इसके बाद ही इस खतरे से निपटने के उपायों पर विचार किया जाएगा।
पढ़ें-चारधाम यात्रा मार्गों के सुधार को सरकार ने की कसरत तेज
भारत-तिब्बत सीमा से निकलती है सोनम नदी
सोनम नदी भारत-तिब्बत सीमा के सुमला व मेंडी से निकलने वाले नालों से मिलकर बनती है। सुमला व मेंडी क्षेत्र ट्रांस हिमालय क्षेत्र में आता है। शीतकाल में यहां की पहाडिय़ों बर्फ से ढकी रहती हैं। गर्मी के सीजन में बर्फ के पिघलने से इन नालों का पानी बढ़ जाता है। ये नाले पीडीए कैंप के पास मिलते हैं। पीडीए से इस नदी का नाम सोनम नदी कहते हैं। पीडीए कैंप से होते हुए सोनम नदी त्रिपानी कैंप होकर सुमला कैंप पहुंचती है।
पढ़ें-अब उत्तराखंड की सीमाओं पर रहेगी सीसी कैमरों से नजर
इस दौरान अंगार नाला, त्रिपानी नाला भी इसमें मिलता है। सुमला कैंप के बाद नागा कैंप आता है यहां नागा के निकट सोनम नदी व जादूंग गांव से आने वाली जानवीं नदी का संगम होता है। जहां इस नदी का नाम जाड़ गंगा पड़ जाता है। जाड़ गंगा भैरव घाटी के पास भागीरथी में मिलती है। उत्तरकाशी से 135 किलोमीटर दूर आइटीबीपी की सोनम चौकी पड़ती है। इस चौकी के पास से सोनम नदी बहती है।