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हंगामे की भेंट चढ़ा शीतकालीन सत्र : दोनों सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

संसद के शीतकालीन सत्र का शुक्रवार को आखिरी दिन था। राज्यसभा तो आखिरी दिन भी हंगामे के कारण नहीं चल पायी, लेकिन लोकसभा में कुछ काम होता दिखा।

By Digpal SinghEdited By: Published: Fri, 16 Dec 2016 10:07 AM (IST)Updated: Fri, 16 Dec 2016 03:06 PM (IST)
हंगामे की भेंट चढ़ा शीतकालीन सत्र : दोनों सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र का शुक्रवार को आखिरी दिन था और जैसी आशंका थी, उसी के अनुसार संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा भी शुरू हो गया। राज्यसभा में हंगामा थमता न देख सदन की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। शोर-शराबे के बीच लोकसभा की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

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लोकसभा की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई और इसके बाद सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से जारी रही। इस दौरान सदन ने 'निशक्त व्यक्ति अधिकार विधेयक 2016' पर बहस भी की और इसके बाद इसे पास भी कर दिया। हालांकि इसके बाद सदन की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।

बता दें कि शीतकालीन सत्र का अधिकतर समय नोटबंदी के कारण हंगामे की भेंट चढ़ चुका है। इसके अलावा ममता बनर्जी की सुरक्षा में चूक, पश्चिम बंगाल में सेना की तैनाती, पीएम मोदी पर व्यक्तिगत भ्रष्टाचार में लिप्त होने और वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले व किरण रिजिजू के कथित तौर पर घोटाले में शामिल होने के आरोपों ने रही-सही कसर पूरी कर दी है।

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद की अगुवाई में सभी 16 पार्टियों के प्रतिनिधियों की हुई बैठक में इन सबका कहना था कि सरकार ने नोटबंदी पर अपनी नाकामी छुपाने के लिए संसद में बहस नहीं होने दी है। इसलिए राष्ट्रपति से इस बात की शिकायत की जाएगी कि सत्तापक्ष ने संसद में विपक्ष को उसके बोलने के लोकतांत्रिक अधिकार से रोका है।

राहुल-कांग्रेस की नजर में आडवाणी बने अब 'लोकतंत्र की आवाज'

एक माह के इस सत्र के समापन से एक दिन पहले गुरुवार को भी संसद के दोनों सदनों में हंगामे का ही वर्चस्व रहा। कोई कामकाज न हो सका। सत्तापक्ष और विपक्ष, दोनों के सदस्य नोटबंदी, भ्रष्टाचार और अन्य मुद्दों को लेकर एक-दूसरे पर पिछले कई दिनों की तरह आरोप लगाते रहे।

निचले सदन लोकसभा में विपक्ष नोटबंदी पर और सत्तापक्ष अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे पर चर्चा की मांग करता रहा। दोनों सदनों में लगातार हंगामे से भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी आहत हो गए और उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि वह संसद से इस्तीफा दे दें, क्योंकि यह कभी खत्म न होने वाला 'नरक' बना हुआ है।

उन्होंने गृहमंत्री राजनाथ सिंह से कहा कि वह लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को सूचित कर दें कि उन्हें शुक्रवार को आठ नवंबर की नोटबंदी पर चर्चा सुनिश्चित करनी चाहिए। हालांकि यह बात आडवाणी ने संसद की कार्यवाही स्थगित हो जाने के बाद कही।

लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। जवाब में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों ने एक अखबार की क्लिपिंग दिखाते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन में समाचार पत्रों की क्लिपिंग दिखाने को लेकर चेतावनी दी। इसके बाद सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।


हंगामा, हंगामा और सिर्फ हंगामा, शीतकालीन सत्र का आज अंतिम दिन

दोपहर 12 बजे के बाद सदन की कार्यवाही एक बार फिर शुरू होने के बाद सत्तापक्ष और विपक्ष के सांसदों की नारेबाजी जारी रही। विपक्षी सांसदों ने चर्चा अवरुद्ध करने के लिए भाजपा सांसदों पर आरोप लगाए। तेलंगाना राष्ट्र समिति के नेता ए.पी. जितेंद्र रेड्डी ने कहा कि उन्हें बोलने दिया जाना चाहिए, क्योंकि उन्होंने नियम 193 के तहत नोटबंदी पर चर्चा शुरू कर दी थी।

रेड्डी ने कहा, 'नोटबंदी के क्रियान्वयन को लेकर हर पार्टी को समस्या है। मुझे बोलने नहीं दिया जा रहा।' तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंद्योपाध्याय ने कहा, 'संसद का सत्र खत्म होने में सिर्फ एक दिन बचा है। बिना किसी नियमों के चर्चा शुरू की जा सकती है।'

संसदीय मामलों के मंत्री अनंत कुमार ने अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले का मुद्दा उठाते हुए कहा कि बिचौलिये क्रिश्चियन मिशेल की डायरी में कांग्रेस के नेताओं का जिक्र है। इससे विपक्षी सांसदों का विरोध और बढ़ गया। हंगामे के बाद लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी।

