जानिए, कौन है तुर्की में तख्तापटल की कोशिशों का मास्टरमाइंड
तुर्की में तख्ता पटल की कोशिशों के लिए धर्मगुरु फेतुल्ला गिलेन को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। ...और पढ़ें

लॉस एंजिलिस/यूएस। तुर्की में हुई तख्तापलट की कोशिश के लिए जिम्मेदार ठहराए जा रहे अमेरिका में बसे हुए धर्मगुरु फेतुल्ला गिलेन के अपने खुद के देश तुर्की में काफी बड़ी संख्या में समर्थक हैं। उनके समर्थकों में पुलिस और न्यायपालिका के लोग भी शामिल हैं। बता दें कि बेहद प्रभावशाली मुस्लिम धर्मगुरु अमेरिका के पेनसिल्वानिया में पोकोनो पर्वत इलाके में रह रहे हैं।
एनडीटीवी के मुताबिक तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगान ने देश में हुई तख्तापलट की कोशिशों के लिए उन्हें तुरंत ही जिम्मेदार ठहराया। बाद में एक बयान में उनकी ओर से किसी भी तरह से इसमें शामिल होने को लेकर इंकार किया गया और कहा गया कि उनकी गतिविधियां लोकतंत्र के प्रति समर्पित हैं और किसी भी प्रकार के सैन्य हस्तक्षेफ के खिलाफ हैं।
75 साल के गिलेन कभी एर्दोगान के करीबी थे लेकिन पिछले कुछ सालों में दोनों के बीच दरार आ गई। एर्दोग़ान को शक्तिशाली 'गिलेनिस्ट मूवमेंट' के तुर्की समाज में मौजूदगी का शक होने लगा था जिसमें मीडिया और पुलिस व जुडिशरी के शामिल होने को लेकर भी उन्हें अंदेशा था।
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1999 में गिलेन अमेरिका आ गए। इसके बाद ही उन पर तुर्की में देशद्रोह का मुकदमा चलाया गया। इसके बाद से गिलेन ने सार्वजनिक जीवन से एकदम खुद को अलग कर लिया। वह जनता के बीच बमुश्किल देखे जाते। कोई इंटरव्यू भी नहीं देते।
साल 2013 के आखिर में इन दोनों शीर्ष स्तंभों के बीच की शत्रुता एकदम मुखर हो गई थी। यह तब हुआ जब न्यायिक अधिकारी जो गिलेन के करीब समझे जाते थे, पर करप्शन के चार्ज लगे। इन आरोपों में गिलेन के बेहद करीबी जिनमें उनके बेटे बिलाल भी शामिल थे, की ओर भी इशारा था।
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एर्दोगान ने जवाबी कार्रवाई करते हुए सैंकड़ों आर्मी अधिकारियों को निकाल दिया। इनमें कई टॉप जनरल भी शामिल थे। गिलेन आंदोलन 'हिज्मत' द्वारा चलाए जाने वाले कई स्कूलों को बंद कर दिया गया। कई पुलिस अधिकारियों को भी नौकरियों से निकाल दिया गया।

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