एसपी के तबादले पर राजस्थान में घिरी कांग्रेस
जयपुर [जागरण संवाददाता]। ग्रेटर नोएडा की पूर्व एसडीएम दुर्गा शक्ति नागपाल अकेली अधिकारी नहीं हैं, जिन्हें ईमानदारी से काम करने की सजा निलंबन के रूप में मिली हो। दुर्गा का मामला अभी शांत नहीं हुआ था कि राजस्थान में जैसलमेर के एसपी के साथ भी वैसा ही सुलूक किया गया। पोखरण से कांग्रेस के दबंग विधायक सालेह मोहम्मद के पिता गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट खोलने पर 48 घंटे के अंदर ही एसपी पंकज चौधरी का तबादला कर दिया गया।
जयपुर [जागरण संवाददाता]। ग्रेटर नोएडा की पूर्व एसडीएम दुर्गा शक्ति नागपाल अकेली अधिकारी नहीं हैं, जिन्हें ईमानदारी से काम करने की सजा निलंबन के रूप में मिली हो। दुर्गा का मामला अभी शांत नहीं हुआ था कि राजस्थान में जैसलमेर के एसपी के साथ भी वैसा ही सुलूक किया गया। पोखरण से कांग्रेस के दबंग विधायक सालेह मोहम्मद के पिता गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट खोलने पर 48 घंटे के अंदर ही एसपी पंकज चौधरी का तबादला कर दिया गया। तबादले से एक दिन पहले कांग्रेस विधायक ने एसपी को देख लेने की धमकी दी थी।
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एसपी के तबादले के विरोध में स्थानीय लोग सड़क पर उतरे। कई संगठनों की ओर से रविवार को बुलाया गया बंद पूरी तरह से सफल रहा। पोखरण में भाजपा ने जुलूस निकाला और राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपकर चौधरी का तबादला रद करने की मांग की। बंद समर्थकों का आरोप है कि एसपी द्वारा लंबे समय से बंद गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट खोलने तथा असामाजिक तत्वों के विरुद्ध कार्रवाई करने पर उनका तबादला किया गया।
एसपी पंकज चौधरी ने टूरिज्म इंडस्ट्री से जुड़े दलालों और स्थानीय शराब माफिया के खिलाफ अभियान चलाया था। संगठित अपराधों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर एसपी का विधायक से विवाद भी हुआ था। एसपी एवं अन्य पुलिसकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार को लेकर रविवार शाम विधायक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।
आरोप है कि सालेह मोहम्मद के पिता गाजी फकीर भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर होने वाली तस्करी और असामाजिक गतिविधियों में लिप्त हैं। 31 जुलाई, 1965 को पहली बार गाजी की हिस्ट्री शीट खोली गई थी। 1984 में पुलिस की फाइल गायब हो गई। 1990 में फिर हिस्ट्रीशीट खोली गई, लेकिन मई, 2011 में एएसपी रैंक के एक अधिकारी ने अवैध रूप से केस बंद कर दिया। पंकज चौधरी ने गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट खोलने की पुष्टि करते हुए कहा कि जिले में समाज कंटकों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर विधायक को कुछ दिक्कत थी।
विधायक का कहना है कि हमें बदनाम करने की साजिश है, जिसमें एसपी भी शामिल हैं। विधायक के भाई अब्दुल्ला फकीर ने कहा कि मेरे पिता 80 साल के हैं। वह ठीक से सुन और देख भी नहीं सकते। पिछले तीन दशकों में उनके खिलाफ कोई आरोप नहीं लगा है। उनके खिलाफ राजनीतिक साजिश रची जा रही है।
गौरतलब है कि गाजी फकीर का नाम राजस्थान ही नहीं, राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों के रिकॉर्ड में भी दर्ज हैं। पाकिस्तान सीमा से सटे जैसलमेर जिले में रहने वाले गाजी फकीर बॉर्डर पार कराने, तस्करी, अवैध हथियारों की खरीद-फरोख्त जैसे कई अवैध धंधों में लिप्त रहे हैं।
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