यूपी की चीनी मिलों की नीलामी में कोई गड़बड़ी नहीं मिली
सीसीआइ का यह फैसला इस मामले की जांच करने का आदेश दिये जाने के चार साल बाद आया है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। उत्तर प्रदेश में छह साल पहले राज्य सरकार की चीनी मिलों की बिक्री में हिस्सा लेने वाली आठ कंपनियों ने बिडिंग यानी नीलामी करने में कोई गड़बड़ी नहीं की। यह फैसला कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (सीसीआइ) ने दिया है।
यह मामला वर्ष 2010-11 के दौरान यूपी स्टेट शुगर कॉरपोरेशन लि. (यूपीएसएससीएल) की बंद पड़ी 21 मिलों की बिक्री से संबंधित है। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की ऑडिट रिपोर्ट के बाद सीसीआइ ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया था ताकि बिडिंग में संभावित हेराफेरी का पता लगाया जा सके। सीसीआइ का यह फैसला इस मामले की जांच करने का आदेश दिये जाने के चार साल बाद आया है। उसने 2013 में जांच का आदेश दिया था।
यह भी पढ़ें: पाकिस्तानी दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब देगा भारत - बीएसफ
कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि यूपीएसएसएल और उत्तर प्रदेश राज्य चीनी एवं गन्ना विका निगम लि. की मिलों की बिक्री के लिए बिडिंग प्रक्रिया में स्पर्धा का अभाव रहा और बिडिंग भरने वाली कंपनियां हेराफेरी में संलिप्त रहीं। इस तरह की गड़बड़ी से प्रतिस्पर्धा कानून के उल्लंघन का मामला मानकर सीसीआइ ने जांच का आदेश दिया था।
यह भी पढ़ें: डॉन अबू सलेम पर उपन्यास लिखने के लिए जेल की जिंदगी जीना चाहते हैं ये एडीएम