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कश्मीर विधान परिषद में पाक से वार्ता का प्रस्ताव पारित

पाकिस्तान को लेकर भारत सरकार के रुख-रवैये और फैसले को दरकिनार करते हुए जम्मू-कश्मीर विधान परिषद ने गुरुवार को इस पड़ोसी देश से बातचीत की प्रक्रिया बहाल करने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया। इस दौरान इसकी अनदेखी कर दी गई कि अनुच्छेद 370 के तहत भी विदेश और रक्षा मामलों में राज्य सरकार दखल नहीं दे सकती। भाजपा ने इस प्रस्ताव को भारत विरोधी और पाकिस्तान समर्थक करार दिया है। जम्मू-कश्मीर भाजपा के अध्यक्ष जुगल किशोर शर्मा ने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी और कांग्रे

By Edited By: Published: Fri, 29 Aug 2014 09:38 AM (IST)Updated: Fri, 29 Aug 2014 11:11 AM (IST)
कश्मीर विधान परिषद में पाक से वार्ता का प्रस्ताव पारित

जम्मू, जागरण ब्यूरो। पाकिस्तान को लेकर भारत सरकार के रुख-रवैये और फैसले को दरकिनार करते हुए जम्मू-कश्मीर विधान परिषद ने गुरुवार को इस पड़ोसी देश से बातचीत की प्रक्रिया बहाल करने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया। इस दौरान इसकी अनदेखी कर दी गई कि अनुच्छेद 370 के तहत भी विदेश और रक्षा मामलों में राज्य सरकार दखल नहीं दे सकती। भाजपा ने इस प्रस्ताव को भारत विरोधी और पाकिस्तान समर्थक करार दिया है। जम्मू-कश्मीर भाजपा के अध्यक्ष जुगल किशोर शर्मा ने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी और कांग्रेस के नेता पाकिस्तान के प्रवक्ता की तरह बोल रहे हैं।

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विधान परिषद में उक्त प्रस्ताव ऐसे समय पारित हुआ है जब पाक से बातचीत रद करने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ कश्मीर की पार्टियां सक्रिय हैं। खुद मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी वार्ता रद करने के फैसले को गलत ठहराते हुए उस पर फिर से गौर करने की पैरवी कर चुके हैं। नेशनल कांफ्रेंस के एमएलसी देवेंद्र सिंह राणा के पाकिस्तान से वार्ता करने संबंधी प्रस्ताव पर बहस के दौरान पीडीपी और कांग्रेस के सदस्यों ने इस पर जोर दिया कि जम्मू-कश्मीर में शांति के लिए पाकिस्तान से बातचीत की प्रक्रिया बहाल करना जरूरी है। सदस्यों ने सीमा पर संघर्ष विराम उल्लंघन पर रोक लगाने के साथ प्रभावितों के पुनर्वास की भी बात कही।

सदस्यों ने दलील दी कि वार्ता रद करने जैसे फैसले राज्यवासियों के लिए सही नहीं हैं। सभी समस्याओं का समाधान बातचीत से ही संभव है। सभी ने एकमत से वार्ता शुरू करने की पैरवी की। इसके बाद प्रस्ताव पर वोटिंग कराकर उसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। पैंथर्स पार्टी के एक मात्र सदस्य ने सदन का बहिष्कार किया। प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि राज्य सरकार केंद्र सरकार के समक्ष पाकिस्तान से वार्ता शुरू करने का मुद्दा उठाए। इस विवादास्पद प्रस्ताव को लेकर बुधवार को भी विधान परिषद में हंगामा हुआ था, क्योंकि परिषद के चेयरमैन ने प्रस्ताव पेश करने वाले देवेंद्र सिंह राणा को ही बोलने की अनुमति दी थी। हंगामे के चलते विधान परिषद की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी थी। ज्ञात हो कि देवेंद्र सिंह राणा प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह राणा के भाई हैं।

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पाक से वार्ता प्रस्ताव पर कश्मीर विधान परिषद में हंगामा


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