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चौतरफा घिरे जस्टिस एके गांगुली

इंटर्न के साथ यौन दु‌र्व्यवहार के मामले में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एके गांगुली चौतरफा घिरते जा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट की जांच में प्रथमदृष्टया दोषी ठहराए जाने के बाद जहां एक ओर राष्ट्रपति से जस्टिस गांगुली को पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद से हटाने की मांग फिर से शुरू हो गई है। वहीं, राष्ट्रीय महिला आयोग और भाजपा समेत विभिन्न राजनीतिक दलों ने उनके खिलाफ तत्काल अपराधिक कार्रवाई शुरू करने की मांग की है। हालांकि, दिल्ली पुलिस अपनी ओर कार्रवाई शुरू करने से हिचक रही है। दिल्ली पुलिस का तर्क है कि पीड़ित लड़की की शिकायत के बाद ही एफआइआर दर्ज की जा सकती है और इसके लिए उससे संपर्क करने की कोशिश की जा रही है।

By Edited By: Published: Sat, 07 Dec 2013 02:53 AM (IST)Updated: Sat, 07 Dec 2013 02:55 AM (IST)

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। इंटर्न के साथ यौन दु‌र्व्यवहार के मामले में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एके गांगुली चौतरफा घिरते जा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट की जांच में प्रथमदृष्टया दोषी ठहराए जाने के बाद जहां एक ओर राष्ट्रपति से जस्टिस गांगुली को पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद से हटाने की मांग फिर से शुरू हो गई है। वहीं, राष्ट्रीय महिला आयोग और भाजपा समेत विभिन्न राजनीतिक दलों ने उनके खिलाफ तत्काल अपराधिक कार्रवाई शुरू करने की मांग की है। हालांकि, दिल्ली पुलिस अपनी ओर कार्रवाई शुरू करने से हिचक रही है। दिल्ली पुलिस का तर्क है कि पीड़ित लड़की की शिकायत के बाद ही एफआइआर दर्ज की जा सकती है और इसके लिए उससे संपर्क करने की कोशिश की जा रही है।

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जस्टिस गांगुली के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने की पहले ही मांग कर चुके राष्ट्रीय महिला आयोग ने शुक्रवार को दिल्ली पुलिस को दोबारा पत्र लिखकर आपराधिक कार्रवाई शुरू करने के लिए दबाव बनाया। ध्यान देने की बात है कि मामले के उजागर होने और तिलक मार्ग थाने में दिल्ली विश्वविद्यालय के लॉ फैकल्टी के पूर्व डीन एसएन सिंह की लिखित शिकायत के बाद दिल्ली पुलिस ने पीड़ित लड़की को बयान देने के लिए मेल किया था। लेकिन उस समय पीडि़त लड़की ने सुप्रीम कोर्ट की जांच में व्यस्त होने का हवाला देकर इससे इन्कार कर दिया था। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की जांच कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद दिल्ली पुलिस अब नए सिरे से पीड़ित लड़की से संपर्क करने की कोशिश कर रही है।

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वैसे उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार दिल्ली पुलिस एसएन सिंह की शिकायत पर जस्टिस गांगुली के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के मूड में नहीं है। इसके लिए वरिष्ठ अधिकारी दिल्ली के सॉलीसिटर जनरल की मौखिक राय का हवाला दे रहे हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि केवल पीड़ित लड़की, घटना के चश्मदीद गवाह और लड़की से घटना की पूरी जानकारी लेने वाले व्यक्ति की शिकायत पर ही एफआइआर दर्ज की जा सकती है। लेकिन उनके पास इस सवाल का कोई जवाब नहीं है कि तरूण तेजपाल के मामले में गोवा पुलिस ने हाल ही में ऐसी कोई शिकायत नहीं होने के बावजूद स्वत: एफआइआर कैसे दर्ज कर ली थी।

दिल्ली पुलिस पर एफआइआर के लिए दबाव के साथ-साथ जस्टिस गांगुली के राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद से इस्तीफे की चौतरफा मांग उठ रही है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति को दोबारा पत्र लिखकर उन्हें पद से मुक्त करने की मांग की है। वहीं इस संबंध में एसएन सिंह ने भी राष्ट्रपति के साथ मुख्य न्यायाधीश और दिल्ली पुलिस को पत्र लिखा है। जस्टिस गांगुली को हटाने के साथ ही उन्होंने राष्ट्रपति से सुप्रीम कोर्ट के दूसरे पूर्व और वर्तमान जजों के खिलाफ इंटर्न की इसी तरह की शिकायतों की उच्च स्तरीय जांच कराने का आग्रह किया है।

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