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हेडली ने किए चौंकाने वाले खुलासे, निशाने पर था सिद्धिविनायक मंदिर

आतंकी डेविड हेडली ने दूसरे दिन की गवाही में कई चौंकाने वाले खुलासे किए। उसने बताया कि आंतकी संगठन तो सिर्फ मोहरा थे। पाक खुफिया एजेंसी आइएसआइ भारत में आतंकी हमलों को अंजाम देने में सीधे तौर पर शामिल थी।

By Lalit RaiEdited By: Published: Tue, 09 Feb 2016 07:41 AM (IST)Updated: Tue, 09 Feb 2016 09:28 PM (IST)
हेडली ने किए चौंकाने वाले खुलासे, निशाने पर था सिद्धिविनायक मंदिर

मुंबई। आतंकी डेविड हेडली ने दूसरे दिन की गवाही में कई चौंकाने वाले खुलासे किए। उसने कहा कि 2007 में ही मुंबई में आतंकी हमले की साजिश रची गई थी। होटल ताज के कॉन्फ्रेंस हाल में भारतीय रक्षा वैज्ञानिक आतंकियों के निशाने पर थे। ताज पैलेस के अलावा साजिद मीर ने साफ तौर पर सिद्धि विनायक मंदिर की रेकी के स्पष्ट निर्देश दिए थे। नेवल स्टेशन, एयर स्टेशन महाराष्ट्र पुलिस हेडक्वार्टर की भी रेकी शामिल थी। सिलसिलेवार हेडली ने वो जानकारियां दी जिससे ये साफ होता है कि पाकिस्तान भारत में दहशतगर्दों के नापाक गठबंधन में शामिल था। आप को बताते हेडली की गवाही के कुछ खास अंश जो ये बताने के लिए पर्याप्त हैं पाकिस्तान का वो सच अब दुनिया के सामने है जिसे वो आजतक छिपाता रहा है।

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हेडली की गवाही के कुछ खास अंश

नवंबर 2007 से पहले उसने ताज होटल की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की थी। लेकिन ये पता नहीं था कि होटल ताज को निशाना बनाया जाएगा। ताज होटल के कॉन्फ्रेंस हाल को लॉजिस्टिक वजहों से निशाना बनाया गया। जब सरकारी वकील उज्ज्वल निकम ने पूछा कि लॉजिस्टिक रीजन का मतलब क्या है तो उसने कहा कि इसका मतलब हथियारों और लोगों से था। हेडली ने कहा कि वो पुख्ता तौर पर ये नहीं बता सकता है कि मुंबई को ही निशाना क्यों बनाया गया।

2006 में कराची से मुंबई का सफर

पासपोर्ट दिखाए जाने पर उसने कहा कि वो सितंबर 2006 में पहली बार कराची से मुंबई आया था। उसे बिजनेस सेट अप की अनुमति डॉ राना से मिली थी। 2006 में ही वो ब्रीच कैंडी अस्पताल के पास श्याम निवास में पेइंग गेस्ट के तौर पर रुका था। डॉ राना ने अपने दोस्त बशीर शेख से उसे एयरपोर्ट पर रिसीव करने के लिए कहा था। वो मुंबई दौरे से पहले बशीर शेख को नहीं जानता था। बशीर शेख ने ही पहले दिन मुंबई में मेरे लिए पूरा इंतजाम किया। ताज होटल के रजिस्टर पर अपने दस्तखत की हेडली ने पहचान की।

ताज होटल में वो 14 सितंबर 2006 को दाखिल हुआ और 28 सितंबर 2006 को चेक आउट किया। 2007 में उसने ताज होटल की कई बार रेकी की। होटल के दूसरे फ्लोर की उसने रेकी की और उस दौरान उसकी पत्नी फैजा भी साथ में थी। साजिद मीर ने सेकंड फ्लोर की रेकी के निर्देश दिए और वो पूरे घटनाक्रम की जानकारी आइएसआइ के मेजर इकबाल को देता रहा। उसने सेकेंड फ्लोर की वीडियोग्राफी की पूरी क्लिप साजिद मीर और मेजर इकबाल को भेजा। और वो दोनों उसकी फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी से संतुष्ट थे।

मीर-इकबाल को सौंपा जीपीएस

फाइनल फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी को साजिद मीर और मेजर इकबाल को उसने सौंप दिया था। रेकी के दौरान वो जीपीएस लगे उपकरणों का प्रयोग कर रहा था। और ये उपकरण उसे साजिद मीर ने मुहैया कराए थे। रेकी करने के बाद उसने जीपीएस उपकरण साजिद मीर को वापस दे दिए थे।

