पाकिस्तान में मौजूद हैं अमेरिका के कई मोस्ट वांटेड आतंकी, एफबीआई है परेशान
FBI को दुनिया की सबसे ताकतवर खुफिया एजेंसी माना जाता है लेकिन इसके बाद भी करीब ऐसे 49 आतंकी हैं जो दशकों से इस एजेंसी को पागल बनाते आ रहे हैं। FBI के लिए ये सिरदर्द बन चुके हैं।
नई दिल्ली [कमल कान्त वर्मा]। दुनिया की सबसे दमदार माने जाने वाली अमेरिका की खुफिया एजेंसी एफबीआई (FBI) की आंखों में धूल झोंककर करीब 49 आतंकवादी आज भी उसकी पहुंच से कोसों दूर हैं। हैरानी की बात ये है कि एफबीआई के पास इन आतंकियों का ना तो कोई ताजा फोटो ही है और न ही कोई पुख्ता जानकारी। इससे भी बड़ी हैरानी की बात ये है कि ये आतंकी जिनमें से कुछ अमेरिका में हुई आतंकी घटनाओं में शामिल रहे हैं तो कुछ विमान के अपहरण में शामिल रहे हैं आज भी एफबीआई के लिए सिरदर्द बने हुए हैं। एफबीआई को चकमा देते हुए इनमें से कुछ को तो तीन दशक से ज्यादा हो चुका है, लेकिन आज तक उन्हें नहीं पकड़ा जा सका है।
जारी की Pan Am73 फ्लाइट के अपहरणकर्ताओं की ताजा तस्वीर
आपको बता दें कि दो दिन पहले ही एफबीआई ने Pan Am 73 फ्लाइट के चार अपरहरणकर्ताओं की नई फोटो रिलीज की थी। यूं तो इन अपहरणकर्ताओं की यह कोई ताजा फोटो नहीं है, बल्कि समय बीतने के साथ क्रिएट की गई फोटो हैं। इन आतंकियों के नाम मुहम्मद हाफिज अल-तुर्की, जमाल सईद अब्दुल रहीम, मुहम्मद अब्दुल्ला खलील हुसैन और मुहम्मद अहमद अल-मुनवर बताए गए हैं। Pan Am की इस फ्लाइट को 5 सितंबर 1986 को चार अपहरणकर्ताओं ने कराची से हाईजैक कर लिया था। इस दौरान नीरजा भनोट सहित 20 लोगों की मौत हो गई थी और सौ से अधिक यात्री घायल हो गए थे। इस फ्लाइट में कुल 379 यात्री सवार थे। एफबीआई के पास आज तक इन आतंकियों का कोई सुराग नहीं है।
FBI की 'Most Wanted' लिस्ट के कई आतंकी पाक में मौजूद
यहां पर आपको ये भी बता दें कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी एफबीआई की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल अधिकतर आतंकियों की जानकारी देने वाले को 5-25 मिलियन डॉलर की इनामी राशि देने की घोषणा एफबीआई ने की है। इस मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल कुछ आतंकियों के तो पाकिस्तान, अफगानिस्तान, लेबनान और लीबिया में होने की आशंका जताई गई है। इनमें शेख अमीनुल्लाह, अल जवाहरी, सिराजुद्दीन हक्कानी, अमेर अलमाटी का नाम शामिल है। आपको यहां पर यह भी बता दें कि इस लिस्ट में शामिल 49 आतंकी वो हैं जो किसी न किसी तरह से अमेरिका या अमेरिकियों पर हुए हमले में शामिल रहे हैं। अब हम आपको सिलसिलेवार इनमें से कुछ के बारे में विस्तार से बताते हैं।
अल जवाहरी
अल जवाहरी के सिर पर एफबीआई ने 25 मिलियन डॉलर का इनाम रखा है। यह आतंकी फिजीशियन है और इजिपिटियन इस्लामिक जेहाद का संस्थापक भी है। यह संगठन मिस्र की सरकार के खिलाफ काम करने के लिए जाना जाता है। यह संगठन अलकायदा से जुडा है। यह 7 अगस्त 1998 में दार-ए-सलाम और केन्या स्थित अमेरिकी दूतावासों पर हुए बम धमाकों में शामिल रहा है।
शेख अमीनुल्लाह
नाम बदलकर अपनी पहचान छिपाने में माहिर ये आतंकी करीब दस नामों से पहचाना जाता है। एफबीआई को शक है कि यह पेशावर के गंज या गांजी जिले में रहता है। यह आतंकी अलकायदा और तालीबान समेत इनसे जुड़ी दूसरे आतंकी संगठनों को जरूरी चीजों की सप्लाई करता है। इतना ही नहीं अमीनुल्लाह कश्मीर में मौजूद लश्कर ए तैयबा के आतंकियों की भी मदद करता है। यह आतंकी गंज मदरसे का संस्थापक निदेशक भी है। इसके अलावा यह आतंकी संगठनों के लिए पैसों का जुगाड़ करने आतंकियों की ट्रेनिंग और उनकी नियुक्ति करने उन्हें हथियार सप्लाई करने से भी जुड़ा है। इसको लेकर एफबीआई के पास बस इतनी ही जानकारी है कि यह एक मोटा चश्मा लगाता है और लंबी दाढ़ी रखता है और पेशावर में हो सकता है।
