नमामि गंगे के लिए 700 करोड़ की परियोजना स्वीकृत
गंगा स्वच्छता के लिए राष्ट्रीय मिशन (एनएमसीजी) ने पश्चिम बंगाल में गंगा नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए एक परियोजना को मंजूरी दी है।
नई दिल्ली (पीटीआई)। गंगा स्वच्छता के लिए राष्ट्रीय मिशन ने देश के उत्तरी क्षेत्र में 700 करोड़ रुपये की आठ परियोजनाओं को मंजूरी दी है। महत्वाकांक्षी नमामि गंगे कार्यक्रम की प्रगति के लिए यह मंजूरी दी गई है। सरकारी विज्ञप्ति के मुताबिक, आठ परियोजनाओं में से चार गंगा बेसिन के तीन राज्यों में सीवेज प्रबंधन से संबंधित हैं।
गंगा स्वच्छता के लिए राष्ट्रीय मिशन (एनएमसीजी) ने पश्चिम बंगाल में गंगा नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए एक परियोजना को मंजूरी दी है। इस पर 200.07 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इसमें हाइब्रिड वार्षिक पीपीपी माडल के तहत चार करोड़ लीटर दैनिक (एमएलडी) एसटीपी का निर्माण एवं अन्य कार्य शामिल है। इसी तरह बिहार के भागलपुर के लिए हाइब्रिड वार्षिक माडल के तहत 65 एमएलडी क्षमता वाले एसटीपी के निर्माण को भी मंजूरी दी गई है। इस परियोजना पर 268.49 करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान है।
उत्तर प्रदेश में सीवेज ट्रीटमेंट से संबंधित काम के लिए 213.62 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। इसके तहत फर्रुखाबाद में दो एसटीपी (28 एमएलडी प्लस पांच एमएलडी) और फतेहपुर के बरगदिया में दो एमएलडी क्षमता के एक एसटीपी का निर्माण का शुरू किया जाएगा। इसके अलावा बिठूर में सीवेज ट्रीटमेंट से संबंधित काम को मंजूरी दी गई है। प्रदूषण निरोधक कार्यो पर 13.40 करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान है। पटना में राजापुर और दीघा ड्रेन और हरिद्वार में लक्सर ड्रेन के लिए 4.29 करोड़ रुपये की तीन ट्रीटमेंट परियोजनाएं मंजूर की गई हैं। इसमें बायो उपचार तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।
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