आज ढीले पड़ सकते हैं गर्मी के तेवर, कई जगहों पर हो सकती है बारिश
आज कुछ जगहों पर बारिश के चलते मौसम के तेवर ढ़ीले पड़ सकते हैं। इसकी वजह से तापमान 40 डिग्री सेल्सियस या उससे नीचे भी जा सकता है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों में तापमान बढ़ने से दिन में आग बरस रही है। घरों से कामकाज पर निकले लोगों का हलक कुछ मिनट में ही सूख जा रहा है। जबकि, पहाड़ी इलाकों में लोग मैदान की अपेक्षा थोड़ी राहत महसूस कर रहे हैं। वैशाख में ही जेठ सी गर्मी ने उत्तर प्रदेश, झारखंड समेत कई अन्य राज्यों में जन-जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। हालांकि, बिहार में कई जगह बारिश हुई है। जिससे लोगों ने राहत की सांस ली।
पूर्वी हवा के चलने और पहाड़ी इलाकों व पंजाब के कुछ इलाकों में बारिश के चलते दिल्ली का मौसम भी बदल सकता है। मौसम विभाग के मुताबिक 50 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से तेज हवा चलने के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। अगले चार से पांच दिनों तक राजधानी में तपती गर्मी से राहत मिलने की संभावना है। अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस या उससे नीचे भी जा सकता है।
मौसम का बदला मिजाज शुक्रवार से ही दिखने लगा। बृहस्पतिवार को जहां पारा 43 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया था, वहीं शुक्रवार को तापमान 40.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जोकि सामान्य से 2 डिग्री सेल्सियस अधिक था।मौसम के बारे में जानकारी देने वाली संस्था स्काई मेट के मौसम वैज्ञानिक महेश पलावत ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के कारण पहाड़ी इलाकों में बारिश हुई है। हवा की दिशा पूर्वी है, जिसमें नमी है। नमी आने वाले दिनों में बढ़ सकती है। दिल्ली में इसका प्रभाव पांच दिन तक रह सकता है।
दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तरी राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में बारिश की संभावना है। शुक्रवार को दिल्ली में आद्र्रता का स्तर अधिकतम 69 फीसद तथा न्यूनतम 34 फीसद रहा। नमी आने वाले दिनों में बढ़ सकती है और इससे पंजाब, हरियाणा, उत्तरी राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में बारिश की संभावना है।
उप्र में गर्मी का प्रकोप, एक की मौत:
उप्र में शुक्रवार को तेज धूप के साथ चले लू के थपेड़ों ने लोगों को झुलसा डाला। गर्मी की वजह से मनुष्य ही नहीं बेजुबान भी गर्मी और प्यास से बेहाल रहे। कानपुर देहात में बुखार से पीड़ित किशोरी की मौत हो गई। बदनसीब बुंदेलखंड में चिलचिलाती गर्मी से चहुंओर लोग बेहाल हैं। बांदा में पारा 44 डिग्री दर्ज किया गया। बुंदेलखंड में ज्यादातर तालाब व पोखर सूख गए हैं और कुएं जवाब दे चुके हैं।
झारखंड में जमशेदपुर और गढ़वा तपे, पारा 43 के पार:
झारखंड प्रचंड गर्मी की चपेट में है। शुक्रवार को जमशेदपुर राज्य का सबसे गर्म जिला रहा। यहां का अधिकतम तापमान 43.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। गढ़वा व सरायकेला में भी आसमान से आग बरसती रही। गढ़वा में अधिकतम तापमान 43.5 और सरायकेला में अधिकतम तापमान 42.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। रांची, बोकारो में भी तापमान 40 के पार रहा। शनिवार व रविवार को उत्तर, उत्तर पूर्व और मध्य झारखंड में एक-दो स्थानों पर गर्जन के साथ हल्की बारिश की संभावना है।
