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तूल पकड़ रहा है मोदी को गोद लेने का मामला, PMको गोद लेने का गोदनामा तैयार

यूपी चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए भाषण पर राजनीति गरमाई हुई है।

By Kishor JoshiEdited By: Published: Mon, 20 Feb 2017 09:27 PM (IST)Updated: Tue, 21 Feb 2017 02:00 AM (IST)
तूल पकड़ रहा है मोदी को गोद लेने का मामला, PMको गोद लेने का गोदनामा तैयार

राज कौशिक, गाजियाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गोद लेने का मामला तूल पकड़ रहा है। गोद लेने का कल एलान करने वाले योगेंद्र पाल योगी ने जहां सोमवार को गोदनामा तैयार करा लिया, वहीं भारतीय जनता पार्टी के महानगर अध्यक्ष अजय शर्मा ने इस संबंध में गाजियाबाद से एक हजार पत्र बाल संरक्षण आयोग को भिजवाने की घोषणा की है।

पीएम मोदी के इस कथन पर राजनीति गरमाई हुई है कि यूपी ने उन्हें गोद लिया है। इसका संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश बाल संरक्षण आयोग के सदस्य नाहिद लारी खान ने शनिवार को मोदी को पत्र लिखकर एक सप्ताह के अंदर गोद लेने के कागज दिखाने के लिए कहा था। उनके इस पत्र पर किसी भाजपाई का बयान आने से पहले गैरभाजपाई राजनीतिज्ञ व शिक्षाविद योगेंद्र पाल योगी ने रविवार को एलान किया था कि वह मोदी को गोद लेंगे।

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सोमवार को योगी ने अपने वकील से गोदनामा के कागज तैयार करा लिए। इसे वह मंगलवार को रजिस्टर्ड कराने के लिए आवेदन करेंगे। अटल बिहारी वाजपेयी के साथ पत्रकारिता करने वाले ओज के वरिष्ठ कवि कृष्णमित्र के बेटे हिमांशु लव व भतीजे राकेश लव गोदनामा के गवाह बनाए गए हैं। लव बंधु ने बताया कि आयोग ने जो कागज मांगा है, वो तैयार हो जाएगा।

गोदनामा पर योगी ने लिखा है कि उनकी एक बेटी और तीन बेटों के साथ अब नरेंद्र मोदी उनके दत्तक पुत्र होंगे। यह पूछे जाने पर कि क्या इसके लिए पीएम मोदी की सहमति की जरूरत नहीं होगी, हिमांशु लव ने बताया कि नियमानुसार रजिस्ट्रार पीएम मोदी को इसकी सूचना देकर उनकी सहमति के बारे में पूछेंगे। उन्होंने कहा कि बाल संरक्षण आयोग के सदस्य ने जो पत्र मांगा है, वो तैयार हो गया है।

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उधर, भाजपाई भी इस मुद्दे पर सक्रिय हो गए हैं। महानगर अध्यक्ष अजय शर्मा का कहना है कि गाजियाबाद से एक हजार पत्र इस संबंध में लिखवाए जाएंगे। आयोग के सदस्य बताएं कि ये पत्र कहां भेजे जाने हैं। भाजपा के गाजियाबाद के लोकपालक बलदेव राज शर्मा और भाजपा राष्ट्रीय परिषद के पूर्व सदस्य पृथ्वी ¨सह कसाना का कहना है कि अगर गोद लेने का पत्र दिखाना वास्तव में जरूरी है, तो प्रदेश के करोड़ों नागरिक आयोग को पत्र दे सकते हैं।


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