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    पांच सदस्यीय समिति नामों का पैनल तैयार करके दे कोलीजियम को

    By Sanjeev TiwariEdited By:
    Updated: Mon, 02 Nov 2015 08:14 AM (IST)

    न्यायाधीशों की नियुक्ति की कोलीजियम व्यवस्था को सुधारने का समय आ गया है। गोपनीय कार्यप्रणाली के कारण चहुं ओर उठ रही उंगलियों और अपनों की नजरों में ही सवालों में घिरी कोलीजियम व्यवस्था को पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के लिए सुप्रीमकोर्ट ने सरकार सहित सभी पक्षों से सुझाव मांगे हैं।

    नई दिल्ली [माला दीक्षित]। न्यायाधीशों की नियुक्ति की कोलीजियम व्यवस्था को सुधारने का समय आ गया है। गोपनीय कार्यप्रणाली के कारण चहुं ओर उठ रही उंगलियों और अपनों की नजरों में ही सवालों में घिरी कोलीजियम व्यवस्था को पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के लिए सुप्रीमकोर्ट ने सरकार सहित सभी पक्षों से सुझाव मांगे हैं। कई तरह के सुझावों पर मंथन चल रहा है।

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    एक सुझाव पांच सदस्यीय समिति गठित करने का दिया जा रहा जो कि न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए कोलीजियम को नामों का पैनल तैयार करके दे और कोलीजियम उसी पैनल से चयन करे। मंगलवार को पांच न्यायाधीशों की पीठ कोलीजियम व्यवस्था में सुधार की गुंजाइश पर सुनवाई करेगी।

    सरकार व ज्यादातर पक्षकारों ने अभी तक अपने सुझाव कोर्ट को नहीं दिये हैं। हालांकि सरकार में इस मसले पर गहन विचार विमर्श चल रहा है। सरकार पहले से कुछ भी दाखिल करने के मूड में नहीं है। वह सीधे मंगलवार को अपने सुझाव कोर्ट को सौंपेगी। उधर केन्द्र और राज्य सरकारों की तरह ही एनजेएसी का समर्थन करने वाली सुप्रीमकोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) ने भी अभी सुझाव दाखिल नहीं किए हैं। एससीबीए की सचिव ऐश्वर्या भाटी कहती हैं कि इस मुद्दे पर सदस्यों से सुझाव मांगे गए थे। सदस्यों के सुझाव आये हैं सोमवार को उन पर चर्चा होगी और उसके बाद ही मंगलवार को कोर्ट को सुझाव दिए जाएंगे।

    एनजेएसी का विरोध करने वाली सुप्रीमकोर्ट एडवोकेट आन रिकार्ड एसोसिएशन (एससीएओआर) भी कोलीजियम में सुधार के लिए संभावित सुझावों पर विचार कर रही है। वरिष्ठ अधिवक्ता फली एस नारिमन और अनिल दीवान की अगुवाई में मंथन चल रहा है। ये लोग भी मंगलवार को ही कोर्ट में अपना मत रखेंगे। हालांकि एनजेएसी के विरोध में जनहित याचिका दाखिल करने वाले वकील आरके कपूर ने अपने सुझाव तैयार कर लिए हैं और उसका मसौदा नारिमन को भेज दिया है ताकि एक साथ ही सबके सुझाव कोर्ट को सौंपे जा सकें। कपूर का सुझाव है कि पांच सदस्यीय समिति गठित हो जो कि नियुक्ति के लिए नामों का पैनल तैयार करे। इस समिति में संबंधित हाईकोर्ट की कोलीजियम के बाद के तीन वरिष्ठतम न्यायाधीश, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन का अध्यक्ष और राज्य के एडवोकेट जनरल सदस्य हों। समिति जितनी रिक्तियां होंगी उसके तीन गुना नामों का पैनल तैयार करके कोलीजियम को सौंपेगी और कोलीजियम उसी पैनल से चयन करेगी। कपूर का सुझाव है कि नियुक्ति के इच्छुक वकील बार के अध्यक्ष को अपना आवेदन देंगे।

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    सरकार की तरफ से एडवोकेट जनरल और न्यायपालिका की तरफ से तीन न्यायाधीश समिति को नाम बता सकते हैं। चर्चा के बाद समिति पैनल तैयार करेगी। चयन के मानक में उन वकीलों को तरजीह दी जाएगी जिनके ज्यादा केस जनरल में प्रकाशित हुए हों। प्रक्रिया पारदर्शी बनाने के लिए समिति की ओर से कोलीजियम को भेजा गया नामों का पैनल वेबसाइट पर डाला जाए। उस पर बार से आपत्तियां मंगाई जाएं ताकि उस व्यक्ति के आचरण और व्यवहार के बारे में जानकारी मिल सके। अंतिम चयन जरूर कोलीजियम के हाथ में हो लेकिन कोलीजिय को उसी पैनल से चयन करना होगा।

    उधर चर्चा है कि हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति पर कोलीजियम जल्दी ही बैठक करने वाली है। क्योंकि एनजेएसी पर सुनवाई लंबित रहने के कारण उच्च न्यायालयों में मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति नहीं हो पाई थी जिसके कारण कई जगह कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश कामकाज देख रहे हैं।

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