2003 में मसूद अजहर-पाशा से मुलाकात

हेडली ने बताया कि 2003 में वो मौलाना मसूद अजहर से लाहौर से 100 मील दूर मिला था। मसूद अजहर लश्कर के जलसे में आया था जहां उसे गेस्ट स्पीकर बनाया गया। जलसे में अजहर ने भारत के खिलाफ तकरीर की थी। 2003 में ही वो लश्कर के कमांडर जकीउर रहमान लखवी से पीओके में मिला था। हाफिज सईद लश्कर का धार्मिक गुरू था जबकि लखवी लश्कर का कमांडर था। 2003 में लाहौर में एक मस्जिद में वो पहली बार अब्दु्र रहमान पाशा से मिला था। अदालत में गवाही के दौरान हेडली ने अब्दुर रहमान पाशा के फोटो की पहचान भी की।

2006 में आइएसआइ के मेजर इकबाल से मुलाकात

2006 की शुरुआत की शुरुआत में वो लाहौर के किसी घर में मेजर इकबाल से मिला वहां पाक सेना का एक वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद था। साजिद मीर मुजामिल,अबु काफा और उसके बीच एक बैठक हुई। उस बैठक में ये फैसला हुआ कि उसे भारत जाना चाहिए। कोर्ट में गवाही के दौरान उसने कहा कि अल कायदा एक आतंकी संगठन है जिसके बारे में उसे पूरी जानकारी है।

2007 में मुंबई को दहलाने की रची गयी साजिश

2007 में लश्कर ने मुंबई में आतंकी हमला करने का फैसला किया। लश्कर की बैठक में उसे बई में ताज महल पैलेस होटल की रेकी करने के निर्देश दिए। लश्कर को ये जानकारी मिली थी भारतीय वैज्ञानिकों की एक बैठक होटल के कॉन्फ्रेंस हाल में होने वाली है। और वो भारतीय वैज्ञानिकों को निशाना बनाना चाहते थे। नवंबर-दिसंबर 2007 में मुजफ्फराबाद में एक बैठक हुई जिसमें साजिद मीर,अबु खाफा के साथ वो शामिल था।

लश्कर को दी सलाह

हेडली ने बताया कि लश्कर, हरकत उल मुजाहिद्दीन हिजबुल मुजाहिद्दीन और जैश ए,मोहम्मद यूनाइटेड जेहाद काउंसिल से जुड़े हैं। आतंकी संगठन भारत के खिलाफ काम कर रहे हैं। उसने ये बताया कि लश्कर को ये सलाह दी थी कि वो अमेरिका में अपने आपको आतंकी संगठन घोषित करने के खिलाफ अपील करें। हेडली ने गवाही के दौरान लखवी के फोटो को भी पहचाना।हेडली ने बताया कि उसे आइएसआइ के लिए खुफिया जानकारी देने के लिए भारतीय फौज के कुछ लोगों को भर्ती का जिम्मा दिया था। हेडली ने बताया कि कैंपों में 102 लोग होते थे। हाफिज सईद और लखवी से अक्सर बातें होती थी।


फैजा ने की शिकायत

फैजा से 2007 में उसकी शादी हुई। बकाए के पैसे के लिए फैजा ने उसकी शिकायत पुलिस में की। शिकायत के बाद मेरी गिरफ्तारी हुई। उसे लगता था कि मेरा संबंध लश्कर के किसी करीबी से था। हेडली ने कहा कि 2008 में उसकी बीवी फैजा ने इस्लामाबाद में यूएस एंबेसी में शिकायत की थी कि वो लश्कर से जुड़ा हुआ है। और आतंकी गतिविधियों में शामिल है।

इससे पहले कल हुई गवाही में उसने साफ तौर पर कहा था कि मुंबई हमलों को अंजाम देने के लिए पाक खुफिया एजेंसी आइएसआइ और लश्कर के बीत साठगांठ था। भारत को दहलाने के लिए लश्कर का मुखिया हाफिज सईद खुद कमान संभाले हुए था। वो हाफिज सईद के भाषणों से प्रभावित होकर मुंबई के कई इलाकों की रेकी की थी। जिसके बाद आतंकी अपने नापार मंसूबों को अंजाम देने में कामयाब रहे।

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कौन है हेडली की मदद करने वाला लश्कर का साजिद मीर?

हेडली के खुलासे के बाद भारत, अमेरिका से भी हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कह सकता है। अमेरिका ने सईद के सिर पर एक करोड़ डॉलर का इनाम रखा है। अदालत के सामने हेडली के कबूलनामे ने ये साफ कर दिया है कि हाफिज सईद मुंबई आतंकी हमले में शामिल था। हेडली इस समय अमेरिका के शिकागो जेल में 35 साल की सजा काट रहा है। बताया जा रहा है कि अमेरिका हेडली के बयान को संज्ञान में लेकर हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है। मुंबई हमले में मारे गए 166 लोगों में चार अमेरिकी नागरिक शामिल थे।


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