नटवरलाल का कमाल: नौकरी दी व छह माह वेतन भी दिया, बाद में पता चला ठगे गए
तरनतारन के एक व्यक्ति ने नटवरलाल ने ठगी का नायाब तरीका निकालकर 46 लाेगों को लाखों रुपये का चूना लगा दिया। उसने इस लोगों को फर्जी नौकरी पर रखवाया और छ ...और पढ़ें

अमृतसर, [विपिन कुमार राणा]। नटवरलाल की ठगी से तो हर कोई हैरान था लेकिन तरनतारन के नटवरलाल ने ठगी के लिए नायाब तरीका निकाला। 46 लोगों को सिर्फ फर्जी नौकरी दी आैर छह माह तक उनको सैलरी भी दी। उन्हें नगर निगम में वेरीफिकेशन का दिया और छह माह तक दस हजार रुपये सैलरी भी देता रहा। इन लोगों को शक हुआ तो उन्होंने निगम के ज्वाइंट कमिश्नर अलका को हलफिया बयान दे पूरी ठगी का खुलासा किया।
नगर निगम में फर्जी नौकरियां दे लाखों रुपये ठग गया तरनतारन का नटवरलाल
पीडि़तों ने ज्वाइंट कमिश्नर को बताया कि तरनतारन के सुखविंदर सिंह राजू ने 50 हजार रुपये से लेकर तीन लाख रुपये लेकर उन्हें नगर निगम के सिविल विभाग में वेरीफिकेशन की पोस्ट पर रखा है। वे पिछले एक साल से ड्यूटी कर रहे हैं। छह महीनों तक दस हजार रुपये वेतन दिया गया, लेकिन पिछले कई महीनों से नहीं वेतन मिल रहा है।
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46 लोगों को कमिश्नर के फर्जी साइन वाले जाली आइडी दी, काम सौंपा पार्कों की देखरेख का
उन्होंने कहा कि वेतन के लिए नगर निगम पहुंचे तो पता चला कि वेरीफिकेशन की पोस्ट ही नहीं है। अब ठगी करने वाले राजू से भी कोई संपर्क नहीं हो पा रहा हैं। उन्होंने ज्वाइंट कमिश्नर को बताया कि बाकायदा उनका हाजिरी रजिस्टर लगा हुआ था और उनकी हाजिरी तक लगती रही है। रजिस्टर की खींची हुई फोटो भी उन्होंने निगम कमिश्नर को दिखाई।
बागों में काम करने वाले की करते थे निगरानी
बिक्रमजीत सिंह, सुरजीत सिंह, जुगराज सिंह, रछपाल सिंह, गुरपाल सिंह, हरप्रीत सिंह, लवप्रीत सिंह ने निगम की ज्वांइट कमिश्नर को बताया कि वे अटारी, झब्बाल, राजाताल, अन्नगढ़, मक्खनङ्क्षवड, दुबुर्जी सहित अन्य गांवों के रहने वाले है। कुल 46 लोगों से राजू ने रुपये लेकर निगम में नौकरी पर रखा था।
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खुद को जारी आइकार्ड दिखाते फर्जी नौकरी देकर ठगे गए लोग।
उन्होंने कहा गया था कि वे पार्कों की वेरीफिकेशन करने की पोस्ट पर काम करेंगे। इस तरह वे साल भर मालियों और सफाई सेवकों पर निगरानी का काम करते रहे हैं। राजू ने अपने जीजा के जरिए सभी लोगों को नौकरी पर रखा था। वे एक साल तक कंपनी बाग, बेअंत पार्क, आनंद पार्क, सकतरी बाग, 40 खूह और बुलारिया पार्क में काम करते रहे हैं। उन्हें पार्कों में राउंड पर आने वाले निगम के अफसरों से मिलने नहीं दिया जाता था। ठग ने इन लोगों को अाइ कार्ड भी दिया था।
' वेरीफिकेशन की कोई पोस्ट ही नहीं '
'' जिस पर पोस्ट पर इन लोगों को नौकरी पर रखा था, वैसे कोई पोस्ट निगम में नहीं हैं। नगर निगम के किसी मुलाजिम का इससे लेना देना नहीं है। सारा मामला निगम के बाहर हुआ हैं। लेकिन ये बहुत गंभीर मामला है। इसे लेकर पुलिस कमिश्नर को दोषी व्यक्ति के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करके कार्रवाई करने के लिए लिखा जाएगा।
- अलका, ज्वाइंट कमिश्नर, नगर निगम।

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