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रिकॉर्ड मतदान, अब मंगल पर नजर

भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी के बीच छिड़ी दिल्ली जीतने की जंग में शनिवार को मतदाताओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। देर शाम तक हुए मतदान में रिकॉर्ड 67.14 फीसद मतदान हुआ। दिल्ली के कमोबेश सभी इलाकों में मतदान को लेकर उत्साह देखा गया। झुग्गी-झोपडिय़ों वाले पूर्वी दिल्ली इलाके

By Sachin kEdited By: Published: Sat, 07 Feb 2015 02:34 AM (IST)Updated: Sun, 08 Feb 2015 12:35 AM (IST)
रिकॉर्ड मतदान, अब मंगल पर नजर

जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी के बीच छिड़ी दिल्ली जीतने की जंग में शनिवार को मतदाताओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। देर शाम तक हुए मतदान में रिकॉर्ड 67.14 फीसद मतदान हुआ। दिल्ली के कमोबेश सभी इलाकों में मतदान को लेकर उत्साह देखा गया। झुग्गी-झोपडिय़ों वाले पूर्वी दिल्ली इलाके ने मतदान में बाजी मारी।

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मतगणना दस फरवरी (मंगलवार) को होगी। एक्जिट पोल भले ही जीत-हार पर चर्चा कर रहे हों लेकिन भाजपा और आप, दोनों का दावा अपनी-अपनी जीत का है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह और संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने विश्वास जताया है कि दिल्ली में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनेगी।

खुशनुमा मौसम में दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों, झुग्गी-झोपडिय़ों सहित अन्य इलाकों में सुबह से ही मतदान को लेकर भारी उत्साह देखा गया। मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में भी जमकर वोट पड़े। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था होने के बावजूद ङ्क्षहसा की छिटपुट घटनाएं हुईं लेकिन उनसे कहीं भी मतदान बाधित नहीं हुआ।

दिल्ली में मतदाताओं को मतदान के लिए जागरूक करने को दैनिक जागरण ने भी 'सभी चुनें, सही चुनें का नारा देकर अभियान चलाया था।

गौरतलब है कि दिल्ली में 1993 में पहली बार विधानसभा के चुनाव हुए थे और मतदान फीसद 61.75 रहा था। वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में 57.58 फीसद वोट पड़े थे। 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में 65.7 फीसद मतदान हुआ था, मगर किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था। बाद में आप ने कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई थी।

मतदान बहिष्कार
नरेला विधानसभा क्षेत्र के सिख बहुल ढाई हजार आबादी वाले झंगोला गांव में सुविधाएं न होने से नाराज मतदाताओं ने मतदान नहीं किया। उन्हें गुस्सा इस बात का था कि उनकी चेतावनी के बावजूद कुछ नहीं किया गया।

किसने, क्या-कहा ः

'दिल्लीवासियों का आभार। आपने जाति और धर्म की राजनीति को नकार दिया। आशा है नतीजे एक्जिट पोल जैसे ही होंगे।'

- अरविंद केजरीवाल, आप संयोजक

'हम एक्जिट पोल पर विश्वास नहीं करते। भरोसा है कि दिल्ली में भाजपा जीतेगी। अगर हारे तो जिम्मेदारी मेरी होगी।'
- किरण बेदी, भाजपा की मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार

'नतीजे कुछ भी हों लेकिन हम सरकार बनाने के लिए न समर्थन लेंगे और न देंगे।'

- अरविंदर सिंह लवली, अध्यक्ष, दिल्ली कांग्रेस कमेटी

आप के आरोप
-भाजपा ने वोटरों को लुभाने के लिए शराब और पैसे बांटे हैं।
-किरण बेदी ने कृष्णा नगर में नियम विरुद्ध सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ बाइक रैली की और पदयात्रा निकाली।
-धीमी मतदान गति की चुनाव आयोग से शिकायत। हालांकि आयोग ने कहा कि उसे कहीं से ऐसी खबर नहीं मिली है।

भाजपा के आरोप
-लोग खासी संख्या में वोट डालने निकले हैं। रिश्वत के आरोप आप की निराशा दर्शाती है।
-किरण बेदी ने एक मोबाइल रिकॉर्डिग दिखाते हुए कहा कि आप कार्यकर्ताओं ने वोटरों को धमकाया।
-नई दिल्ली से केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ रहीं भाजपा प्रत्याशी नूपुर शर्मा ने कहा कि आप कार्यकर्ताओं ने उनसे बदसलूकी की।


पिछला वोटिंग रिकॉर्ड
2013 के विधानसभा चुनाव में 66 फीसदी वोट पडे़ थे। यह 2008 के चुनाव की तुलना में करीब 9 फीसदी ज्यादा था। 2008 में 57.58 फीसदी वोट पड़े थे।

पढ़ें: दिल्ली चुनाव: किरण बेदी, केजरीवाल और माकन की सीटों पर रहेगी नजर

कितने अहम होंगे नतीजे

आप के लिए..
-आप के लिए अस्तित्व की लड़ाई। यदि सरकार बनाने में विफल रही तो पार्टी बिख़ड़ने का खतरा।
-जीती तो दिल्ली में सरकार बनाने के साथ ही विपक्षी खेमे में अहमियत बढ़ जाएगी।

भाजपा के लिए..
-भाजपा के लिए इस साल बिहार और अगले साल पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनावों की दिशा तय करेगा।
-भाजपा की जीत-हार दोनों ही प्रधानमंत्री मोदी के नाम लिखी जाएगी। हालांकि भाजपा इससे इंकार कर रही है।

कांग्रेस के लिए..
-स्थिति नहीं सुधरी तो राहुल गांधी के नेतृत्व पर फिर से हमले का खतरा। लगातार हार से कार्यकर्ताओं में निराशा बढेगी।
-संभव है कि फिर से प्रियंका गांधी को सक्रिय भूमिका में उतराने की मांग जोर पक़डे़।

पढ़ेंः नए रिकार्ड की उम्मीद

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