अमेरिका की पूर्व राजनयिक ने कहा, भारत की शक्ति को समझे चीन
चीन के लिए बेहतर होगा कि वह कूटनीति व संवाद का रास्ता चुने। एशिया के सारे देश अपने हितों व अधिकारों को लेकर सजग हैं।
वाशिंगटन, प्रेट: सिक्किम क्षेत्र के डोकलाम में भारत और चीनी सैनिकों के बीच चल रहे गतिरोध के बीच पूर्व अमेरिकी राजनयिक निशा देसाई बिस्वाल ने कहा है कि चीन को भारत की शक्ति को समझना चाहिए। बीजिंग के व्यवहार से क्षेत्र के अन्य देश भी परेशान हैं।
पूर्व सहायक विदेश मंत्री (दक्षिण एवं मध्य एशिया) रह चुकीं भारतीय मूल की अमेरिकी बिस्वाल के अनुसार चीन को यह मान लेना चाहिए कि एशिया में रणनीतिक एवं सुरक्षात्मक क्षमता बढ़ रही है और निश्चित तौर पर भारत एक ऐसी शक्ति है, जिसके साथ तालमेल बैठाना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि चीन की ओर से समुद्र में एवं जमीन दोनों पर आक्रामक हरकतें की जा रही हैं। वह चीन की भावनाएं समझती हैं और उन्हें लगता है कि वह खुद को एशिया-प्रशांत क्षेत्र में एक प्रभावशाली देश के तौर पर पेश करने की कोशिश में है। चीन के लिए बेहतर होगा कि वह कूटनीति व संवाद का रास्ता चुने। एशिया के सारे देश अपने हितों व अधिकारों को लेकर सजग हैं। ऐसे में सीमावर्ती व समुद्र संबंधी विवाद के निपटारे के लिए संवाद बढ़ाया जाना चाहिए।
उन्होंने विश्र्वास जताया कि दोनों देशों के नेता तनाव को और नहीं बढ़ने देंगे। चीन व भारत समझदार देश हैं। इसमें अमेरिका की इस लिहाज से अहम भूमिका होगी कि वह अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन किया जाना सुनिश्चित करे। भारत मुद्दों का बातचीत से समाधान निकालने का इच्छुक रहा है। उम्मीद की जानी चाहिए कि ऐसी ही सोच चीन की भी होगी।
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