संस्कृत से चिढ़ है तो नाम बदल लें जयललिता और करुणानिधि
भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने संस्कृत सप्ताह का विरोध करने पर तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता के साथ-साथ द्रमुक सुप्रीमो करुणानिधि को भी आड़े हाथ लिया है। उनका कहना है कि 'अगर तमिलनाडु के इन दोनों नेताओं को संस्कृत से इतनी ही चिढ़ है तो यह दोनों अपना नाम क्यों नहीं बदल लेते। जयललिता एक संस्कृत नाम
हैदराबाद। भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने संस्कृत सप्ताह का विरोध करने पर तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता के साथ-साथ द्रमुक सुप्रीमो करुणानिधि को भी आड़े हाथ लिया है। उनका कहना है कि 'अगर तमिलनाडु के इन दोनों नेताओं को संस्कृत से इतनी ही चिढ़ है तो यह दोनों अपना नाम क्यों नहीं बदल लेते। जयललिता एक संस्कृत नाम है। करुणानिधि एक संस्कृत नाम है।'
उन्होंने कहा कि विवादास्पद अयोध्या मसले का हल बातचीत के जरिये निकालने के पक्ष में हैं। उनका कहना है, 'राम मंदिर पर हम निश्चित तौर पर मुस्लिम समुदाय से सुलह समझौता करना चाहेंगे। आपसी बातचीत के जरिये इसका हल निकालेंगे।' स्वामी एक कार्यक्रम में सोशल मीडिया पर सक्रिय लोगों के सवालों को रविवार को जवाब दे रहे थे।
अयोध्या मसले पर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, 'इस मामले में अब हम मुस्लिम धर्मशास्त्रियों की मदद की जरूरत है ताकि सुप्रीम कोर्ट में लंबित याचिकाओं पर सभी प्रमुखों पक्षों से बातचीत कर सुलह की जा सके। उन्हें (मुस्लिम समुदाय) इस बात के लिए राजी किया जा सके कि वे अयोध्या, काशी और मथुरा के धर्म स्थलों की जगह दूसरे स्थानों पर मस्जिद निर्माण के लिए सहमत हो जाएं। हम उन मस्जिदों को बनाने में भी मदद करेंगे। इस प्रकार इन मुद्दों पर सुलह समझौते करेंगे।'
एक अन्य सवाल के जवाब में स्वामी ने श्रीलंकाई तमिलों के मुद्दे पर तमिलनाडु के नेताओं के रवैए की आलोचना की। उनका कहना था, 'मैं तमिलनाडु में भी कहता रहा हूं कि तमिल हित के लिए देश हित को कुर्बान नहीं किया जा सकता है। पिछली सरकार की मूर्खता की वजह से श्रीलंका में चीन और पाकिस्तान अच्छी-खासी घुसपैठ करने में कामयाब रहे हैं।' भाजपा नेता के अनुसार किसी भी राज्यों को देश हित की अनदेखी करने की इजाजत नहीं होनी चाहिए।
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