टॉउनहाल में बोले मोदी, गौरक्षा के नाम पर दुकान चलाने वालों पर आता है गुस्सा
इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में आयोजित 'टॉउनहाल' बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से सीधा संवाद कर उनके सवालों का जवाब दिया।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कुछ राज्यों में दलितों के खिलाफ हिंसा पर उतारू गोरक्षकों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सख्त संदेश दिया है। प्रधानमंत्री ने सीधे-सीधे शब्दों में उन्हें असामाजिक तत्व करार दिया। साथ ही उन्होंने राज्यों को जिम्मेदारी और जवाबदेही की याद दिलाई और कहा कि हर मुद्दे का राजनीतिकरण ठीक नहीं है।
जाहिर तौर पर, यह उन राज्यों के लिए जवाब था जो दलित अत्याचार के मामलों से लेकर विभिन्न योजनाओं की विफलताओं के लिए केंद्र को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं।माइगाव.इन के दो वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य पर शनिवार को आयोजित टाउनहॉल कार्यक्रम में नोएडा की एक युवती ने सवाल पूछा कि मोदी कार्यकर्ता रह चुके हैं तो वह दूसरे वोलंटियर को क्या सुझाव देना चाहेंगे। इसके जवाब में मोदी ने सीधे कथित गोरक्षकों पर वार किया। उन्होंने कहा, 'रात भर असामाजिक काम में लिप्त रहने वाले कई लोग गोरक्षा का लबादा पहनकर समाज में इज्जत पाना चाहते हैं। अगर इनका डोजियर तैयार हो तो सत्तर फीसद लोग ऐसे निकलेंगे जिनका गोरक्षा से कोई मतलब नहीं है। वे रात में असामाजिक काम करते हैं। वे गोरक्षा के नाम पर दूसरों को प्रताडि़त करते हैं तो इसे सहन नहीं किया जाएगा।'
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उन्होंने कहा कि राज्यों को ऐसे लोगों के डोजियर तैयार करवाने चाहिए।मोदी ने कहा कि गोरक्षा करनी है तो कम-से-कम इसका इंतजाम तो करो कि गायें प्लास्टिक खाकर न मरें। उन्होंने कहा कि गौहत्या से अधिक गायें प्लास्टिक खाकर मर रहीं। सफाई करो और इसी बहाने प्लास्टिक के उपयोग पर रोक भी लगेगी। उन्होंने इसी क्रम में एक कहानी भी सुनाई कि पुराने जमाने में बादशाह सेना के आगे गायों को खड़ी कर देते थे कि विपक्षी दल उन पर हमला नहीं कर पाएं।
पूरी तरह शासन-प्रशासन पर केंद्रित इस कार्यक्रम में मोदी यह संदेश देने में चूके नहीं कि राज्यों की विफलताओं के लिए केंद्र को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है। जाहिर तौर पर, वह उन राज्यों को जवाब दे रहे थे जो अपने प्रदेश की योजनाओं की असफलता, दलितों के खिलाफ अत्याचार की घटनाओं को रोकने की विफलता जैसे मुद्दों के लिए मोदी सरकार को दोषी ठहरा रहे हैं।
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सीधे जनता के बीच जवाब
पिछले एक पखवाड़े में गोरक्षा और दलितों का मुद्दा काफी गर्म रहा है और विपक्ष ने एक सुर में इसके लिए केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा किया। विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पर आरोप भी लगा कि वह मौन क्यों हैं। गौरतलब है कि गुजरात के साथ-साथ पिछले दिनों मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में भी कुछ घटनाएं हुई हैं। संसद के मानसून सत्र के शुरुआती दिन इन्हीं मुद्दों पर गर्म रहे। प्रधानमंत्री ने इनका जवाब जनता के बीच आकर दिया।
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क्या है टाउनहॉल कार्यक्रम
टाउनहॉल कार्यक्रम दरअसल पश्चिम में काफी लोकप्रिय है। इसमें सरकार से लेकर बड़ी कंपनियों तक के अगुआ जनता के बीच आकर अपनी बात रखते हैं और सवालों के जवाब देते हैं। यहां दिल्ली में शनिवार को पहली बार इस तरह का कार्यक्रम हुआ। माइगाव.इन के दो वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य पर आयोजित इस कार्यक्रम में मोदी सीधे जनता से जुड़े। इसमें वैसे लोग शामिल थे जो प्रधानमंत्री को इसी साइट के जरिए सुझाव भी देते रहे हैं।
दैनिक जागरण ने पहले ही कहा था
दैनिक जागरण ने पहले ही बताया था कि उग्र हिंदूवादी संगठनों को शीर्ष नेतृत्व से सख्त संदेश दिया जाएगा। खुद प्रधानमंत्री की ओर से जिस तरह इसकी भर्त्सना की गई, वह हर किसी के लिए साफ संदेश है।
नए आइडिया देने वालों को प्रधानमंत्री ने सम्मानित किया। 2 हजार लोगों को इस कार्यक्रम में बुलाया गया था। पीएम मोदी ने एेप बनाने वाले छह छात्रों को भी सम्मानित किया।
कार्यक्रम में पोर्टल के दो साल पूरे होने पर आयोजित कार्यक्रम में अरुण जेटली ने कहा कि सोशल मीडिया सामाजिक सशक्तिकरण का उपकरण है।