मजार-ए-शरीफ में छाए हिंदुस्तान के मुस्लिम योग गुरु
अफगानिस्तान ओलंपिक कमेटी ने भारत के सहयोग से वहां योग फेडरेशन की स्थापना की। यह संभव हुआ है देव संस्कृति विवि हरिद्वार के असिसटेंट प्रोफेसर मुहम्मद गुलाम अस्करी जैदी के सहयोग से।
हल्द्वानी, [प्रशांत मिश्रा]: अफगानिस्तान का मजार-ए-शरीफ अब विश्व योग के मानचित्र पर दिखेगा। अफगानिस्तान ओलंपिक कमेटी ने भारत के सहयोग से वहां योग फेडरेशन की स्थापना की है। यह सबकुछ संभव हुआ है इंडियन काउंसिल फॉर कल्चर रिलेशन के तहत
अफगानिस्तान गए देव संस्कृति विवि हरिद्वार के असिसटेंट प्रोफेसर मुहम्मद गुलाम अस्करी जैदी के सहयोग से। जैदी वहां पिछले नौ माह से मजार-ए-शरीफ में योग सिखा रहे हैं। जैदी ने बताया कि वह योग की शुरुआत और समापन कुरान की तिलावत से करते हैं।
मूल रूप से लखनऊ के रहने वाले गुलाम अस्करी जैदी को मार्च 2017 में (आइसीसीआर) इंडियन काउंसिल ऑफ कल्चर रिलेशन के तहत अफगानिस्तान में योग सिखाने का मौका मिला। उसके बाद से वह प्रतिदिन वहां कुरान-ए-मजीद तिलावत से योग कक्षाओं की शुरुआत व समापन करते आ रहे हैं। उन्होंने पिछले नौ माह में वहां योग को इतना लोकप्रिय बना दिया कि वहां की ओलंपिक कमेटी योग फेडरेशन बनाने पर विचार करने लगी। प्रो. जैदी के मुताबिक भारत के सहयोग से 27 दिसंबर को वहां योग फेडरेशन की स्थापना भी हो गई।
फेडरेशन के गठन के बाद दैनिक जागरण ने उनसे दूरभाष पर बात की। इस दौरान जैदी ने बताया कि यह योग फेडरेशन अफगानिस्तान में खेल के दौरान होने वाली इंजरी, खिलाड़ियों की क्षमता में विकास व उन्हें फिट रखने में मदद करेगी। इसके साथ ही वहां के विभिन्न खेल संघों के साथ मिलकर स्वास्थ्य व फिटनेस पर काम करेगी।
प्रतियोगिताओं में योग को मिल रहा स्थान
जैदी ने बताया कि अफगानिस्तान में एक जगह है स्केटिस्तान। यहां पर स्केटिंग काफी प्रसिद्ध है। इसलिए उसका नाम स्केटिस्तान पड़ा। यहां जर्मन दूतावास की मदद से खेलों को प्रोत्साहन दिया जाता है। अब यहां पर नियमित योग कक्षाएं चल रही हैं। इसके अलावा विभिन्न स्कूलों में निबंध, वाद-विवाद व योगासन प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। प्रतियोगिताओं में योग से संबंधित सवाल भी खूब पूछे जा रहे हैं।
उत्तराखंड आएगा अफगानी छात्रों का दल
जैदी ने बताया कि जल्द ही आइसीसीआर के अफगानी एल्यूमिनाई छात्रों का एक दल देव संस्कृति विवि उत्तराखंड में वर्कशॉप करने जा रहा है। इस तरह से आगे चलकर अफगानी विद्यार्थियों के लिए योग की उच्च शिक्षा के लिए नए मार्ग खुलेंगे। जैदी ने बताया कि वहां का बड़ा स्कूल खान-ए-नूर इंटरनेशनल है, जिसका एक दल अभी हाल ही में सिटी मांटेसरी स्कूल गोमतीनगर, लखनऊ गया था। भारत से लौटने के बाद स्कूल में योग की कक्षाएं प्रतिदिन चल रही हैं। भविष्य में पुलिस व सैनिकों के लिए भी योग अनिवार्य करने की कवायद चल रही है।
योग शिक्षिका पर पथराव ने आहत किया
जैदी ने बताया कि उन्हें सोशल मीडिया से पता चला की झारखंड के डोरंडा में योग शिक्षिका राफिया नाज को कुछ लोगों ने योग गुरु बाबा रामदेव संग मंच साझा करने की वजह से निशाने पर ले रखा है और उनपर पथराव भी किया गया है। वे इस घटना से काफी आहत हैं। उनका कहना है कि भारतीय योग विरोधी लोगों को मुस्लिम देशों सऊदी अरब, ईरान व अफगानिस्तान से काफी कुछ सीखने की जरूरत है। यहां योग को स्वास्थ्य की दृष्टि से देखा जाता है।
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