इफ्तार पर भारी कांग्रेस का असमंजस
राहुल गांधी के विदेश में होने की वजह से गलतफहमी की आशंका से कांग्रेस ने इस बार इफ्तार रद कर दी है। इसके अलावा जीएसटी पर भी विपक्ष बंटा हुआ है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस के अंदर उहापोह का असर इफ्तार पर भी दिखेगा। हर साल होने वाली कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की इफ्तार पार्टी इस बार रद हो गई है और कारण है कांग्रेस का राजनीतिक मनोबल।
दरअसल एक तरफ जहां पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी देश से बाहर हैं, वहीं विपक्ष के अंदर भी कांग्रेस के दोस्तों की संख्या कम हुई है। पार्टी फिलहाल यह सार्वजनिक होने देना नहीं चाहती है। औपचारिक घोषणा तो नहीं हुई है लेकिन अंदरखाने यह संदेश पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चे तक पहुंचा दिया गया है।
ध्यान रहे कि इफ्तार पार्टी के जरिए राजनीतिक ताकत की आजमाइश भी होती रही है और संदेश का माध्यम भी रहा है। यही कारण है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छवि बनाने की कोशिश में संघ के अनुषांगिक संगठन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने भी इंटरनेशनल इफ्तार का आयोजन 2 जुलाई को किया है। 40 मुस्लिम देशों के राजनयिकों ने हामी भी भरी है। वहीं दूसरी ओर पिछले दिनों में विपक्षी खेमे में कांग्रेस अलग थलग हुई है।
जीएसटी को तृणमूल कांग्रेस सरकार के साथ खड़ी है। जदयू पहले ही जीएसटी के पक्ष में है। आगामी संसद सत्र में सपा भी सरकार को मदद करे इसकी संभावना ज्यादा है। वैसे भी उत्तर प्रदेश के आगामी चुनाव को देखते हुए सपा फिलहाल नजदीकी दिखाना नहीं चाहेगी।
ये भी पढ़ेंः इस वर्ष इफ्तार पार्टी आयोजित नहीं करेंगी सोनिया
ध्यान रहे कि सोनिया की इफ्तार में नेताओं के टेबल आरक्षित होते हैं और उसमें अल्पंसख्यक चेहरों के साथ साथ विभिन्न नेताओं को सोनिया, राहुल, मनमोहन सिंह आदि के साथ बिठाया जाता है। एक बड़ा कारण राहुल का देश से बाहर होना भी है।
दरअसल, पांच राज्यों में चुनावी नतीजों के बाद से ही खबरें तेज हैं कि अब राहुल गांधी पार्टी की कमान संभालेंगे। ऐसे में इफ्तार के दौरान उनकी गैर मौजूदगी का गलत संदेश जाने का भी डर है। लिहाजा इफ्तार ही रद कर दी गई है। ध्यान रहे कि इससे पहले इफ्तार तभी रद हुई है जब आसपास कोई बड़ी त्रासदी हुई हो।