उत्तराखंड में आफत की बारिश, चारधाम यात्रा रुकी
उत्तराखंड में दो दिनों से हो रही बारिश ने भारी तबाही मचाई है। बारिश ने प्रदेश में जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। भारी बारिश से जगह जगह पर भूस्खलन होने से रास्ते बंद हो गए हैं जिससे चारधाम यात्रा बुरी तरह से प्रभावित हुई है। मौसम विभाग ने प्रदेश में आज भी भारी बारिश की भविष्यवाणी की है। भारी बारिश की वजह से नदियां उ
देहरादून। उत्तराखंड में मंगलवार रात से लगातार हो रही बारिश ने भारी तबाही मचाई है। बारिश ने प्रदेश में जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। भारी बारिश से जगह-जगह पर भूस्खलन होने से रास्ते बंद हो गए हैं जिससे चारधाम यात्रा बुरी तरह से प्रभावित हुई है। मौसम विभाग ने प्रदेश में आज भी भारी बारिश की भविष्यवाणी की है।
भारी बारिश की वजह से नदियां उफान पर हैं। नदियों के आसपास रहने वाले लोगों को हटाकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। केदारघाटी समेत पूरे गढ़वाल में हो रही बारिश के कारण केदारनाथ यात्रा तीन दिन के लिए स्थगित कर दी गई है। कई स्थानों पर हाईवे बंद होने के कारण गंगोत्री यात्रा भी रुक गई है।
प्रदेश सरकार द्वारा दी गई सूचना के मुताबिक करीब साढ़े तीन हजार यात्री इस समय चारधाम यात्रा मार्गो पर हैं। उनके लिए 216 शेल्टर बनाए गए हैं। बड़ी संख्या में कहीं भी यात्री नहीं फंसे हैं। केदारनाथ और लिंचौली में करीब 150 यात्री रोके गए हैं। केदारनाथ यात्रियों का रजिस्ट्रेशन भी रोक दिया गया है।
भारी बारिश के कारण हो रहे भू धसाव के कारण विजयनगर और बांसवाडम में केदारनाथ हाईवे बड़ी गाड़ियों के लिए बंद रहा। अन्य स्थानों पर भी मलबा आने के कारण हाईवे बंद है। बीआरओ के सहायक कमान अधिकारी मुकेश कुमार ने बताया कि मलबा हटाने का काम जारी है जल्द आवाजाही शुरू करायी जायेगी।
उधर, करीब नौ महीने पूर्व सोनप्रयाग में बनाया गया वैली ब्रिज सोनगंगा के उफान में आने से क्षतिग्रस्त हो गया है। इस कारण सोनप्रयाग से गौरीकुंड जाने के लिए वाहनों की आवाजाही रुक गयी है। अब केदारनाथ की यात्रा पर जाने वाले यात्रियों को 18 के बजाय 22 किमी पैदल चलना पड़ेगा।
अलकनंदा खतरे के निशान से ऊपर
पहाड़ी क्षेत्रों में मंगलवार रात से हो रही भारी बारिश के कारण श्रीनगर में अलकनंदा नदी का जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर बहने लगा है। जिससे नदी किनारे की बस्तियों को खतरा पैदा हो गया है। जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बुधवार को श्रीनगर में अलकनंदा नदी का जल स्तर 535.500 मीटर तक पहुंच गया। जबकि नदी का चेतावनी स्तर 535 मीटर है।