रमादन अब्दुल्लाह मोहम्मद सलाह
अमीनुल्लाह की तरह सलाह भी वेश बदलने में माहिर है। एफबीआई की जानकारी के मुताबिक यह आतंकी इंग्लैंड से बैंकिंग और अर्थशास्त्र में पीएचडी होल्डर है और फ्लोरिडा समेत गाजा और मिस्र की यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर रह चुका है। सलाह फिलिस्तीनियन इस्लामिक जेहाद पीआईजे से जुड़ा हुआ है। इसको अंतराष्ट्रीय आतंकी संगठन घोषित किया जा चुका है। एफबीआई को सलाह की तलाश हत्या, फिरौती और मनी लांड्रिंग से जुड़े कई मामलों में है। एफबीआई की जानकारी के मुताबिक सलाह पीआईजे का महासचिव भी है। इस आतंकी संगठन का हैडक्वार्टर सीरिया के दमिश्क में है। सलाह को 27 नवंबर 1995 को अमेरिका ने डेजिगनेटेड टेररिस्ट की सूचि में डाला था। जानकारी के मुताबिक यह आंखों पर रंगीन चश्मा लगाना पसंद करता है। खुफिया एजेंसियों से बचने के लिए यह कभी मूंछ रख्ता है तो कभी इन्हें साफ भी कर लेता है। एफबीआई को इसके करीब आठ नाम पता है। इसकी जानकारी देने वाले या पकडवाने को एफबीआई ने पांच मिलियन डॉलर देने का ऐलान कर रखा है। इसके अलावा एफबीआई को इसी ऑर्गेनाइजेशन के एक अन्य आतंकी अब्द अल अजीज अवादा की भी तलाश है।
हुसैन मोहम्मद अल उमरी
बम मैन के नाम से कुख्यात आतंकी कई दशकों से एफबीआई की आंखों में धूल झोंकता आ रहा है। चौड़े मुह और पतले होंठों वाला यह आतंकी आंखों पर चश्मा लगाता है और मूंछ रखता है। इसकी एक पहचान ये भी है कि यह हमेशा सूटबूट में रहता है और क्यूबन सिगार पीता है। यह सुन्नी मुस्लिम है और शराब पीने और जुआ खेलने से सख्त नफरत करता है। यह केवल हाई स्कूल तक पढ़ा हुआ है लेकिन बम बनाने में इसे महारत हासिल है। इसने 15 मई 1979 को इजरायल में हिंसा फैलाने और ऐसा करने वालों का समर्थन करने, उन्हें जरूरी चीजें मुहैया करवाने के लिए एक ऑर्गेनाइजेशन बनाई थी। उल उमरी 11 अगस्त 1982 में पैन एएम 830 विमान के अपहरण और इसमें हुए बम धमाके में शामिल था। यह विमान जापान से हवाई की उड़ान पर था।
अब्दुल्लाह अल रीमी
इस आतंकी की तलाश एफबीआई को वर्ष 2000 से है, लेकिन आज तक यह एफबीआई की गिरफ्ट से बाहर है। यह आतंकी 12 अक्टूबर 2000 यमन में स्थित अमेरिकी दूतावास में हुए बम धमाके में शामिल था जिसमें 17 अमेरिकी सैनिकों की मौत हो गई थी।
अब्दुल्लाह अहमद अब्दुल्लाह
यह आतंकी दार ए सलाम, और केन्या स्थित अमेरिकी दूतावासों में हुए बम धमाकों में शामिल रहा है। यह धमाके 7 अगसत 1998 को हुए थे। एफबीआई की मानें तो यह आतंकी हमले से एक दिन पहले ही केन्या से कराची भाग गया था। एफबीआई के पास इसका काफी पुराना फोटो है।
अली अटवा
अली लेबानीज हिजबुल्ला आतंकी संगठन का सदस्य है। यह आतंकी 14 जून 1985 में हुए एक विमान अपहरण में शामिल था। इस घटना में विमान के क्रू मेंबर समेत कई यात्री घायल हो गए थे जबकि एक अमेरिकी यात्री की मौत हो गई थी।
अब्दुल रहमान यासीन
यह आतंकी मिर्गी की बीमारी से ग्रसित है। यह 26 फरवरी 1993 में न्यूयॉर्क स्थित वर्ल्ड ट्रेड टावर में हुए बम धमाकों में शामिल रहा है। इस बम धमाके में छह लोगों की मौत हो गई थी जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
एफबीआई की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल दूसरे नाम
इस्माइल अली, लेओ फ्रेडरिक बर्ट, लीबान हजी मोहम्मद, जेहाद सर्न मुस्तफा, लालदुल्ला सहिरोन, जोन डेबोरा चेसमार्ड, एबीड्राउफ जेडीईई, गज़िया नासर अल-दीन, एलिजाबेथ अन्ना ड्यूके, कैथरीन मारिए केर्को, अदनान जी एल, शुक्राजुमाह, अहमद अबामासा, आइमन अल-जवाहरी, मोहम्मद अली हमादी, जामेल अहमद मोहम्मद अली अल-बादावी, जेबर ए एल्बेनी, सैफ अल अदेल, इब्राहिम अल-मुगलसिल, अली सईद बिन अली अल होरी, अब्देल हुसैन मोहम्मद अल-नसर।
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