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    अफसरों ने जमकर खाई लखनऊ एक्सप्रेस वे से मलाई

    By amal chowdhuryEdited By:
    Updated: Tue, 22 Aug 2017 11:16 AM (IST)

    जिन अधिकारियों ने रिश्तेदारों के नाम पहले ही जमीन खरीदी, वह सरकारी दस्तावेजों की गोपनीयता भंग करने के दोषी माने जाएंगे। ...और पढ़ें

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    अफसरों ने जमकर खाई लखनऊ एक्सप्रेस वे से मलाई

    आगरा (जागरण संवाददाता)। लखनऊ एक्सप्रेस वे में सरकारी अफसरों ने खूब मलाई खाई है। एक्सप्रेस वे एलाइनमेंट की भनक लगने पर उन्होंने रिश्तेदारों के नाम से जमकर जमीन की खरीद की। कुछ माह में ही यह अधिग्रहण में आ गई, जिससे जमीन बेशकीमती हो गई। उसकी सर्किल रेट से चार गुना कीमत वसूली।

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    लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे के लिए जिले के 45 गांवों की 345 हेक्टेअर जमीन की खरीद हुई है। जमीन खरीद की प्रक्रिया वर्ष 2014 में शुरू हुई थी, लेकिन प्रशासनिक अमले में हलचल वर्ष 2013 से चालू हो गई थी। सूत्रों के अनुसार फतेहाबाद तहसील के तत्कालीन एक वरिष्ठ अधिकारी ने आधा दर्जन रिश्तेदारों के नाम जमीन की खरीददारी की।

    जिस वक्त जमीन खरीदी गई, उसकी कीमत पांच से दस लाख रुपये प्रति हेक्टेअर थी। किसी को शक न हो, इसलिए तहसील में बैनामे दोपहर बाद कराए गए। इस बीच सर्किल रेट भी बढ़ गए और जमीन की कीमत में जबरदस्त इजाफा हो गया। सूत्रों के अनुसार एक अधिकारी ने वन भूमि का कुछ हिस्सा रिश्तेदारों के नाम करा लिया। इसके लिए फर्जी कागज तैयार कराए गए।

    इसकी भनक किसी को भी नहीं लगी। एक अन्य अधिकारी ने तो ऊसर जमीन की खरीद कर ली। यह जमीन वर्ष 2013 में खरीदी गई। तहसील सदर में भी कुछ ऐसा ही हुआ, यहां के दो अफसरों ने जबरदस्त खेल किया। उन्होंने पांच रिश्तेदारों के नाम पर जमीन खरीदी।

    एसडीएम सदर रजनीश मिश्र ने बताया कि मामले में जांच कर डीएम को रिपोर्ट भेज दी गई है। एसडीएम फतेहाबाद अजीत कुमार ने बताया कि अधिग्रहण में अधिकारियों की खरीद को लेकर किसानों ने अहम जानकारियां दी हैं।

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    माने जाएंगे गोपनीयता भंग करने के दोषी: जिन अधिकारियों ने रिश्तेदारों के नाम पहले ही जमीन खरीदी, वह सरकारी दस्तावेजों की गोपनीयता भंग करने के दोषी माने जाएंगे। इसमें ही इन पर कार्रवाई हो सकती है।

    एडीएम एलए ने शुरू की जांच: मंडलायुक्त के. राममोहन राव लखनऊ एक्सप्रेस वे के बैनामों की जांच अब एडीएम भूमि अध्याप्ति (एलए) ने भी शुरू कर दी है। बैनामों का क्रॉस वेरीफिकेशन कराया जा रहा है। लखनऊ एक्सप्रेस वे में जमीन की खरीद में जो भी खेल हुआ है, उसके दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

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