कावेरी: सिद्धारमैया ने कहा, हमारे साथ अन्याय हुआ लेकिन हिंसा विकल्प नहीं
कावेरी जल विवाद पर प्रदर्शन और हिंसक हो गया और कई जगहों पर गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया। बेंगलुरु के 16 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया है।
बेंगलुरु। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कावेरी का पानी छोड़े जाने के मुद्दे पर भड़की हिंसा की समीक्षा के लिए बैंगलुरू में एक के बाद एक कई बैठकें की । उच्चस्तरीय बैठक के बाद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि हमारे साथ अन्याय हुआ लेकिन हमें न्यायपालिका पर पूर्ण भरोसा है। उन्होंने इस मामले में सीधे प्रधानमंत्री के दखल की मांग करते हुए लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की।
कावेरी जल विवाद पर कर्नाटक में हालात बेकाबू हैं। हालांकि पुलिस का दावा है कि बेंगलुरु समेत राज्य के सभी जगहों पर हालात नियंत्रण में है। पीएम नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक और तमिलनाडु के लोगों से शांति की अपील की। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में जिस तरह के माहौल बने हैं वो चिंताजनक है। किसी भी समस्या का समाधान हम लोकतांत्रिक तरीके से कर सकते हैं।
Personally pained at the developments. In a democracy, solutions are found through restraint & mutual dialogue: PM Modi
— ANI (@ANI_news) September 13, 2016
पीएम ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि दोनों राज्यों के लोग राष्ट्रहित को ऊपर रखेंगे। कर्नाटक और तमिलनाडु को लोकतांत्रिक ढंग से मामले को सुलझाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिंसा की घटनाओं में सबसे ज्यादा नुकसान गरीबों और वंचितों का होता है। उम्मीद है कि दोनों राज्यों के लोग अपनी इस जिम्मेदारी से पीछे नहीं हटेंगे।
कर्नाटक के गृहमंत्री ने कहा कि लोगों को न्यायालय के आदेश का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ लोग संगठनों की आड़ में राज्य का माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन सरकार जल्द से जल्द उनकी पहचान कर कड़ी कार्रवाई करेगी। गृहमंत्री जी परमेश्वरा ने लोगों से कानून को अपने हाथ में नहीं लेने की अपील की। जगह-जगह हिंसक प्रदर्शनों में अबतक दो प्रदर्शनकारी की मौत हो गयी थी। मांड्या में प्रदर्शनकारियों का उग्र प्रदर्शन जारी है। बेंगलुरु में ऐहतियातन धारा 144 लागू किया गया है।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सीएम सिद्धरमैया से बातचीत कर ताजा हालात की जानकारी ली। केरल के सीएम पी विजयन ने बेंगलुरु से तिरुअनंतपुरम तक दो स्पेशन ट्रेन चलाने की मांग की है ताकि केरल के रहने वाले लोगों को सुरक्षित लाया जा सके।
16 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू
प्रशासन ने बेंगलुरु के 16 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया है। सोमवार को कर्नाटक के बेंगलुरु, मांड्या, मैसूर, चित्रदुर्गा और धारवाड़ जिलों में नए सिरे से भड़की हिंसा में सैकड़ों वाहन खाक हो गए। हिंसा से सबसे अधिक प्रभावित बेंगलुरु में तमिलनाडु की 30 बस और ट्रक फूंक दिए गए।
सड़कों पर 15 हजार से ज्यादा पुलिस बल तैनात
15 हजार से ज्यादा पुलिस जवान सड़कों पर उतार दिए गए हैं। इसके अलावा हालात पर नजर बनाए रखने के लिए 270 होयसला गश्ती वाहन तैनात किए गए हैं। अर्द्धसैनिक बलों की 20 टुकड़ियों को लगा दिया गया है।इस बीच केंद्र ने हालात से निपटने के लिए रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की दस कंपनियां भेजी हैं। इनमें शामिल 1000 जवानों को कर्नाटक के साथ तमिलनाडु में भी तैनात किया जाएगा। जरूरी होने पर और जवान भेजे जाएंगे। कर्नाटक में राज्य पुलिस के अतिरिक्त आरएएफ की तीन यूनिट और महिला सीआरपीएफ कंपनी पहले से ही तैनात हैं।
बीएसएफ और आटीबीपी की 5-10 कंपनियां स्टैंडबाई में रखी गईं हैं। नई दिल्ली में केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि ने कानून व्यवस्था कायम रखने के लिए सभी प्रकार की सहायता का आश्वासन दिया है।
वेंकैया ने क्या कहा ?
केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडु ने कहा कि कर्नाटक और तमिलनाडु के लोगों को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करना चाहिए। दोनों राज्यों में हिंसा की खबरें परेशान करने वाली हैं। हिंसा से किसी का भी फायदा नहीं होने वाला है। ये न केवल कानून के राज को चुनौती देता है बल्कि आम लोगों के हितों के खिलाफ है।
हिंसा की वजह
ताजा हिंसा की वजह सुप्रीम कोर्ट द्वारा पांच सितंबर के आदेश पर रोक से इन्कार मानी जा रही है। शीर्ष अदालत ने सोमवार को कर्नाटक के आग्रह पर पिछले आदेश में मामूली संशोधन कर तमिलनाडु के लिए 15 हजार के बजाय 12 हजार क्यूसेक पानी रोज छोड़ने का आदेश दिया।
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सिद्धरमैया- जयललिता ने शांति की अपील की
कर्नाटक और तमिलनाडु के मुख्यमंत्रियों यानी सिद्दरमैया और जयललिता ने एक-दूसरे से अपने-अपने यहां के नागरिकों को पूरी सुरक्षा देने को कहा है। सोमवार को हिंसा की शुरुआत तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से हुई। वहां न्यू वुडलैंड्स होटल पर एक तमिल संगठन ने हमला कर तोड़फोड़ की थी।
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