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भारत को चीन से नरमी की उम्मीद

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल दिल में दौरे की सफलता की आशंका लिए चीन की सरजमीं पर उतरा। बीजिंग में जिस गर्मजोशी के साथ भारतीय दल का स्वागत हुआ, उससे तो लगता है कि रूस की सफलता को चीन में भी दोहराने में कामयाबी मिलेगी। हालांकि, नई दिल्ली की चिंताओं वाले मुद्दों और विवादों पर ठोस

By Edited By: Published: Wed, 23 Oct 2013 09:42 AM (IST)Updated: Wed, 23 Oct 2013 09:47 AM (IST)
भारत को चीन से नरमी की उम्मीद

श्रवण गर्ग, बीजिंग। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल दिल में दौरे की सफलता की आशंका लिए चीन की सरजमीं पर उतरा। बीजिंग में जिस गर्मजोशी के साथ भारतीय दल का स्वागत हुआ, उससे तो लगता है कि रूस की सफलता को चीन में भी दोहराने में कामयाबी मिलेगी। हालांकि, नई दिल्ली की चिंताओं वाले मुद्दों और विवादों पर ठोस हल निकलने को लेकर आशंकाएं हैं।

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मनमोहन के दौरे पर चीन की नजर

मंगलवार शाम बीजिंग हवाई अड्डे पर उतरने से पहले भारतीय अफसरों की सोच यही थी कि आर्थिक मंदी के चलते पश्चिम के बाजार लगभग ठप हैं। भारत और चीन ही दुनिया में तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाएं हैं। दोनों देशों के संबंध सिर्फ सीमा विवाद के मुद्दे के बंधक नहीं हो सकते। लगभग तय है कि आर्थिक सहयोग अन्य मुद्दों को नेपथ्य में धकेल देगा। यह बात एक और वजह से गले उतरती है। चीन का नया नेतृत्व दस साल तक सत्ता में रहेगा, लेकिन अगले साल के शुरू में होने जा रहे लोकसभा चुनाव के बाद नई दिल्ली में सत्ता को लेकर अनिश्चितता है।

कोयला घोटाले में मनमोहन से पूछताछ तय

चीन ने भारत के अलावा अन्य दर्जन भर पड़ोसी देशों से सीमा विवाद सुलझा लिए हैं। यह जानते हुए भी मनमोहन के चीनी मीडिया को दिए साक्षात्कार का सार यही था कि सीमा विवाद जटिल और संवेदनशील मसला है। भारत अब तक इस मसले पर मतभेदों से सफलतापूर्वक निपटता रहा है, लेकिन आर्थिक मोर्चे पर चीनी नेतृत्व तगड़ी सौदेबाजी कर सकता है।

प्रतिनिधिमंडल में शामिल एक अधिकारी ने कहा कि हमारी आइटी कंपनियां लंबे समय से वीजा नियमों में छूट के लिए दबाव डाल रही हैं, लेकिन चीन इसके लिए तैयार नहीं है। दूसरी ओर नई दिल्ली चीन के प्रधानमंत्री ली कछ्यांग के भारत में चीनी औद्योगिक पार्क की स्थापना के सुझाव पर लगभग सहमत है। इस पार्क में चीन की कंपनियों का कलस्टर बनाने का प्रस्ताव है। इसके लिए संभावित स्थलों का चयन कर लिया गया है। इस बाबत बुधवार को घोषणा होने की उम्मीद है।

इसी तर्ज पर रेल यातायात क्षेत्र में दोनों देशों के बीच समझौता होने की संभावना है। सूत्रों के मुताबिक, चीन पिछले कुछ समय से आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए भारत के साथ मिलकर काम कर रहा है। चीन यह भी स्वीकार कर रहा है कि आतंकवाद पाकिस्तान से ही अन्य देशों में फैल रहा है। बुधवार को पीएम प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत से पहले ली कछ्यांग के साथ बैठक करेंगे। इसके अलावा दोनों नेता विभिन्न समझौतों पर हस्ताक्षर भी करेंगे।

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