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आतंकवाद से लड़ाई के लिए श्रीलंका का साथ जरूरी: पीएम

पीएम मोदी और श्रीलंकाई राष्‍ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना की मौजूदगी में दोनों राष्‍ट्रों के बीच समुद्री सुरक्षा, वीजा, कस्‍टम और युवा विकास को लेकर अहम करार हुए। प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के मध्‍य कारोबार और आर्थिक सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया।

By Sumit KumarEdited By: Published: Fri, 13 Mar 2015 07:34 AM (IST)Updated: Fri, 13 Mar 2015 06:14 PM (IST)

कोलंबो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की श्रीलंका की दो दिवसीय यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच चार महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं। द्विपक्षीय रिश्तों की मजबूती के लिए पीएम मोदी और श्रीलंकाई राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना की मौजूदगी में दोनों राष्ट्रों के बीच समुद्री सुरक्षा, वीजा, कस्टम और युवा विकास को लेकर अहम करार हुए। प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के मध्य कारोबार और आर्थिक सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया। साथ ही मछुआरों के मुद्दे पर चिंता जाहिर करते हुए इसे जल्द मानवीय आधार पर सुलझाने की बात भी कही। उधर, श्रीलंका ने भी भारत के साथ रिश्तों को मजबूत की दिशा में आगे बढ़ते हुए 86 भारतीय मछुआरों को रिहा कर दिया। गौरतलब है कि पिछले 28 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली द्विपक्षीय यात्रा है।

'आतंकवाद से लड़ाई के साथ श्रीलंका का साथ जरूरी'

दोपहर करीब साढ़े तीन बजे पीएम ने श्रीलंका की संसद को संबोधित करते हुए श्रीलंका को अहम पड़ोसी बताया और कहा कि श्रीलंका भारत का सबसे मजबूत पार्टनर हो सकता है। उन्होंने कहा, दो पड़ोसियों के बीच हर चीज में सहयोग जरूरी है। लिहाजा, हम लोग साथ मिलकर समुद्री अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने आतंकवाद से लड़ाई के लिए दोनों देशों के साथ को भी जरूरी बताया। पीएम ने आगे कहा ‘भारत में व्यापार के दरवाजे खुले हुए हैं और हमें पड़ोसी के विकास में भागीदार बनना है। हमें जनता के सपने को समझना होगा। कृषि, शिक्षा और अंतरिक्ष के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। हमारा भाग्य आपस में जुड़ा हुअा है इसलिए विकास के लिए हमारी साझेदारी आगे भी जारी रहेगी।'

भारत की तरफ से श्रीलंका को मिले कई तोहफे

समझौतों पर हस्ताक्षर के बाद पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि भारत श्रीलंका की जरूरतों और चिंताओं को समझता है। लिहाजा, दोनों देश कारोबार और आर्थिक सहयोग को बढ़ाना चाहते हैं। पीएम ने त्रिंकोमाली को पेट्रोलियम हब बनाने में मदद करने, दिल्ली से कोलंबो के बीच जल्द सीधी उड़ान शुरु करने, 14 अप्रैल से श्रीलंकाई नागरिकों को वीजा ऑन अराइवल की सुविधा देने, भारत में बुद्ध सर्किट ट्रेन चलाने, समुद्री अर्थव्यवस्था पर ज्वाइंट फोर्स बनाने, रविंद्रनाथ टैगोर स्मारक बनाने में मदद करने की घोषणा भी की।

मछुआरों के मुद्दे को मानवीय पहलू पर सुलझाएंगे

इसके साथ ही पीएम ने दोनों देशों के बीच मछुआरों की समस्याओं पर भी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि मछुआरों का मुद्दा आजीविका और मानवीय, दोनों पहलुओं से जुड़ा है। भारत और श्रीलंका के फिशरमैन एसोसिएशन आपस में मिलें और मिलकर इस समस्या का ऐसा समाधान निकालें जो दोनों के लिए ही फायदेमंद हो और जिसे दोनों देश की सरकार भी अपना सके।

पीएम ने महाबोधी सोसायटी में की पूजा

इन अहम करारों को अंजाम देने के बाद पीएम ने कोलंबो की महाबोधी सोसायटी जाकर वहां पूजा-अर्चना की। पीएम यहां बच्चों से भी मिले। उन्होंने यहां अपने संबोधन में कहा कि श्रीलंका महात्मा बुद्ध का देश है। बुद्ध सभी को जोड़ते हैं। हर देश में श्रीलंका के बौद्र भिक्षु हैं। उन्होंने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री रहते हुए अंतरराष्ट्रीय बुद्ध सभी बुलाई थी।

'भारत के साथ नजदीकी संबंधों के पक्ष में श्रीलंका'

श्रीलंका के राष्ट्रपति सिरीसेना ने भी दोनों देशों के बीच मजबूत, ऐतिहासिक और पारंपरिक रिश्ते होने की बात कही। साथ ही कहा कि हम भारत के साथ नजदीकी संबंधों के पक्ष में हैं। सिरीसेना ने घोषणा की कि भारत में बुद्ध सर्किट ट्रेन की तर्ज पर श्रीलंका में भी रामायण सर्किट ट्रेन चलाई जाएगी।

पीएम का भव्य स्वागत, मिला राजकीय सम्मान

हिंद महासागर में स्थित तीन द्वीपीय-देशों की यात्रा के अंतिम चरण में दो दिवसीय श्रीलंका यात्रा के लिए पीएम आज सुबह श्रीलंका की राजधानी कोलंबो पहुंचे, जहां उनका भव्य स्वागत हुआ। श्रीलंकाई पीएम विक्रमसिंघे और संस्कृति मंत्री अर्जुन रणतुंगा ने एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री का स्वागत किया। इसके बाद राजकीय सम्मान के तहत राष्ट्रपति सचिवालय में उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर और तोपों की सलामी दी गई। राष्ट्रपति सचिवालय में भारत-श्रीलंका प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता भी हुई, जिसमें दोनों देशों के बीच कई द्विपक्षीय मसलों पर महत्वपूर्ण चर्चा भी हुई।

जनवरी में राष्ट्रपति के तौर पर पदभार संभालने के बाद सिरीसेना अपनी पहली विदेश यात्रा के तहत पिछले महीने भारत आए थे। प्रधानमंत्री की श्रीलंका यात्रा द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं को और मजबूत करने के मौके के तौर पर देखी जा रही है।

क्या मोदी का दौरा ‘भारत-श्रीलंका संबंध’ सुधारेगा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस सप्ताह श्रीलंका दौरे ने न केवल कोलंबो बल्कि तमिलनाडु में भी काफी आशाएं पैदा कर दी हैं। मोदी ने रविवार को ट्वीट किया था कि वह बहुत खुशी तथा विश्वास के साथ श्रीलंका के पहले दौरे पर जा रहे हैं कि इससे श्रीलंका के साथ भारत के संबंध हमारे लोगों के हित में और भी मजबूत होंगे। तीन देशों की यात्रा शुरू करने से पहले जारी किए गए बयान में मोदी ने कहा था, ‘मैं इस यात्रा को हमारे संबंधों के सभी आयामों - राजनीतिक, सामरिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और सर्वोपरि लोगों से लोगों का संपर्क - को और मजबूत बनाने के एक मौके के तौर पर देखता हूं।’

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