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    ट्रैफिक रूल तोड़ने पर एनआरआइ वैज्ञानिक पर लगा एक रुपये जुर्माना

    By Ankit KumarEdited By:
    Updated: Wed, 17 May 2017 11:48 AM (IST)

    एनआइआइ वैज्ञानिक ने जो दलील दी उसे आदलत ने भी सही माना। कोर्ट ने कहा कि आपकी दलील में दम तो है, लेकिन अपने यातायात नियमों का उल्लंघन तो किया है। ...और पढ़ें

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    ट्रैफिक रूल तोड़ने पर एनआरआइ वैज्ञानिक पर लगा एक रुपये जुर्माना

    जेएनएन, चंडीगढ़। विदेश से भारत में छुट्टियां बिताने आए एनआरआइ वैज्ञानिक पर ट्रैफिक नियम का उल्लंघन करने पर सीजेएम कोर्ट ने एक रुपये का जुर्माना किया है। अदालत ने जिन पर जुर्माना लगाया है वह यूनिवर्सिटी ऑफ सेंट्रल फ्लोरिडा आरलेंडो में बतौर वैज्ञानिक कार्यरत हैं।

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    2003 अमरीका के फ्लोरिडा में रहने वाले अप्रवासी भारतीय वैज्ञानिक डॉ. राजेश ने अपने ट्रैफिक चालान के खिलाफ कोर्ट में अपील दायर की थी। अदालत ने अपील को खारिज कर दी। उन्होंने अपने केस की खुद पैरवी की थी। उनकी दलील थी कि विदेश में रेड लाइट के वक्त मुड़ने का निशान न बना हो और कोई पैदल न जा रहा हो तो वाहन के साथ मुड़ा जा सकता है।

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    वहीं, सरकारी पक्ष की दलील थी कि यूटी पुलिस के नियमों में रेड लाइट किसी भी सूरत में जंप नहीं की जा सकती। उनके यहां विदेशी कानून नहीं है। इस पर डॉ. शर्मा ने चंडीगढ़ पुलिस की वेबसाइट पर ट्रैफिक नियमों के बारे में जारी दिशा-निर्देश की कॉपी बतौर सबूत पेश की। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ पुलिस की वेबसाइट पर भी इसे गलत नहीं दिखाया तो ऐसे में चालान कैसे कर सकते हैं। कोर्ट ने वैज्ञानिक की दलील ठोस तो मानी, लेकिन साथ ही कहा कि ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन हआ है। इसलिए जुर्माना तो देना ही पड़ेगा।

    यह है पूरा मामला

    डॉ. राजेश का मोहाली में भी आवास है। 25 जनवरी को वह किसी काम से चंडीगढ़ आए थे। सेक्टर-16/17 राउंड अबाउट से वह सेक्टर-24 की ओर जा रहे थे। इसी दौरान रेड लाइट पर उन्होंने लेफ्ट टर्न ले लिया। इस पर वहां मौजूद ट्रैफिक पुलिस ने उनका चालान कर दिया। चालान होने के बाद राजेश ने तीस जनवरी को इसके खिलाफ जिला अदालत में अपील दायर की थी।

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    कोर्ट ने कहा, दलील ठोस लेकिन जुर्माना तो होगा

    एनआइआइ वैज्ञानिक ने जो दलील दी उसे आदलत ने भी सही माना। कोर्ट ने कहा कि आपकी दलील में दम तो है, लेकिन अपने यातायात नियमों का उल्लंघन तो किया है। इसलिए आपको जुर्माना तो देना ही पड़ेगा, चाहे एक रुपया ही क्यों न हो। इसके बाद अदालत ने वैज्ञानिक को एक रुपये जुर्माने का भुगतान करने का आदेश दे दिया।
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