फिनमैकेनिका पर मुकदमे से पीछे हटा अभियोजन पक्ष
रोम। वीवीआइपी हेलीकॉप्टर सौदे में घूसखोरी के मामले में उस समय नया मोड़ आ गया जब अभियोजन पक्ष ने एंग्लो-इतालवी कंपन अगस्ता-वेस्टलैंड की मूल कंपनी फिनमैकेनिका पर मुकदमा चलाने से कदम पीछे खींच लिए। इतालवी न्यूज एजेंसी अंसा ने कंपनी के हवाले से कहा है, 'अभियोजन पक्ष ने पाया कि कंपनी कथित भ्रष्टाचार के मामले में संलि
रोम। वीवीआइपी हेलीकॉप्टर सौदे में घूसखोरी के मामले में उस समय नया मोड़ आ गया जब अभियोजन पक्ष ने एंग्लो-इतालवी कंपन अगस्ता-वेस्टलैंड की मूल कंपनी फिनमैकेनिका पर मुकदमा चलाने से कदम पीछे खींच लिए। इतालवी न्यूज एजेंसी अंसा ने कंपनी के हवाले से कहा है, 'अभियोजन पक्ष ने पाया कि कंपनी कथित भ्रष्टाचार के मामले में संलिप्त नहंी थी। अगस्ता-वेस्टलैंड ने घूस देने से इन्कार करने के बावजूद जुर्माना देने के लिए हामी भर दी है।'
महीने की शुरुआत में हुई मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने सौदा पक्का करने के लिए घूस देने के मामले में फिनमैकेनिका के पूर्व सीईओ को छह साल, जबकि अगस्ता-वेस्टलैंड के पूर्व सीईओ को पांच साल कैद की मांग की थी। अगस्ता-वेस्टलैंड के साथ 3,600 करोड़ रुपये के 12 वीवीआइपी हेलीकॉप्टर खरीद सौदे में 360 करोड़ रुपये घूस देने का आरोप लगा था।
इसके बाद भारत सरकार ने सौदे को रद कर दिया था। पहली जनवरी, 2014 को सौदा रद करने के साथ ही भारत सरकार ने एंग्लो-इतालवी कंपनी की ओर से जमा कराई गई बैंक गारंटी भुनाना शुरू कर दिया। फिनमैकेनिका के पूर्व सीईओ ने सौदे में कुछ भी गलत करने से इन्कार करते हुए कहा था कि उसने जो किया, वह कंपनी के हित में था। उसने पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी और उनके रिश्तेदारों से किसी भी तरह के संबंधों से भी इन्कार कर दिया था।