विशेषज्ञों ने किया नई स्वास्थ्य नीति का स्वागत
स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करने वाले साढ़े चार हजार संगठनों के संघ वीएचएआइ का कहना है कि यह नीति सब को स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करवाने के लक्ष्य को हासिल करने पर जोर देती है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्र सरकार की ओर से लाई गई नई राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति का विशेषज्ञों और लोक स्वास्थ्य संगठनों ने खुल कर स्वागत किया है। सभी के लिए स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवाने के लक्ष्य को इन्होंने बेहद उपयुक्त बताया है। साथ ही निजी क्षेत्र पर ज्यादा निर्भरता को ले कर सावधान भी किया है।
स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करने वाले साढ़े चार हजार संगठनों के संघ 'वोलंट्री हेल्थ एसोसिएशन ऑफ इंडिया' (वीएचएआइ) का कहना है कि यह नीति सब को स्वास्थ्य सेवा (यूएचसी) उपलब्ध करवाने के लक्ष्य को हासिल करने पर जोर देती है। साथ ही सभी को गुणवत्तापूर्ण सेवा किफायती दरों पर उपलब्ध करवाने की वकालत करती है। इसने मुफ्त दवा, जांच और अन्य स्वास्थ्य सेवाओं के प्रावधान की वकालत की है जो बेहद उपयोगी है। साथ ही इसने निजी क्षेत्र पर निर्भरता की स्थिति से बचने की अपील भी की है।
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वीएचएआइ के अध्यक्ष आलोक मुखोपाध्याय कहते हैं, 'सरकार को निजी क्षेत्र के लिए अनुकूल माहौल बनाने को ले कर सावधान रहने की जरूरत है। यह ध्यान रखना होगा कि स्वास्थ्य को बाजार के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता।' इसी तरह 'पार्टनरशिप टु फाइट क्रॉनिक डिजीजेज' (पीएफडीसी) के भारत प्रतिनिधि अमन गुप्ता ने इसका स्वागत करते हुए कहा है, 'अगर इस नीति को सही तरीके से लागू किया जाए तो इससे रोगों के बढ़ते बोझ को कम करने में मदद मिलेगी। साथ ही लोगों को बेहतर और किफायती स्वास्थ्य सेवाएं मिलना संभव हो पाएगा।'
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एचसीजी हॉस्पिटल के प्रख्यात कैंसर विशेषज्ञ डॉ. बीएस अजय कुमार कहते हैं 'जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों पर इसमें ध्यान दिया गया है। साथ ही नवजात व मातृत्व मृत्य दर को कम करने व संक्रामक रोगों पर भी ध्यान दिया गया है। अब उम्मीद है कि इस व्यापक योजना को लागू करने के लिए सही तरीके भी अपनाए जाएंगे।' स्वास्थ्य पर सरकारी खर्च को सकल घरेलू उत्पादन (जीडीपी) के 2.5 फीसदी तक पहुंचाने के लक्ष्य को भी सभी ने सराहा है।