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बिहार के उत्तर व दक्षिण पूर्वी जिलों में झमाझम बारिश:
सूबे से ट्रफ लाइन गुजरने के कारण अधिकांश इलाके में शुक्रवार को भी बादल छाए रहे। उत्तर व दक्षिण पूर्वी जिलों में आंधी के साथ झमाझम बारिश हुई। हालांकि, राजधानी समेत मध्य बिहार के कई जिलों में सिर्फ बूंदाबांदी हुई। शनिवार को भी राजधानी में बादल छाए रहने की उम्मीद है। पटना समेत प्रदेश के कुछ इलाके में हल्की बारिश हो सकती है। शुक्रवार को सुपौल, दरभंगा व भागलपुर में झमाझम बारिश रिकॉर्ड की गई। शुक्रवार को राजधानी में अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
हिमाचल में आग उगल रहे सूर्यदेव:
हिमाचल प्रदेश में शुक्रवार को सूर्यदेव ने रौद्र रूप दिखाया और यह दिन इस साल का सबसे गर्म रहा। 1प्रदेश में अधिकतम तापमान ऊना में 43.3 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। चौबीस घंटे के दौरान ही प्रदेशभर में औसतन अधिकतम व न्यूनतम तापमान में दो डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हुई है। नालागढ़ व बद्दी में भी अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया जहां लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। प्रदेश के निचले क्षेत्रों में गर्मी अपनी चरम सीमा पर है। इस सीजन का सबसे गर्म दिन शुक्रवार रहा। यहां पर इससे पहले अब तक 42 डिग्री सेल्सियस का आंकड़ा पार नहीं किया था।
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जम्मू-कश्मीर में मौसम में सुधार:
जम्मू-कश्मीर में उच्च पहाड़ी क्षेत्रों में हुई बारिश के बाद बढ़ रहे तापमान पर कुछ अंकुश लगा है। तीन दिन बाद पारा 40.0 डिग्री सेल्सियस के नीचे आ गया। हालांकि, न्यूनतम तापमान अभी भी सात डिग्री सेल्सियस ऊपर चल रहा है। कश्मीर में निचले इलाकों में मौसम शुष्क तो ऊपरी क्षेत्रों में बारिश जारी रही। गुरुवार की रात भद्रवाह और बनिहाल में करीब आठ एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई। जम्मू में भी बारिश के आसार बनते दिखने लगे, लेकिन तेज हवा के साथ मामूली बूंदाबांदी ने उम्मीद पर पानी फेर दिया। दिन का अधिकतम तापमान 39.3 डिग्री और सामान्य तापमान 35.0 डिग्री सेल्सियस है।
2040 में फरवरी ही बन जाएगी मई और जून
यदि पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान न दिया गया तो ग्लोबल वार्मिग मौसम में बड़े परिवर्तन करने पर आमादा है। बेफिक्री यथावत रही तो वर्ष 2040 तक उत्तर प्रदेश में फरवरी-मार्च में ही मई और जून जैसी झुलसा देने वाली गर्मी सितम ढाने लगेगी। पिछले 35 वर्षो में फरवरी, मार्च व अप्रैल का तापमान औसतन एक डिग्री सेल्सियस बढ़ गया है। ये नतीजा कानपुर से जुड़े रहे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) गांधी नगर, गुजरात के सिविल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर विमल मिश्र ने पिछले 35 साल के तापमान पर शोध करके निकाला है।
इसके लिए उन्होंने उत्तर प्रदेश के दस बड़े शहरों में 1980 से 2015 तक फरवरी, मार्च व अप्रैल के तापमान का अध्ययन किया। पर्यावरण के स्वरूप में इसी तरह के परिवर्तन होते रहे और ग्लोबल वार्मिग (भूमंडलीय तापमान में वृद्धि) को रोकने के कदम न उठाए गए तो आने वाले सालों में लोगों को असहनीय गर्मी का सामना करना होगा। मई व जून में कई शहर भट्ठी की तरह दहकेंगे।
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