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भूमि अधिग्रहण पर फिर अध्यादेश

भूमि अधिग्रहण विधेयक पर उलझी सरकार कुछ नए संशोधनों के साथ फिर से अध्यादेश लाएगी। राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति ने फिर से अध्यादेश लाने के लिए राज्यसभा का सत्रावसान करने का फैसला किया है।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Sat, 28 Mar 2015 02:59 AM (IST)Updated: Sat, 28 Mar 2015 03:15 AM (IST)
भूमि अधिग्रहण पर फिर अध्यादेश

नई दिल्ली । भूमि अधिग्रहण विधेयक पर उलझी सरकार कुछ नए संशोधनों के साथ फिर से अध्यादेश लाएगी। राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति ने फिर से अध्यादेश लाने के लिए राज्यसभा का सत्रावसान करने का फैसला किया है।

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'दैनिक जागरण' ने पहले ही जानकारी दी थी कि सरकार भूमि अधिग्रहण पर पीछे नहीं हटेगी और इसके लिए फिर से अध्यादेश लाया जाएगा। शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर हुई सीसीपीए की बैठक में इसका खाका तैयार हो गया। इस दौरान प्रस्तावित संशोधनों को भी मंजूरी दे दी गई। बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने बताया कि राज्यसभा के सत्रावसान के लिए राष्ट्रपति को प्रस्ताव भेजा जाएगा।

कहा जा रहा है कि बंद दरवाजे के पीछे नए संशोधन विधेयक से राजी कई दल सार्वजनिक रूप से चाहते हैं कि किसानों की सहमति का प्रावधान इसमें जोड़ा जाए। उसकी सीमा भले ही कम हो। भाजपा सूत्रों के अनुसार, कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री आवास पर हुई बैठक में ही यह सहमति बन गई थी कि जरूरत हो तो कुछ और संशोधन किए जाएं। उन संशोधनों के साथ सरकार कुछ विपक्षी दलों को अपने साथ खड़ा करने की कोशिश करेगी।

किए जाएंगे और संशोधन

बताते हैं कि नए अध्यादेश में कुछ और संशोधन होंगे, ताकि विपक्षी दलों को साथ लाया जा सके। इनमें 51 फीसद किसानों की सहमति का प्रावधान जोड़ा जा सकता है। सामाजिक प्रभाव के आकलन की जगह सरकार विशेषज्ञों की समिति का प्रावधान भी कर सकती है। इसके अलावा जमीन के लिए कुछ और मुआवजे की बात हो सकती है।

रास का सत्रावसान क्यों?

संसद सत्र के दौरान अध्यादेश तभी लाया जा सकता है, जब कम-से-कम एक सदन का सत्रावसान किया जाए। सूत्रों की मानें तो पांच अप्रैल को वर्तमान भूमि अधिग्रहण संशोधन अध्यादेश के रद होते ही नया अध्यादेश जारी कर दिया जाएगा। बाद में बजट सत्र के दूसरे चरण के साथ राज्यसभा की बैठक फिर से बुला ली जाएगी।

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भूमि अधिग्रहण विधेयक पर और झुक सकती है सरकार


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