आडवाणी की पीड़ा

लोकसभा की कार्यवाही स्थगित होने के बाद भी सदन में बैठे रहे, जबकि अन्य सदस्य सदन से बाहर निकल गए। मीडिया गैलरी से आडवाणी को यह कहते सुना गया कि मुझे इस्तीफा दे देने का मन कर रहा है। आडवाणी ने कहा कि यदि यही स्थिति आखिरी दिन भी रही तो यह संसद पर एक कलंक होगा।


राज्यसभा में भी हंगामा

राज्यसभा में भी ऐसा ही उग्र नजारा दिखा। हंगामे के कारण सबसे पहले सदन की कार्यवाही गुरुवार को दोपहर तक के लिए स्थगित की गई इसके बाद जब दोबारा शुरू हुई तो कुछ ही मिनट बाद कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित करनी पड़ी। चार दिनों के अवकाश के बाद सदन की यह बैठक शुरू हुई थी।

सुबह 11 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई सभापति ने सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद को बोलने की मंजूरी दी, लेकिन सत्तापक्ष के सांसदों ने उन्हें बोलने नहीं दिया। आजाद ने कहा, 'यह सदन के संज्ञान में होना चाहिए कि सत्तारूढ़ पार्टी दोनों सदनों में कामकाज नहीं करने दे रही है। ऐसा देश के इतिहास में पहली बार हो रहा है।'

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उप सभापति पी.जे. कुरियन ने विरोध कर रहे सांसदों से लगातार शांति बनाए रखने का आग्रह किया, लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनी। उन्होंने कहा, 'मुझे समझ नहीं आ रहा कि दोनों पक्ष सदन की कार्यवाही में बाधा उत्पन्न क्यों कर रहे हैं?' उन्होंने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

कार्यवाही दोबारा शुरू होने के बाद सभापति हामिद अंसारी ने प्रश्नकाल का संचालन करना चाहा, लेकिन विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी करनी शुरू कर दी। कुछ सांसद उनके आसन के पास आ गए।

हंगामे के बीच अंसारी ने सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। विपक्ष के सदस्य नोटबंदी पर बहस की मांग कर रहे थे और किसानों की गंभीर स्थिति पर चर्चा की मांग कर रहे थे, जबकि सत्ता पक्ष अगस्तावेस्ट लैंड हेलीकॉप्टर सौद पर बहस की मांग कर रहा था।

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सदन की कार्यवाही दो बार पहले ही स्थगित हो चुकी थी। बाद में पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। संसद का शीतकालीन सत्र 16 नवंबर को शुरू हुआ था, लेकिन अब तक की कार्यवाही सरकार के नोटबंदी के फैसले पर हंगामे की भेंट चढ़ चुकी है।

राष्ट्रपति से मिलेंगे विपक्षी दल

नोटबंदी की मुश्किलों के साथ संसद में नहीं बोलने देने के मुद्दे पर विपक्ष ने अब राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है। विपक्षी दलों की योजना शीत सत्र का पर्दा गिरने के बाद मार्च करते हुए राष्ट्रपति भवन जाने की है। नोटबंदी पर सरकार के खिलाफ लड़ाई में विपक्षी खेमे को साधे रखने की रणनीति के तहत कांग्रेस फिलहाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में राहुल गांधी के खुलासा करने के दावे को थाम लिया है।

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'केंद्र सरकार संकट के लिए जिम्मेदार'

कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि लोकसभा में सवा तीन सौ सांसदों के बड़े बहुमत वाली सरकार नोटबंदी पर विपक्ष की बात सुनने से भी भयभीत है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि नोटबंदी की हवा निकलने के बाद सरकार ध्यान बंटाने के लिए जहां एक ओर संसद में बहस नहीं होने दे रही तो दूसरी ओर कैशलेस या लेस कैश की बात कर रही है जो सरकार की जुमलेबाजी से ज्यादा कुछ नहीं है।

राहुल के बयान पर गोलमोल जवाब

राष्ट्रपति से शिकायत करने की तैयारी के बीच राहुल के पीएम पर लगाए आरोपों पर आगे नाप-तौल कर ही कदम उठाने के कांग्रेस के रुख का भी सिंघवी ने साफ संकेत दिया। पीएम के खिलाफ कथित निजी भ्रष्टाचार का खुलासा करने के राहुल के दावे पर पूछे गए सवालों के जवाब में सिंघवी ने कहा कि जैसे मोदी संसद के प्रति जवाबदेह हैं, उसी तरह राहुल गांधी की भी संसद के नाते जवाबदेही है। उन्होंने कहा कि इसके लिए स्थान और समय का चयन राहुल खुद करेंगे।

'पीएम से मिलेंगे राहुल'

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी एक प्रतिनिधिमंडल के साथ शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। इस दौरान उत्तर प्रदेश में अपनी किसान यात्रा के दौरान जुटाये गए किसानों के मांग-पत्र को वह पीएम को सौंपेंगे।

[जेएनएन साथ में IANS इनपुट]


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