खुले में शौच की तो बच्चे बजाएंगे सीटी, भविष्य में ऐसा न करने की देंगे नसीहत
उत्तराखंड के टिहरी जनपद में खुले में शौच करने वालों को देखते ही छात्र-छात्राएं सीटी बजाएंगे और उन्हें शौचालय बनाने की नसीहत देते हुए भविष्य में ऐसा न करने की अपील भी करेंगे।
नई टिहरी, [अनुराग उनियाल]: शौचालय के लिए सोच बदलने को लेकर टिहरी जिले में एक अनूठा प्रयोग किया जा रहा है। इसके तहत कक्षा छह से कक्षा 12 तक के छात्र-छात्राओं को सीटी दी जाएंगी। ये स्वयंसेवक खुले में शौच करने वालों को देखते ही सीटी बजाएंगे और उन्हें शौचालय बनाने की नसीहत देते हुए भविष्य में ऐसा न करने की अपील भी करेंगे।
दरअसल, ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार स्वजल परियोजना के माध्यम से शौचालय निर्माण को प्रोत्साहित कर रही है। ऐसे में स्वच्छ भारत मिशन को धरातल पर उतारने के लिए परियोजना से जुड़े अधिकारी यह नायाब पहल कर रहे हैं। स्वजल के परियोजना प्रबंधक सुनील जोशी ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में खुले में शौच की समस्या काफी गंभीर है। इस आदत को हतोत्साहित करने के लिए यह प्रयोग किया जा रहा है। इस अभियान में सहयोग के लिए शिक्षा विभाग को पत्र भेजा गया है।
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उन्होंने बताया कि जल्द ही इस संबंध में मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें शिक्षा विभाग के अधिकारी भी शामिल होंगे। परियोजना प्रबंधक ने कहा कि इससे लोगों पर मनोवैज्ञानिक असर पड़ेगा। यदि बच्चे इस मुहिम में जुट गए तो खुले में शौच की प्रथा जल्द ही बंद हो जाएगी।
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जोशी के अनुसार इस योजना के लिए चयनित छात्र-छात्राओं को स्वच्छता के महत्व से भी अवगत कराया जाएगा ताकि वे ग्रामीणों को जागरूक कर सकें। योजना के अनुसार स्कूल आते-जाते समय अथवा गांव में खेलते हुए बच्चे अपने पास सीटी रखेंगे और कहीं कोई खुले में शौच करता मिला तो तत्काल सीटी बजाएंगे।
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टिहरी में 930 ग्राम पंचायतों में खुले में शौच की प्रथा
पिछले दिनों खुले में शौच को लेकर स्वजल परियोजना के तहत जिले में एक सर्वेक्षण कराया गया। सर्वेक्षण के नतीजे चौंकाने वाले हैं। सर्वे के अनुसार जिले में कुल 1038 ग्राम पंचायतों में से महज 108 ग्राम पंचायतें ही खुले में शौच से मुक्त हैं।
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