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    ..तो इनके लिए खुशखबरी लाया है कमजोर रुपया

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    Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)

    पिछले कुछ दिनों से रोज बाजार खुलते ही खबर आती है कि रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया। ये खबर आते ही निवेशकों और कंपनियों के पसीने छूटने लगते हैं। ...और पढ़ें

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    नई दिल्ली। पिछले कुछ दिनों से रोज बाजार खुलते ही खबर आती है कि रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया। ये खबर आते ही निवेशकों और कंपनियों के पसीने छूटने लगते हैं। ऐसे माहौल में अगर कोई खुशी मनाते हुए कहे कि रुपया और गिरे तो उसे गलत न समझें।

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    पढ़ें: रुपये की गिरावट थामने के लिए सरकार ने क्या-क्या किए जतन

    इस कमजोर रुपये से 'कही खुशी कही गम' की स्थिति पैदा कर दी है। कमजोर रुपये से कई कंपनियों और कारोबारी क्षेत्रों की बल्ले-बल्ले हो भी गई है। आइये हम आपको बताते हैं कि गिरते रुपये ने किनके चेहरों पर मुस्कान बिखेर दी है।

    निर्यातकों को फायदा

    कमजोर रुपये से सबसे ज्यादा फायदा निर्यातकों को हो रहा है। मान लीजिए एक निर्यातक अमेरिका कोई वस्तु निर्यात करता है और उसे 100 डॉलर का भुगतान मिलना है। निर्यात करते समय 1 डॉलर की कीमत 55 रुपये थी। वर्तमान में डॉलर के मुकाबले रुपया 62 पर पहुंच गया। ऐसे में पहले निर्यातक को 5,500 रुपये मिलने थे लेकिन अब उसे 6,200 रुपये मिलेंगे।

    स्टील कंपनियां : स्टील कंपनियों ने मौके की नजाकत देखते हुए अपनी रणनीति में बदलाव किया है। भारतीय स्टील निर्माताओं ने मध्य पूर्व एवं उत्तरी अफ्रीका, दक्षिण एशिया के अलावा यूरोप को लक्षित किया है।

    आईटी कंपनियां : कमजोर रुपये ने आईटी कंपनियों को ढेरों खुशियां दी हैं। भारतीय आईटी कंपनियों का अधिकांश कारोबार निर्यात से जुड़ा है। ऐसे में उनके लिए लुढ़कता रुपया वरदात स्वरूप है।

    पर्यटन उद्योग में उछाल

    ट्रैवल एंड टूरिजम सेक्टर को घटने रुपये का फायदा मिल रहा है। यदि किसी विदेशी की भारत यात्रा का खर्च 1,00,000 है और 1 डॉलर का मूल्य 50 रुपये है तो उस पर्यटक का खर्च 2,000 डॉलर पड़ेगा। वहीं अगर रुपया 60 के स्तर पर रहता है तो उसका खर्च करीब 1,666 डॉलर हो जाएगा। ऐसे में विदेशी पर्यटकों के लिए भारत बड़े आकर्षण का केंद्र बन जाएगा।

    एनआरआई के लिए रियल एस्टेट बना लुभावना

    रियल एस्टेट विशेषज्ञों का मानना है कि यदि रुपया अपने वर्तमान स्तर पर बना रहता है तो हमें बाजार में ज्यादा से ज्यादा एनआरआई खरीदार नजर आएंगे। रियल एस्टेट सेक्टर इस वक्त सुस्ती के दौर से गुजर रहा है। ऐसे में एनआरआई निवेशकों को सस्ते में डील करने का मौका मिल रहा है।

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