डाक्युमेंट्री की मंजूरी देने के सवाल पर भड़के पूर्व गृहमंत्री शिंदे
दिल्ली सामूहिक दुष्कर्म कांड के दोषी के साक्षात्कार की मंजूरी क्या तत्कालीन गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे के कार्यकाल के दौरान दी गई थी? बुधवार को इस सवाल पर पूर्व गृहमंत्री भड़क गए। सुशील कुमार शिंदे ने कहा, 'मैंने इस तरह की कोई अनुमति नहीं दी। मेरे सामने कोई दरख्वास्त नहीं
हैदराबाद। दिल्ली सामूहिक दुष्कर्म कांड के दोषी के साक्षात्कार की मंजूरी क्या तत्कालीन गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे के कार्यकाल के दौरान दी गई थी? बुधवार को इस सवाल पर पूर्व गृहमंत्री भड़क गए। सुशील कुमार शिंदे ने कहा, 'मैंने इस तरह की कोई अनुमति नहीं दी। मेरे सामने कोई दरख्वास्त नहीं आई। मुझे इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है।'
पत्रकारों पर भड़कते हुए वह बोले, 'गृहमंत्री (राजनाथ सिंह) ने मुझ पर आरोप नहीं लगाया है। उन्होंने मेरा नाम नहीं लिया है। आप मेरा नाम ले रहे हैं। यह बिल्कुल उचित नहीं है।'पूर्व गृहमंत्री ने कहा कि उन्होंने संसद की कार्यवाही देखी है। उसमें गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने उनका हवाला नहीं दिया।
उन्होंने बताया, 'मैंने राज्यसभा में चली चर्चा को देखा। राजनाथ सिंह ने मेरे नाम का उल्लेख नहीं किया। संभवत: यह मंजूरी किसी दूसरे ने दी होगी.. मैंने कुछ नहीं जानता।'
उधर, निर्भया कांड के दोषी मुकेश के इंटरव्यू की इजाजत दिए जाने और उस पर बनी डॉक्यूमेंट्री को लेकर गमाई राजनीति के बीच अब अदालत ने भी इस मसले पर गंभीर रुख दिखाते हुए इस डॉक्यूमेंट्री के प्रसारण पर रोक लगा दी है। पटियाला हाउस कोर्ट ने आज पुलिस को आदेश देते हुए कहा कि अगले आदेश तक इस डॉक्यूमेंट्री के प्रसारण पर रोक लगाई जाती है। साथ ही कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया कि वह इस डॉक्यूमेंट्री का प्रसारण और प्रकाशन करने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई करे।
इससे पहले इस मुद्दे को लेकर आज संसद में जोरदार हंगामा हुआ, जिसके बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह को सफाई देनी पड़ी। उन्होंने सदन को बताया कि इंटरव्यू की इजाजत शर्तों के आधार पर दी गई थी। उन्होंने ये भी माना कि इस दौरान शर्तों की अनदेखी हुई है। फिलहाल विवादित डॉक्यूमेंट्री के प्रसारण पर रोक लगा दी गई है।
दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद निर्भया के गुनहगार मुकेश के बयानों के आधार पर बनी डॉक्यूमेंट्री का मुद्दा आज संसद में खूब गूंजा। राज्यसभा में विपक्ष के हंगामे और जबाव की मांग के बाद केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सफाई दी। राजनाथ सिंह ने कहा कि इंटरव्यू की इजाजत शर्तों के आधार पर दी गई थी। लेकिन यहां शर्तों की अनदेखी हुई है। शर्त के मुताबिक डॉक्यूमेंट्री पहले प्रशासन को दिखाना था।
राजनाथ सिंह ने कहा कि कोर्ट के आदेश के बाद डॉक्यूमेंट्री के प्रसारण पर रोक लगा दी गई है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि किसी भी कीमत पर इस डॉक्यूमेंट्री का प्रसारण नहीं किया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने डॉक्यूमेंट्री के प्रसारण मंजूरी की इजाजत की जांच कराने की भी बात कही है। उन्होंने माना कि इस मामले में शर्तों की अनदेखी हुई है और आगे से ऐसे कार्यक्रमों की कोई इजाजत किसी को भी नहीं दी जाएगी।
लोकसभा में भी इस मुद्दे पर बहस हुई। इस दौरान राजनाथ सिंह ने बताया कि मामले को लेकर जो भी जरूरी कदम उठाए जाने थे वो उठाए गए हैं। उन्होंने यहां भी माना कि इंटरव्यू की इजाजत शर्तों के आधार पर दी गई थी और इसका उल्लंघन किया गया है।
इससे पहले मंगलवार को दिल्ली पुलिस ने एफआइआर दर्ज किया। एफआइआर में किसी को नामित नहीं किया गया था। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी दोषी मुकेश सिंह से तिहा़ड़ जेल में एक ब्रिटिश फिल्मकार द्वारा साक्षात्कार करने पर कड़ा ऐतराज जताया और जेल प्रमुख से इस पूरे मुद्दे पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी।
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