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कई सहकारी बैंकों ने रिजर्व बैंक को किया गुमराह

यह हेरफेर कई करोड़ रुपये की है। कुछ कोऑपरेटिव बैंकों ने रिजर्व बैंक को गलत जानकारी दी।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Thu, 19 Jan 2017 09:32 PM (IST)Updated: Thu, 19 Jan 2017 09:54 PM (IST)
कई सहकारी बैंकों ने रिजर्व बैंक को किया गुमराह

नई दिल्ली, प्रेट्र। आयकर विभाग ने सहकारी बैंकों के कामकाज पर अंदेशा जताया है। पत्र लिखकर विभाग ने रिजर्व बैंक को बताया है कि इनमें से कई बैंकों के खातों में गड़बडि़यां हैं। जांच के दौरान पाया गया है कि नोटबंदी के बाद नकदी के रिकॉर्ड के साथ छेड़छाड़ की गई है। यह हेरफेर कई करोड़ रुपये की है। कुछ कोऑपरेटिव बैंकों ने रिजर्व बैंक को गलत जानकारी दी।

विभाग ने एक रिपोर्ट तैयार की है। इसमें मुंबई और पुणे के दो मामलों का खास तौर से जिक्र है। इन बैंकों ने 500 और 1000 के पुराने नोटों में 113 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि होने की जानकारी नियामक को दी। रिपोर्ट के अनुसार, पुणे के बैंक ने रिजर्व बैंक को 242 करोड़ रुपये के नोट होने की जानकारी दी। जबकि उसके पास वास्तव में 141 करोड़ रुपये ही थे। ऐसे में इस सहकारी बैंक ने 23 दिसंबर 2016 को उसके पास 101.70 करोड़ रुपये के अतिरिक्त पुराने नोट होने की बात कही। इसी तरह मुंबई में एक मामले में बैंक ने 11.89 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि होने की जानकारी दी।

आयकर विभाग ने पिछले साल नोटबंदी के बाद इन दोनों बैंकों का सर्वे किया। इस दौरान उसे चलन से बाहर किए गए नोटों की इन बैंकों में उपलब्धता और रिजर्व बैंक को दी गई जानकारी में गंभीर अंतर नजर आया। अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने इस बारे में रिजर्व बैंक को जानकारी दी है और लगातार इस बारे में ताजा जानकारी दी जा रही है।

पुराने नोटों की उपलब्धता से अधिक जानकारी देने का मकसद यही था कि पुराने नोटों को 30 दिसंबर 2016 के बाद भी नए नोटों में बदलने की संभावना बनी रहे। पुराने नोटों को नए नोटों से बदलने की समयसीमा 30 दिसंबर थी। आयकर विभाग पहले भी कई सहकारी बैंकों के कामकाज को लेकर गंभीर चिंता जता चुका है।

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